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Love-Jihad के बाद अब पत्थरबाजी पर सरकार सख्त, पत्थर फेंका तो होगी सजा - पत्थरबाजों के खिलाफ कानून

मध्यप्रदेश में धार्मिक जुलूसों पर पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून बनाने की बात कही है. Love-Jihad के बाद अब इस नए कानून पर का प्रोटेप स्पीकर रामेश्ववर शर्मा और सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी समर्थन किया है.

CM Shivraj Singh
सीएम शिवराज सिंह
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Published : Jan 4, 2021, 2:04 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 4:26 PM IST

भोपाल। Love-jihad के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार पत्थरबाजों पर कानूनी शिकंजा करने की तैयारी में है. पत्थरबाजी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कानून बनाने की घोषणा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री के एलान के बाद प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इसका समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों पर सख्त कानून बनना चाहिए. ताकि जो लोग सामाजिक समरसता को बिगड़ते हैं. उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.

धार्मिक यात्रा, जुलूस के दौरान होती है पत्थरबाजी

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि धार्मिक भावनाओं की आड़ में सामाजिक तत्व धार्मिक यात्राएं, बारात, जुलूस या अन्य प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम देकर शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचते हैं. जिस वजह से सांप्रदायिक दंगे होते है. लोगों की दुकान जलती है.कई लोगों की जान जाती है. ऐसे पत्थरबाजों के खिलाफ कानून बनना चाहिए.

पत्थरबाजों पर सख्त सीएम शिवराज

साध्वी प्रज्ञा ने भी किया कानून बनाने का समर्थन

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उन लोगों को करारा जवाब दे रही है. जो 'राम भक्तों' पर हमला कर राम मंदिर निर्माण के लिए धन इकट्ठा करने में बांधा बन रहे हैं. ये हमले वामपंथी सांप्रदायिक शांति को बिगाड़ने का प्रयास हैं. ऐसे लोगों को दंडित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए.

Sadhvi Pragya supported
साध्वी प्रज्ञा का समर्थन

पत्थरबाजों पर बनेगा कानून

मध्यप्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं के मामले को लेकर सरकार बेहद सख्त है. इस तरह की घटनाएं करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए सरकार कानून लेकर आ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्थरबाजी की घटनाओं से डर और अव्यवस्था का माहौल पैदा होता है. प्रदेश में इस तरह की घटनाओं को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.

आरोपी की संपत्ति की जाएगी राजसात

इस कानून के तहत पत्थरबाजों के खिलाफ गैर जमानती अपराध दर्ज किया जाएगा और अगर किसी पत्थरबाज की वजह से सरकारी या जानमाल का कोई नुकसान होता है. तो फिर इसकी वसूली उसी से की जाएगी. इसके लिए सरकार आरोपी की संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई भी कर सकती है. कानून में इसको लेकर प्रावधान तय किए जाएंगे.

इंदौर, उज्जैन, मंदसौर की घटना के बाद सरकार का कड़ा रुख

बीते कुछ दिनों में इस तरह की घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती नजर आई है. जिसमें खासतौर से मंदसौर, उज्जैन और इंदौर में पत्थरबाजी की घटनाएं देखने को मिली. उज्जैन, इंदौर और मंदसौर बीते दिनों अयोध्या के राम मंदिर के लिए धन संग्रह रैली पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव किया था. जिसे लेकर दोनों ही जगहों पर तनाव का माहौल निर्मित हो गया था. कई लोगों को चोटें भी आई थीं. हालांकि दोनों ही घटनाओं के बाद स्थानीय प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. पत्थरबाजों के मकानों को तक जमींदोज कर दिया था. इन घटनाओं के बाद लगातार प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है.

जानें कहां-कहां हुई पत्थरबाजी

  • उज्जैन में हुआ पथराव

महाकाल थाना क्षेत्र में महाकाल मंदिर से 150 मीटर की दूरी पर भारत माता मंदिर है. 25 दिसंबर को यहां युवा मोर्चा और हिंदू संगठन ने रैली निकाली थी, जो शहर से होते हुए बेगमबाग इलाके पहुंची. इस दौरान ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से रैली में शामिल कार्यकर्ताओं की गाड़ी विशेष समुदाय के व्यक्ति की गाड़ी से टकरा गई. इसी बीच दोनों में विवाद की स्थिति बन गई. देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के परिजन के घर पर पथराव होने लगा. इसकी सूचना मिलते ही आला अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, जहां स्थिति पर काबू पा लिया गया. इस घटना के बाद हिंदू संगठन और युवा मोर्चा के कई कार्यकर्ता घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

रैली निकाल रहे लोगों पर पथराव को कारण 14 लोग घायल हुए थे. जिसमें से 2 लोगों को गंभीर चोटें आई थीं. सभी घायलों का इलाज जारी है. इस मामले में पुलिस ने अबतक पत्थर फेंकने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें 6 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं. पुलिस ने चार के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की है. इस के साथ पुलिस और नगर निगम के अमले ने महाकाल थाना क्षेत्र अंतर्गत बेगमबाग इलाके में उस घर को ध्वस्त कर दिया है, जिस पर पथराव किया गया था.

नीमच में RSS शिविर पर पथराव

27 दिसंबर को उपनगर नीमच सिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर का आयोजन हो रहा था. इसी दौरान अचानक पत्थरबाजी होने लगी. दोपहर 12 बजे के करीब भोजन सत्र में विद्यार्थी खाना खाने के लिए अपनी थालियां लेने गए थे. तब ही अज्ञात व्यक्तियों ने शिविर पर भवन के पीछे से पथराव कर दिया. हालांकि, इस घटना में किसी को चोट नहीं आई थी.

  • इंदौर में रैली पर हुआ पथराव

29 दिसंबर को इंदौर के देपालपुर तहसील के चंदन खेड़ीगांव में स्थानीय नव युवक चलित भगवा बाईक रैली निकाल रहे थे. इसी दौरान अचनाक एक समुदाय के लोगों ने बाइक चालकों पर पथराव कर दिया. पथराव से मौके पर तनाव की स्थिति बन गई. जिसके बाद पत्थर लगने से कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए.

  • मंदसौर में भी हुआ पथराव

30 दिसंबर को मंदसौर के डोराना गांव में हिंदू संगठन की रैली पहुंची. जहां दो पक्षों के बीच तनातनी का माहौल निर्मित हो गया. जिसके बाद मौके पर विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया. इसके अलावा मौके पर तोड़फोड़ भी की गई. इस मामले में जहां विशेष समुदाय के लोगों का आरोप है कि बाइक सवार युवकों ने तोड़फोड़ की है. तो वहीं घायल युवकों का कहना है कि उनसे पर्स-चेन लूटकर बाइक में आग लगा दी गई.

भोपाल। Love-jihad के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार पत्थरबाजों पर कानूनी शिकंजा करने की तैयारी में है. पत्थरबाजी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कानून बनाने की घोषणा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री के एलान के बाद प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इसका समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों पर सख्त कानून बनना चाहिए. ताकि जो लोग सामाजिक समरसता को बिगड़ते हैं. उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.

धार्मिक यात्रा, जुलूस के दौरान होती है पत्थरबाजी

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि धार्मिक भावनाओं की आड़ में सामाजिक तत्व धार्मिक यात्राएं, बारात, जुलूस या अन्य प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम देकर शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचते हैं. जिस वजह से सांप्रदायिक दंगे होते है. लोगों की दुकान जलती है.कई लोगों की जान जाती है. ऐसे पत्थरबाजों के खिलाफ कानून बनना चाहिए.

पत्थरबाजों पर सख्त सीएम शिवराज

साध्वी प्रज्ञा ने भी किया कानून बनाने का समर्थन

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उन लोगों को करारा जवाब दे रही है. जो 'राम भक्तों' पर हमला कर राम मंदिर निर्माण के लिए धन इकट्ठा करने में बांधा बन रहे हैं. ये हमले वामपंथी सांप्रदायिक शांति को बिगाड़ने का प्रयास हैं. ऐसे लोगों को दंडित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए.

Sadhvi Pragya supported
साध्वी प्रज्ञा का समर्थन

पत्थरबाजों पर बनेगा कानून

मध्यप्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं के मामले को लेकर सरकार बेहद सख्त है. इस तरह की घटनाएं करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए सरकार कानून लेकर आ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्थरबाजी की घटनाओं से डर और अव्यवस्था का माहौल पैदा होता है. प्रदेश में इस तरह की घटनाओं को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.

आरोपी की संपत्ति की जाएगी राजसात

इस कानून के तहत पत्थरबाजों के खिलाफ गैर जमानती अपराध दर्ज किया जाएगा और अगर किसी पत्थरबाज की वजह से सरकारी या जानमाल का कोई नुकसान होता है. तो फिर इसकी वसूली उसी से की जाएगी. इसके लिए सरकार आरोपी की संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई भी कर सकती है. कानून में इसको लेकर प्रावधान तय किए जाएंगे.

इंदौर, उज्जैन, मंदसौर की घटना के बाद सरकार का कड़ा रुख

बीते कुछ दिनों में इस तरह की घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती नजर आई है. जिसमें खासतौर से मंदसौर, उज्जैन और इंदौर में पत्थरबाजी की घटनाएं देखने को मिली. उज्जैन, इंदौर और मंदसौर बीते दिनों अयोध्या के राम मंदिर के लिए धन संग्रह रैली पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव किया था. जिसे लेकर दोनों ही जगहों पर तनाव का माहौल निर्मित हो गया था. कई लोगों को चोटें भी आई थीं. हालांकि दोनों ही घटनाओं के बाद स्थानीय प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. पत्थरबाजों के मकानों को तक जमींदोज कर दिया था. इन घटनाओं के बाद लगातार प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है.

जानें कहां-कहां हुई पत्थरबाजी

  • उज्जैन में हुआ पथराव

महाकाल थाना क्षेत्र में महाकाल मंदिर से 150 मीटर की दूरी पर भारत माता मंदिर है. 25 दिसंबर को यहां युवा मोर्चा और हिंदू संगठन ने रैली निकाली थी, जो शहर से होते हुए बेगमबाग इलाके पहुंची. इस दौरान ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से रैली में शामिल कार्यकर्ताओं की गाड़ी विशेष समुदाय के व्यक्ति की गाड़ी से टकरा गई. इसी बीच दोनों में विवाद की स्थिति बन गई. देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के परिजन के घर पर पथराव होने लगा. इसकी सूचना मिलते ही आला अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, जहां स्थिति पर काबू पा लिया गया. इस घटना के बाद हिंदू संगठन और युवा मोर्चा के कई कार्यकर्ता घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

रैली निकाल रहे लोगों पर पथराव को कारण 14 लोग घायल हुए थे. जिसमें से 2 लोगों को गंभीर चोटें आई थीं. सभी घायलों का इलाज जारी है. इस मामले में पुलिस ने अबतक पत्थर फेंकने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें 6 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं. पुलिस ने चार के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की है. इस के साथ पुलिस और नगर निगम के अमले ने महाकाल थाना क्षेत्र अंतर्गत बेगमबाग इलाके में उस घर को ध्वस्त कर दिया है, जिस पर पथराव किया गया था.

नीमच में RSS शिविर पर पथराव

27 दिसंबर को उपनगर नीमच सिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर का आयोजन हो रहा था. इसी दौरान अचानक पत्थरबाजी होने लगी. दोपहर 12 बजे के करीब भोजन सत्र में विद्यार्थी खाना खाने के लिए अपनी थालियां लेने गए थे. तब ही अज्ञात व्यक्तियों ने शिविर पर भवन के पीछे से पथराव कर दिया. हालांकि, इस घटना में किसी को चोट नहीं आई थी.

  • इंदौर में रैली पर हुआ पथराव

29 दिसंबर को इंदौर के देपालपुर तहसील के चंदन खेड़ीगांव में स्थानीय नव युवक चलित भगवा बाईक रैली निकाल रहे थे. इसी दौरान अचनाक एक समुदाय के लोगों ने बाइक चालकों पर पथराव कर दिया. पथराव से मौके पर तनाव की स्थिति बन गई. जिसके बाद पत्थर लगने से कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए.

  • मंदसौर में भी हुआ पथराव

30 दिसंबर को मंदसौर के डोराना गांव में हिंदू संगठन की रैली पहुंची. जहां दो पक्षों के बीच तनातनी का माहौल निर्मित हो गया. जिसके बाद मौके पर विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया. इसके अलावा मौके पर तोड़फोड़ भी की गई. इस मामले में जहां विशेष समुदाय के लोगों का आरोप है कि बाइक सवार युवकों ने तोड़फोड़ की है. तो वहीं घायल युवकों का कहना है कि उनसे पर्स-चेन लूटकर बाइक में आग लगा दी गई.

Last Updated : Jan 4, 2021, 4:26 PM IST
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