भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट बनाने की तैयारी में जुट गई है. बजट के लिए जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आम जनता और उद्योगपतियों से सुझाव मिलना शुरू हो गया है. हालांकि बजट में यह सुझाव कितने शामिल होंगे, यह बजट आने पर ही पता चलेगा. बजट को लेकर गुना के शांतनु दत्ता ने सुझाव दिया है कि सरकारी विभाग की खाली पोस्ट भरी जाए. साथ ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कम की जाए.
सरकारी विभाग हों पेपर लेस
जबलपुर के जितेन्द्र चैहान ने सुझाव दिया है कि सभी विभागों को पेपरलेस किया जाए. इससे कामों में तेजी आएगी. रविशंकर भारती ने कहा एक ही बिल्डिंग में पहली से 12 वीं तक के स्कूलों को संचालित किया जाए. इससे स्कूलों का संचालन बेहतर तरीके से होगा. साथ ही इनकी मॉनटरिंग भी ज्यादा बेहतर हो सकेगी. अर्जुन गोगालिया ने सुझाव दिया है कि प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर सिंचाई के लिए छोटे-छोटे बांध बनाए जाए. जिससे किसानों की पैदावार बढ़ सके और सरकार को उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि देने की जरूरत नहीं होगी.
राजकुमार चढ़ार ने सुझाव दिया है कि किसानों को सरकार साल में दस हजार रुपए सम्मान निधि दे रही है, इसके साथ ही भूमिहीन किसानों को भी 5 हजार रुपए सालाना मिलना चाहिए, जिससे उनकी दशा सुधर सके.
दिव्यांग की पेंशन बढ़ाई जाए
गोविंद शर्मा ने सुझाव दिया है कि प्रदेश में दिव्यांगों की पेंशन में बढोत्तरी की जानी चाहिए. उन्हें अभी भी पेंशन के रूप में 500 रुपए ही मिल रहे हैं. जबकि केन्द्र की अन्य योजनाओं में पेशन राशि 700 और 1 हजार रुपए हो चुकी है. प्रदेश सरकार को भी पेंशन दोगुनी करनी चाहिए. गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश का बजट 2.33 लाख करोड़ का था, जबकि 2020-21 का बजट 2.05 लाख करोड़ हो सकता है.