भोपाल। इस साल 26 जनवरी को दिल्ली में एमपी की झांकी भी दिखाई देगी. इस बार एमपी की 'आत्मनिर्भर नारी' राजपथ पर दिखेगी. 26 जनवरी 2024 को देश की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर राज्यों की सांस्कृतिक वैभव और विकास को दर्शाने वाली झांकियों में मध्यप्रदेश की झांकी विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी. झांकी की थीम 'विकास का मूल मंत्र-आत्मनिर्भर नारी' है. झांकी मध्यप्रदेश की प्रगतिशील नारी शक्ति पर केन्द्रित है. हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश की नारी आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर रही है.
महिला फाइटर को लड़ाकू विमान के साथ दिखाया जायेगा: इस झांकी में बताया गया है कि ''आज प्रदेश की बेटियां खेत-खलिहान से लेकर विमान उड़ाने में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहीं हैं. गणतंत्र दिवस की भव्य झांकी में मध्यप्रदेश की आत्मनिर्भर हो रही नारी की प्रतिभा दिखाई जायेगी. इसके अलावा झांकी के अग्रभाग में भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट और प्रदेश की बेटी अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान के प्रतिरूप के साथ दिखेंगी. इसके बाद स्व-सहायता समूह की एक महिला कलाकार मटके पर चित्रकारी करते नजर आयेंगी.
महल गेट चंदेरी की प्रतिकृति: दूसरे भाग में मध्य भाग में बादल महल गेट चंदेरी की प्रतिकृति होगी एवं विश्व विख्यात चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट साड़ियों को तैयार करने वाली बुनकर महिलाएं साड़ियों के एक प्रतीकात्मक प्रदर्शनी काउंटर के साथ विक्रय के लिए खड़ी दिखाई देंगी. झांकी के अंतिम भाग में बेहतर पोषण युक्त आहार यानि मोटे अनाज (मिलेटस) उत्पादन को प्रोत्साहन की प्रेरणा देती भारत के मिलेट मिशन की ब्रांड एम्बेसेडर और मिलेट क्वीन ऑफ इंडिया के रूप में ख्याति प्राप्त मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले की सुश्री लहरी बाई दिखाई देंगी.
प्रकार मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा: लहरी बाई के हाथ में विक्रय के लिये मिलेट्स का एक पैकेट दिखाई देगा. इस प्रकार मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के हमारे राष्ट्रीय संकल्प को दर्शाया गया है. यह प्रतिमा 180 डिग्री एंगल पर घूमती दिखाई दे रही है. इसके आसपास बांस की बनी विभिन्न टोकरियों में प्रदेश में पैदा होने वाला विभिन्न प्रकार का मोटा अनाज प्रदर्शित किया जायेगा. झांकी के निचले और बाहरी हिस्से में स्टोन कार्विंग से निर्मित शिल्प एवं प्रदेश की समृद्ध गोंड जनजातीय की महिला कलाकार चित्रकारी करती दिखाई देंगी. अंतिम भाग में मोटे अनाज से निर्मित महिलाओं के भित्ति चित्र को दर्शाया जायेगा.
मटकी लोक गीत पर नृत्य: झांकी के आसपास प्रदेश के स्थानीय अंचल मालवा के लोकगीत की धुन पर मटकी लोक-नृत्य करती महिलाएं साथ चलती दिखाई देंगी. जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. कर्तव्य पथ पर निकलने वाली राज्यों की झांकियों में मध्यप्रदेश की झांकी का चयन किया गया है. इसके लिये राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है. झांकियों के चयन के लिये कड़े मापदण्ड रखे जाते हैं.
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2020 में एमपी की थीम को रिजेक्ट किया था: तीन साल पहले प्रदेश सरकार की ओर से आत्म निर्भर मध्य प्रदेश थीम पर झांकी तैयार करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था. जिसको केंद्र द्वारा मंजूरी नहीं मिली थी.
कैसे किया जाता है झांकी का चयन: रक्षा मंत्रालय की ओर से हर साल देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकी निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं. जिसमें राज्यों को प्रस्ताव में थीम के अलावा झांकी का स्केच या डिजाइन भेजना होता है. जिसे उच्च स्तरीय कमेटी निरीक्षण करने के बाद झांकी निर्माण किए जाने पर सहमति देती है.