भोपाल। होशंगाबाद जिले में हुए सड़क हादसे में मध्यप्रदेश हॉकी एकेडमी के चार नेशनल खिलाड़ियों की मौत ने प्रदेश के खेल विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. जिसका जवाब अब तक न तो खेल मंत्री जीतू पटवारी और न ही खेल संचालक डॉक्टर एसएल थाउसेन की ओर से दिया गया है.
बड़ा सवाल ये उठता है कि जब सोमवार की सुबह होशंगाबाद में खिलाड़ियों का सेमीफाइनल मैच होना था तो एक दिन पहले ही खिलाड़ियों को क्यों इटारसी जाने की अनुमति दी गई और अगर अनुमति दी भी गई तो कोच या टीम मैनेजर इन खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं गए.
दूसरा सवाल ये उठता है कि एक छोटी सी कार में सात खिलाड़ियों को कैसे जाने दिया गया. उस वक्त चीफ कोच राजेन्द्र सिंह कहा था कि खिलाड़ी कोच लोकेंद्र की अनुमति लेकर इटारसी गए थे. ऐसे कई सवाल खेल विभाग और प्रबंधन पर उठ रहे हैं. जिनका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. इसके अलावा एक बड़ा सवाल सरकार पर भी है कि मुख्यमंत्री के स्वेच्छादान से मृतक खिलाड़ी के परिवार को हर संभव मदद का एलान कर दिया है, जबकि ये सब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के थे और इन सबकी उम्र भी 15 से 20 साल के बीच थी.