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एडमिशन के दौरान 12 घंटे की ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ प्राध्यापकों ने खोला मोर्चा

उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के विरोध में प्रोफेसर आए गए है उन्होंने इस निर्णय को बिना सोचे समझे करार दिया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है.

भोपाल
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Published : Jun 22, 2019, 4:14 PM IST

भोपाल। नए सत्र 2019-20 के लिए होने वाले ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे प्रोफेसर्स की ड्यूटी लगाने के आदेश के खिलाफ प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने विरोध जताया है. प्राध्यापक संघ ने श्रम कानून का हवाला देते हुए कहा कि श्रम कानून में वीकली रेस्ट की व्यवस्था है.

उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के विरोध में आए प्रोफेसर

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है. जब ऑनलाइन एडमिशन कराए जा रहे हैं, तो शिक्षकों से क्यों 12 घण्टें काम लिया जा रहा है.

उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग पर तंज कसते हुए कहा कि, विभाग ने शिक्षकों के हितों को नजर अंदाज करते बिना सोचे समझे निर्णय लिया है, जिसका संघ विरोध करता है.
12 घंटे ड्यूटी के फरमान के खिलाफ प्रदेश के प्रोफेसरों ने विरोध शुरू कर दिया है इसके लिए प्राध्यापक संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर इसे वापस लेने की मांग की है. कि इस निर्णय को बदला जाए.
जानें उच्च शिक्षा विभाग ने क्या आदेश दिया है

सत्र 2019-20 के एडमिशन प्रक्रिया में उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देश दिए हैं, कि छात्र-छात्राओं को वेरिफिकेशन कराने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए कॉलेजों में हेल्थ सेंटर सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोले जाएंगे, साथ ही एडमिशन के दौरान छात्रों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन संबंधी कार्यों को प्राचार्यों की देखरेखी संपन्न कराना है. जिसमें विभाग ने प्राध्यापकों को रविवार के दिन भी कॉलेजों में ड्यूटी करने के आदेश जारी किए हैं.

भोपाल। नए सत्र 2019-20 के लिए होने वाले ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे प्रोफेसर्स की ड्यूटी लगाने के आदेश के खिलाफ प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने विरोध जताया है. प्राध्यापक संघ ने श्रम कानून का हवाला देते हुए कहा कि श्रम कानून में वीकली रेस्ट की व्यवस्था है.

उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के विरोध में आए प्रोफेसर

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है. जब ऑनलाइन एडमिशन कराए जा रहे हैं, तो शिक्षकों से क्यों 12 घण्टें काम लिया जा रहा है.

उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग पर तंज कसते हुए कहा कि, विभाग ने शिक्षकों के हितों को नजर अंदाज करते बिना सोचे समझे निर्णय लिया है, जिसका संघ विरोध करता है.
12 घंटे ड्यूटी के फरमान के खिलाफ प्रदेश के प्रोफेसरों ने विरोध शुरू कर दिया है इसके लिए प्राध्यापक संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर इसे वापस लेने की मांग की है. कि इस निर्णय को बदला जाए.
जानें उच्च शिक्षा विभाग ने क्या आदेश दिया है

सत्र 2019-20 के एडमिशन प्रक्रिया में उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देश दिए हैं, कि छात्र-छात्राओं को वेरिफिकेशन कराने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए कॉलेजों में हेल्थ सेंटर सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोले जाएंगे, साथ ही एडमिशन के दौरान छात्रों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन संबंधी कार्यों को प्राचार्यों की देखरेखी संपन्न कराना है. जिसमें विभाग ने प्राध्यापकों को रविवार के दिन भी कॉलेजों में ड्यूटी करने के आदेश जारी किए हैं.

Intro:नए सत्र के लिए जारी ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे प्रोफेसर की ड्यूटी लगाने के आदेश उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं जिसको लेकर शिक्षक संघ ने विरोध जताया है


Body:नए सत्र के लिए जारी ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी करें के फरमान के खिलाफ प्रोफेसर ने विरोध शुरू कर दिया है जिसको लेकर प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने उच्च शिक्षा विभाग के अपने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा है संघ के अध्यक्ष ने बताया कि एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है जब ऑनलाइन ऐडमिशन कराए जा रहे हैं तो शिक्षकों को क्यों रोका जा रहा है उच्च शिक्षा विभाग ने बिना सोचे समझे या निर्णय लिया है जिसका संग विरोध करता है हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देश दिए हैं कि छात्र-छात्राओं को वेरिफिकेशन कराने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए इसके लिए कॉलेजों में हेल्थ सेंटर सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोले जा रहे हैं छात्रों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है खास बात यह है कि विभाग ने रविवार को कॉलेजों में ड्यूटी करने के प्राध्यापकों को आदेश जारी किए हैं

प्रोफेसर कैलाश त्यागी


Conclusion:उच्च शिक्षा विभाग का नया फरमान ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी करेंगे फरमान के खिलाफ प्रोफेसर ने विरोध शुरू कर दिया शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि छात्र-छात्राओं को वेरिफिकेशन कराने में किसी भी तरह की असुविधा ना हो इसलिए कॉलेजों में हेल्थ सेंटर सुबह 7:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक खोले जा रहे हैं जहां छात्र मूल दस्तावेजों का सत्यापन कर आएंगे कॉलेज में प्रोफेसरों को 12 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है जिसके विरोध में आज प्रोफेसर के आगे जीतू पटवारी को पत्र लिखा है
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