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देश के सबसे सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल हुआ भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट

भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट में पिछले सालों से लगातार हो रहे कामों का नतीजा आखिरकार सामने आ रहा है. एयरपोर्ट को देश के सबसे सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल किया गया है.

bhopal airport
भोपाल एयरपोर्ट
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Published : Sep 1, 2020, 2:57 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट देश के सबसे सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल हो गया है. पिछले कुछ सालों में किए जा रहे लगातार कामों का ही नतीजा है कि, राजा भोज विमानतल अब देश के चुनिंदा हवाई अड्डों में गिना जाने लगा है. एयरपोर्ट के रनवे पर री-कार्पेंटिंग के दो साल बाद घर्षण परीक्षण किया गया था. इस दौरान किसी भी तरह की कोई कमी इस एयरपोर्ट पर नहीं मिली है. इसके बाद यह सुरक्षित माना गया है कि, बड़े विमानों की सुरक्षित लैंडिंग राजा भोज एयरपोर्ट पर आसानी से की जा सकती है. इसमें किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं है .

bhopal airport
सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल हुआ राजा भोज एयरपोर्ट.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण विमानों की सुरक्षित लैंडिंग कराने के उद्देश्य में समय- समय पर हवाई अड्डों के रन-वे का घर्षण परीक्षण करवाता है. एक विशेष वाहन की मदद से यह देखा जाता है कि, रन-वे लैंडिंग के समय तेज गति से आ रहे विमानों का भार सहन करने में सक्षम है या नहीं. भोपाल में GPS युक्त वाहन की मदद से घर्षण परीक्षण किया गया है. परीक्षण के दौरान 9 हजार फुट लंबे रन-वे पर लैंडिंग के दौरान आने वाली कोई भी परेशानी नजर नहीं आई है. रन-वे घर्षण परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है. यहां हाई स्पीड विमान भी आसानी से उतारे जा सकते हैं. यहां की गई सुरक्षा व्यवस्था भी काफी बेहतर मानी गई है.


एयरपोर्ट को हासिल हुई बड़ी सफलता
बता दें, राजा भोज एयरपोर्ट पर करीब दो साल पहले रन-वे पर री-कार्पेंटिंग कराई गई थी. इसके पहले कई बार विमानों के टायर फटने की घटनाएं हुई थी. री-कार्पेंटिंग के बाद कोई भी इस प्रकार की घटना की प्रवृत्ति नहीं हुई है, वहीं री -कार्पेंटिंग पर करीब 9 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. अब घर्षण परीक्षण के बाद एयरपोर्ट का सुरक्षित हवाई अड्डों में शामिल हो जाना एक बड़ी सफलता है.

ये भी पढ़ें- सुरेंद्र सिंह चौधरी ने लिखा सीएम शिवराज को पत्र, प्रधानमंत्री फसल बीमा के आवेदन की तारीख बढ़ाने की मांग

बता दें कि, विमान लैंड होते समय सबसे पहले टायर रन-वे पर स्पर्श करते हैं. रन- वे सीमेंट से बना होता है. सीमेंटेड हिस्से पर कारपेट की तरह बेस बनाया जाता है, ताकि विमानों के टायर खराब ना हों. सीमेंटेड कारपेट खराब होने से व्हील बेस टच होते ही झटका महसूस होता है. इसके अलावा टायर फटने जैसी घटनाएं भी हो जाती हैं. री-कार्पेंटिंग होने के बाद यह समस्या नहीं रहती है. इसी रन-वे पर घर्षण परीक्षण होता है. इसमें यह देखा जाता है कि, विमानों के टायर स्पर्श होते समय किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. यदि कोई दिक्कत सामने आती है, तो फिर इस पर दोबारा से काम किया जाता है क्योंकि यह विमानों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है.

भोपाल। राजधानी भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट देश के सबसे सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल हो गया है. पिछले कुछ सालों में किए जा रहे लगातार कामों का ही नतीजा है कि, राजा भोज विमानतल अब देश के चुनिंदा हवाई अड्डों में गिना जाने लगा है. एयरपोर्ट के रनवे पर री-कार्पेंटिंग के दो साल बाद घर्षण परीक्षण किया गया था. इस दौरान किसी भी तरह की कोई कमी इस एयरपोर्ट पर नहीं मिली है. इसके बाद यह सुरक्षित माना गया है कि, बड़े विमानों की सुरक्षित लैंडिंग राजा भोज एयरपोर्ट पर आसानी से की जा सकती है. इसमें किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं है .

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सुरक्षित हवाई अड्डों की सूची में शामिल हुआ राजा भोज एयरपोर्ट.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण विमानों की सुरक्षित लैंडिंग कराने के उद्देश्य में समय- समय पर हवाई अड्डों के रन-वे का घर्षण परीक्षण करवाता है. एक विशेष वाहन की मदद से यह देखा जाता है कि, रन-वे लैंडिंग के समय तेज गति से आ रहे विमानों का भार सहन करने में सक्षम है या नहीं. भोपाल में GPS युक्त वाहन की मदद से घर्षण परीक्षण किया गया है. परीक्षण के दौरान 9 हजार फुट लंबे रन-वे पर लैंडिंग के दौरान आने वाली कोई भी परेशानी नजर नहीं आई है. रन-वे घर्षण परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है. यहां हाई स्पीड विमान भी आसानी से उतारे जा सकते हैं. यहां की गई सुरक्षा व्यवस्था भी काफी बेहतर मानी गई है.


एयरपोर्ट को हासिल हुई बड़ी सफलता
बता दें, राजा भोज एयरपोर्ट पर करीब दो साल पहले रन-वे पर री-कार्पेंटिंग कराई गई थी. इसके पहले कई बार विमानों के टायर फटने की घटनाएं हुई थी. री-कार्पेंटिंग के बाद कोई भी इस प्रकार की घटना की प्रवृत्ति नहीं हुई है, वहीं री -कार्पेंटिंग पर करीब 9 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. अब घर्षण परीक्षण के बाद एयरपोर्ट का सुरक्षित हवाई अड्डों में शामिल हो जाना एक बड़ी सफलता है.

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बता दें कि, विमान लैंड होते समय सबसे पहले टायर रन-वे पर स्पर्श करते हैं. रन- वे सीमेंट से बना होता है. सीमेंटेड हिस्से पर कारपेट की तरह बेस बनाया जाता है, ताकि विमानों के टायर खराब ना हों. सीमेंटेड कारपेट खराब होने से व्हील बेस टच होते ही झटका महसूस होता है. इसके अलावा टायर फटने जैसी घटनाएं भी हो जाती हैं. री-कार्पेंटिंग होने के बाद यह समस्या नहीं रहती है. इसी रन-वे पर घर्षण परीक्षण होता है. इसमें यह देखा जाता है कि, विमानों के टायर स्पर्श होते समय किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. यदि कोई दिक्कत सामने आती है, तो फिर इस पर दोबारा से काम किया जाता है क्योंकि यह विमानों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है.

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