भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के एक फैसले के बाद हजारों संविदा कर्मचारियों में उम्मीद की लहर दौड़ गई है. एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट कमलनाथ सरकार से सवाल पूछा है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित क्यों नहीं किया जा सकता है. हाई कोर्ट ने 3 महीने के अंदर सरकार से जवाब पेश करने को कहा है.
मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि मध्यप्रदेश सहकारिता एवं पंजीयन विभाग जिला सहकारी बैंकों द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर नियमित भर्ती की जा रही है. लेकिन, पहले से संविदा पर कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर को नियमित नहीं किया जा रहा है. आयुक्त पंजीयक सहकारी संस्था ने 1 मार्च 2019 को आदेश जारी किया था जिसके मुताबिक पहले से संविदा पर कार्य कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सेवाएं 30 जून 19 को समाप्त मानी जाएंगी.
इस फैसले के विरोध में संविदा ऑपरेटरर्स ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है. सरकार के पास कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए तीन महीने का वक्त है.