भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 500 पार हो रही है. सूबे की राजधानी में कोरोना को हराने के लिए संभाग की पहली महिला आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव के नेतृत्व में अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं. संभागायुक्त कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सुबह से ही अधिकारियों से फीडबैक और मॉनिटरिंग शुरू कर देती हैं जो देर रात तक जारी रहता है.
कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव सुबह से ही संभाग के सभी जिलों से फीडबैक लेना शुरू कर देती हैं, वो कहती हैं कि ये ऐसा समय है जब सभी को अपना बेस्ट देना होगा. इस समय जितना भी करेंगे वो कम है और इसी जज्बे से हम इस महामारी को हरा पाएंगे. हालांकि जिस तरह से स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी और दो IAS संक्रमण की चपेट में आए उसके बाद सभी और ज्यादा सतर्क हो गए. वो कहती हैं कि काम तो सभी को करना है, लेकिन सभी अधिकारी-कर्मचारियों से कहा गया है कि खुद को बचाते हुए काम करें.
1992 बैच की महिला आईएएस अधिकारी कल्पना श्रीवास्तव भोपाल संभाग की पहली महिला संभागायुक्त हैं, उनकी छवि तेजतर्रार कार्यशैली की रही है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए वो खूब मेहनत कर रही है. वो कहती हैं कि कोविड-19 सभी अधिकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है. इस तरह के चैलेंज से पहले कभी सामना नहीं हुआ. इस चुनौती से निपटने के लिए राजधानी भोपाल और संभाग के सभी पांचों जिलों में टेस्टिंग और हेल्दी स्क्रीनिंग की स्ट्रेटजी अपनाई है.
राजधानी भोपाल हॉटस्पॉट है इसलिए यहां ज्यादा से ज्यादा सेंपलिंग और हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है. इसका फायदा ये है कि पॉजिटिव मरीजों का जल्दी पता चलने से संक्रमण का स्प्रेड भी कम होता है और ट्रीटमेंट भी जल्दी शुरू हो जाता है. इसी तरह कंटेनमेंट एरिया को सख्ती से कंटेन रखा जा रहा है, साथ ही इस क्षेत्र के लोगों की जरूरत को पूरा किया जा रहा है.