भोपाल। नए सत्र 2019-20 के लिए होने वाले ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे प्रोफेसर्स की ड्यूटी लगाने के आदेश के खिलाफ प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने विरोध जताया है. प्राध्यापक संघ ने श्रम कानून का हवाला देते हुए कहा कि श्रम कानून में वीकली रेस्ट की व्यवस्था है.
प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि एडमिशन प्रक्रिया में 12 घंटे ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है. जब ऑनलाइन एडमिशन कराए जा रहे हैं, तो शिक्षकों से क्यों 12 घण्टें काम लिया जा रहा है.
उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग पर तंज कसते हुए कहा कि, विभाग ने शिक्षकों के हितों को नजर अंदाज करते बिना सोचे समझे निर्णय लिया है, जिसका संघ विरोध करता है.
12 घंटे ड्यूटी के फरमान के खिलाफ प्रदेश के प्रोफेसरों ने विरोध शुरू कर दिया है इसके लिए प्राध्यापक संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर इसे वापस लेने की मांग की है. कि इस निर्णय को बदला जाए.
जानें उच्च शिक्षा विभाग ने क्या आदेश दिया है
सत्र 2019-20 के एडमिशन प्रक्रिया में उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देश दिए हैं, कि छात्र-छात्राओं को वेरिफिकेशन कराने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए कॉलेजों में हेल्थ सेंटर सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोले जाएंगे, साथ ही एडमिशन के दौरान छात्रों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन संबंधी कार्यों को प्राचार्यों की देखरेखी संपन्न कराना है. जिसमें विभाग ने प्राध्यापकों को रविवार के दिन भी कॉलेजों में ड्यूटी करने के आदेश जारी किए हैं.