भोपाल। देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. ऐसे में इलेक्ट्रिक गाड़ियां एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी हैं. महंगाई की मार से बचने के लिए बैट्री से चलने वाले व्हीकल की डिमांड आनेवाले समय में बढ़ेगी. लेकिन इन गाड़ियों को चार्ज करना, एक बड़ी परेशानी है. ऐसे में भोपाल के राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीटेक स्टूडेंट अनुपम पांडे की डिवाइस मददगार साबित हो सकती है. अनुपम पांडे ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो इलेक्टिक व्हीकल के माइलेज को 10 गुना तक बढ़ा सकती है. इस डिवाइस को जल्द ही पेटेंट कराकर कर अनुपम अपना स्टार्टअप शुरू करने की तैयारी में हैं.
तीन साल पहले आया आइडिया
राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विष्वविद्यालय के यूआईटी डिपार्टमेंट के छात्र अनुपम पांडे, बीटेक (कम्प्यूटर साइंस) में थर्ड ईयर के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि फर्स्ट ईयर में उन्हें इलेक्ट्रिक व्हीकल के बारे में पढ़ाया गया था, तभी उन्हें इसका आइडिया आया और उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. बाद में प्रोफेसर पीयूष शुक्ला ने उनकी बहुत मदद की और करीब दो साल बाद अब यह ईआर सिस्टम अपने अंतिम चरण में है.
कैसे काम करेगा ईआर सिस्टम
अनुपम पांडे बताते हैं कि इस सिस्टम में फिजिक्स और इलेक्ट्राॅनिक्स की थ्योरी का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने इसकी मदद से एक फीजियो इलेक्ट्रिक चिप का सर्किट बनाया है. इससे जब इलेक्ट्रिक व्हीकल चलेगा तो अपने आप इलेक्ट्रीसिटी जनरेट होगी. इसका पहला फायदा यह होगा कि रोजाना ई-व्हीकल को चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. करीब 8 से 10 दिन में ही बैटरी को फिर से चार्ज करना होगी. इसके साथ ही व्हीकल का माइलेज भी 10 गुना तक बढ़ जाएगा. आरजीपीवी (RGPV) के प्रोफेसर पीयूष शुक्ला ने जानकारी देते हुए कहा कि विज्ञान का सिद्धांत है कि ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती. इसी थ्योरी पर यह रिसर्च की गई है.
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स्टार्टअप शुरू करने की तैयारी
अनुपम का दावा है कि ईआर सिस्टम लगभग तैयार हो गया है. अगले छह महीने में इसे पूरी तरह से बना लिया जाएगा. इसे लेकर जल्द ही वो अपना स्टार्टअप शुरू करने जा रहे हैं. साथ ही ईआर सिस्टम को पेटेंट कराने की तैयारी भी की जा रही है. प्रोफेसर शुक्ला का दावा है कि यह सिस्टम इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बेहतर रिजल्ट लेकर आएगा.