भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 13 अक्टूबर से आयोजित बहुविधि कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक’ श्रृंखला अंतर्गत 28 अक्टूबर, 2020 को गुरुमीत सिंह डंग, इंदौर द्वारा ‘पंजाबी सूफी गायन’ की प्रस्तुति दी गई.
प्रस्तुति की शुरुआत स्वरचित गीत- सुन अरदास से हुई. उसके बाद ‘बंद जुबाना दस खाओ मैनू’, ‘मैनू बोहता ना समझाओ तुसी’, ‘छल्ला’, ‘नी मैं शगन मनावा’, ‘जे तु अखियों दे सामने’, ‘इश्क बुल्ले नू नचावे यार’, ‘अखियाँ उड़ीकदीया दिल वाजा’, ‘हाणिया-जाणिया’, ‘तू माने या ना माने दिलदारा’, ‘नित्त खैर मंगा सोणेया’ आदि गीत प्रस्तुत किये और ख्यात गीत- हो लाल मेरी पत रखियो से प्रस्तुति को विराम दिया.
प्रस्तुति में कु. अश्मित (स्वरन) मुटनेजा- सहगायिका, मनप्रीत सिंह रंधावा- कोरस, कीबोर्ड पर- दीपेश जैन, तबला पर- गौरव मौर्य, ढोलक पर मनोज सिंह, बेस गिटार पर- अंकुर पालवी और ऑक्टोपैड पर निखील पालवी ने संगत दी.