भोपाल। कांग्रेस में एक बार फिर बहस खड़ी हो गई है कि कांग्रेस की कमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी को सौंपी जाए. हालांकि एक तबका गैर नेहरू-गांधी परिवार को कांग्रेस की कमान सौंपी जाने की बात कर रहा है.
लेकिन पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की पैरवी कर रहे हैं. पूर्व मंत्री का कहना है, समसामयिक विषयों सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करने में राहुल गांधी निरंतर सक्रिय हैं.
इसलिए उनको कमान सौंपी जानी चाहिए. उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंपी जाने की पैरवी भी की है. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी के आरक्षण और शिवराज सिंह की नौकरियों में मध्यप्रदेश के युवाओं को शत प्रतिशत आरक्षण के ऐलान पर ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बातचीत की.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के मामले में शिवराज सरकार द्वारा रखे गए पक्ष को लेकर कहा कि 15 साल पहले तो कुछ किया नहीं, प्रदेश की जनता ने इन्हें समझ लिया है.
पहले दिग्विजय सरकार ने भी यह व्यवस्था की थी. लेकिन उन्होंने ही कोर्ट में याचिका लगाकर स्टे करवाकर बीच में कोई पहल नहीं की. वर्तमान मुख्यमंत्री पर जब मानहानि का मुकदमा लगा, तो खुद के लिए आठ से दस लाख फीस वाला वकील खड़ा करते थे, लेकिन ओबीसी के आरक्षण के लिए कोई पैरवी नहीं की.
हमारी सरकार ने 15 माह में ही कैबिनेट में 27 फीसदी आरक्षण विधानसभा में पारित कराकर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गजट नोटिफिकेशन कर दिया, लेकिन बीजेपी के लोग हाईकोर्ट में इसे रोकने की कोशिश में जुट गए. तो ओबीसी के लोग, सामाजिक संगठन और कांग्रेस पार्टी के नेता इस लड़ाई में लगे हुए थे.
3-3 भाजपा के मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में 15 साल में रहे, अगर पहले प्रयास करते, तो कब का आरक्षण हो जाता, लेकिन यह देर से जागते हैं. अगर यह पूरी तरह विरोध भी करते हैं, तो यह रुकने वाला नहीं है. क्योंकि हमारी सरकार ने सभी पहलुओं पर निर्णय लेकर काम किया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि बीजेपी और सरकार में बैठे लोगों को समझ आ गया है. और ना ही न्यायालय ने रोक लगाई है. कुछ परीक्षाओं के मामले में इंतजार करने को कहा है. कमलनाथ सरकार ने जो व्यवस्था की है. पिछड़ा वर्ग के नेता और हमारे वरिष्ठ वकील समन्वय के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं.
नौकरी में एमपी के युवाओं को आरक्षण चुनावी शिगुफा
पूर्व मंत्री पटेल ने शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश की सरकारी नौकरी में मध्यप्रदेश के युवाओं को आरक्षण के ऐलान को लेकर कहा कि हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी पहल की थी और निजी क्षेत्र में 70 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी. कोई भी व्यवस्था करने के पहले कानून का ध्यान रखना चाहिए. कुछ राज्यों ने पहले ऐसी पहल की, लेकिन यह व्यवस्था कोर्ट में टिक नहीं पाई है, यह सिर्फ चुनावी शिगूफा है.
ये हमारा आंतरिक मामला..
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कमलनाथ के होने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी कमलनाथ को दिए जाने पर विपक्ष द्वारा खड़े किए जा रहे सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है.
विपक्ष के कहने पर यह निर्णय नहीं होगा. हमारे वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश के प्रभारी मुकुल वासनिक चर्चा करके निर्णय लेते हैं. स्थितियों को देखकर यह निर्णय लिया गया है, यहां पर उपचुनाव होना है. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर 15 माह काम किया है और आगामी उपचुनाव में अहम मुद्दा होगा. समय आने पर परिवर्तन की जरूरत होगी, तो परिवर्तन किया जाएगा.
राहुल गांधी को मिले कमान
राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की उठ रही आवाजों के बीच गैर गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं, उसके अनुसार गांधी परिवार में राहुल गांधी समसामयिक विषयों और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्होंने देश के नौजवानों के रोजगार के लिए आर्थिक संकट कोरोना और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जोरदार तरीके से लड़ाई लड़ी है. उन्हें फिर से कांग्रेस की कमान सौंपी जानी चाहिए.