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चार हॉकी खिलाड़ियों की मौत पर घिरा खेल विभाग, उठे कई सवाल

होशंगाबाद एनएच 69 पर भीषण सड़क दुर्घटना में चार हॉकी खिलाड़ियों की मौत हुई है जबकि 3 लोगों के घायल हुये है. इस हादसे ने मध्यप्रदेश खेल विभाग को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है.

खिलाड़ियों की मौत से खेल विभाग पर उठे सवाल
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Published : Oct 14, 2019, 8:36 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 9:17 PM IST

भोपाल। होशंगाबाद जिले में हुए सड़क हादसे में मध्यप्रदेश हॉकी एकेडमी के चार नेशनल खिलाड़ियों की मौत ने प्रदेश के खेल विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. जिसका जवाब अब तक न तो खेल मंत्री जीतू पटवारी और न ही खेल संचालक डॉक्टर एसएल थाउसेन की ओर से दिया गया है.

खिलाड़ियों की मौत से खेल विभाग पर उठे सवाल

बड़ा सवाल ये उठता है कि जब सोमवार की सुबह होशंगाबाद में खिलाड़ियों का सेमीफाइनल मैच होना था तो एक दिन पहले ही खिलाड़ियों को क्यों इटारसी जाने की अनुमति दी गई और अगर अनुमति दी भी गई तो कोच या टीम मैनेजर इन खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं गए.

दूसरा सवाल ये उठता है कि एक छोटी सी कार में सात खिलाड़ियों को कैसे जाने दिया गया. उस वक्त चीफ कोच राजेन्द्र सिंह कहा था कि खिलाड़ी कोच लोकेंद्र की अनुमति लेकर इटारसी गए थे. ऐसे कई सवाल खेल विभाग और प्रबंधन पर उठ रहे हैं. जिनका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. इसके अलावा एक बड़ा सवाल सरकार पर भी है कि मुख्यमंत्री के स्वेच्छादान से मृतक खिलाड़ी के परिवार को हर संभव मदद का एलान कर दिया है, जबकि ये सब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के थे और इन सबकी उम्र भी 15 से 20 साल के बीच थी.

भोपाल। होशंगाबाद जिले में हुए सड़क हादसे में मध्यप्रदेश हॉकी एकेडमी के चार नेशनल खिलाड़ियों की मौत ने प्रदेश के खेल विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. जिसका जवाब अब तक न तो खेल मंत्री जीतू पटवारी और न ही खेल संचालक डॉक्टर एसएल थाउसेन की ओर से दिया गया है.

खिलाड़ियों की मौत से खेल विभाग पर उठे सवाल

बड़ा सवाल ये उठता है कि जब सोमवार की सुबह होशंगाबाद में खिलाड़ियों का सेमीफाइनल मैच होना था तो एक दिन पहले ही खिलाड़ियों को क्यों इटारसी जाने की अनुमति दी गई और अगर अनुमति दी भी गई तो कोच या टीम मैनेजर इन खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं गए.

दूसरा सवाल ये उठता है कि एक छोटी सी कार में सात खिलाड़ियों को कैसे जाने दिया गया. उस वक्त चीफ कोच राजेन्द्र सिंह कहा था कि खिलाड़ी कोच लोकेंद्र की अनुमति लेकर इटारसी गए थे. ऐसे कई सवाल खेल विभाग और प्रबंधन पर उठ रहे हैं. जिनका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. इसके अलावा एक बड़ा सवाल सरकार पर भी है कि मुख्यमंत्री के स्वेच्छादान से मृतक खिलाड़ी के परिवार को हर संभव मदद का एलान कर दिया है, जबकि ये सब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के थे और इन सबकी उम्र भी 15 से 20 साल के बीच थी.

Intro:भोपाल- आज तड़के सुबह हुए सड़क हादसे में मध्यप्रदेश हॉकी एकेडमी के खिलाड़ियों की मौत ने खेल विभाग को कई सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके जवाब अभी तक ना तो खेल मंत्री जीतू पटवारी और ना ही खेल संचालक डॉ एसएल थोउसेन की ओर से दिए गए।


Body:सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब सोमवार की सुबह होशंगाबाद में खिलाड़ियों का सेमीफाइनल मैच होना था तो 1 दिन पहले क्यों खिलाड़ियों को इटारसी जाने की अनुमति दी गई, और यदि अनुमति दी भी गई तो कोच या टीम मैनेजर इन खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं गए।
इसके साथ ही एक छोटी सी कार में 7 खिलाड़ियों को जाने कैसे दिया गया,उस वक़्त चीफ कोच राजेन्द्र सिंह कहा थे,क्योंकि खिलाड़ी कोच लोकेंद्र की अनुमति लेकर इटारसी गए थे।


Conclusion:ऐसे कई सवाल खेल विभाग और प्रबंधन पर उठ रहे हैं।
इसके अलावा एक बड़ा प्रश्न सरकार पर भी है कि मुख्यमंत्री के स्वेच्छादान से केवल दो ₹2 लाख ही क्यों परिवार वालों को दिए जा रहे हैं जबकि यह सब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के प्लेयर्स थे और इन सबकी उम्र भी 15 से 20 साल के बीच थी


Last Updated : Oct 14, 2019, 9:17 PM IST
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