भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने संविदा प्राध्यापकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. कोरोना महामारी के बीच आरजीपीवी ने सभी संविदा प्राध्यापकों की सेवाएं आज से समाप्त कर दी हैं. संविदा प्राध्यापकों का कहना है कि देश कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहा है और लॉकडाउन की स्थिति में सभी आर्थिक महामारी से भी लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर देने से कई संविदा प्राध्यापकों पर आर्थिक संकट आ गया है.
संविदा प्राध्यापकों का कहना है कि, प्रधानमंत्री एमएचआरडी और श्रम मंत्रालय एआईसीटीई के द्वारा जारी आदेशों में पहले ही बोला गया है कि, ऐसी परिस्थितियों में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से ना निकाला जाए. लेकिन आरजीपीवी प्रशासन अपने आपको इन सभी अधिकारिक संस्थाओं से ऊपर मानकर उनके सभी आदेशों को नकार कर आरजीपीवी में कार्यरत सभी संविदा प्राध्यापकों को कोरोना जैसी आपातकाल स्थिति में नौकरी से निकाल दिया गया है.
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि यूआईटीआरजीपीवी में अभी भी वर्तमान सत्र चल रहा है. जिसमें छात्रों को ऑनलाइन क्लास द्वारा पढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही उनके मिड सेम परीक्षाएं भी चल रही हैं और प्रेक्टिकल फाइल माइनर मेजर प्रोजेक्ट जमा कराए जा रहे हैं और इसी बीच एक आदेश निकालकर सभी संविदा अध्यापकों को नौकरी से निकाल कर सभी छात्रों के भविष्य से आरजीपीवी द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है.
अब सभी संविदा प्राध्यापक लॉकडाउन के चलते एकजुट होकर सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध जता रहे हैं और नौकरी पर वापस आने के लिए देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं.