हैदराबाद। पृथ्वी पर लगातार तेजी से बदलाव हो रहे हैं. इसका बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है. जलवायु परिवर्तन से ही मौसम में भी परिवर्तन देखा जा रहा है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं. आलम यह है कि कई देशों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक अध्ययन में दावा किया है कि मौसम में बदलाव का एक कारण चांद भी हो सकता है.
अपनी कक्षा से डगमगा सकता है चांद
NASA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2030 में जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ते समुद्र के जलस्तर के साथ चांद अपनी कक्षा से डगमगाएगा, जिससे धरती पर विनाशकारी बाढ़ आएगी. नासा का यह अध्ययन क्लाइमेट चेंज पर आधारित जर्नल नेचर में 21 जून को प्रकाशित हुआ है.
अध्ययन में चांद पर हलचल के चलते धरती पर आने वाली बाढ़ को 'उपद्रवी बाढ़' कहा गया है. इस तरह की बाढ़ तटीय इलाकों में आती है, जब समुद्र की लहरें रोजाना की औसत ऊंचाई के मुकाबले 2 फीट ऊंची उठती हैं. घर और सड़क सब जलमग्न हो जाते हैं. इससे दैनिक दिनचर्या प्रभावित होती है.