भोपाल । सरकार भले ही सड़क की मजबूती के लाख दावे क्यों न करे, पर हकीकत में राज्य की सड़कों की हालत कमजोर नहीं बेहद कमजोर है. दो करोड़ से ज्यादा की लागत से बनी रोड एक साल में दम तोड़ने लगी है. मामला राजधानी के बैरसिया का है. बैरसिया के इमला चौकी थाना से धमर्रा गांव के बीच में 4 किलोमीटर बनी सड़क पूरी तरह जर्जर होने लगी है. कई जगह से रोड उखड़ गई है. रोड उखड़ने पर धूल दिखाई दे रही है. यह रोड पीडब्लूडी विभाग ने ठेकेदार के जरिए बनवाई थी. करीब चार किलोमीटर लंबाई की सड़क का निर्माण 2 से 3 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था और पांच साल तक इसकी गारंटी भी तय की गई थी, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
इस रोड से गुजरने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की ओर से सही मॉनिटरिंग नहीं करने से ठेकेदार ने मनमाने तरीके से स्तरहीन सड़क बना दी है. इसकी वजह से सड़क कुछ समय बाद ही उखड़ने लगी. आलम यह हुआ कि पांच साल की गारंटी वाली सड़क सिर्फ एक साल में ही दम तोड़ रही है. ठेकेदार ने किस तरह से सड़क का निर्माण कराया, इसका अंदाजा सड़क की हालत देखकर लगाया जा सकता है. पीडब्ल्यूडी के छोटे कर्मचारियों ने भी माना कि रोड सही नहीं बनी है.
धमर्रा पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि गजराज सिंह कुशवाहा का कहना है कि इस रोड की बहुत बुरी हालत हो रही है. हम बार-बार अपने लेटर पैड पर लिखकर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस मामले में PWD के SDO डीके शर्मा ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, लेकिन अपने वर्जन में कहा कि ठेकेदार ने जब यह रोड बनाया था, तब गड़बड़ दिखने पर मैने उसको उखड़वाकर दोबारा बनवाया है.
यह रोड गारंटी पीरियड में है, ठेकेदार से उसके खर्चे पर मरम्मत का काम करवाया जा रहा है. इस रोड की कैपेसिटी 10 से 15 टन है, जबकि यहां पर स्थापित क्रेशर वाले 20 से 25 टन लोड ले जा रहे हैं, जिसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है. इस मामले में एसडीएम बैरसिया राजीव नंदन श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में लाया गया है, जिसकी जांच करवाई जा रही है.