ETV Bharat / state

भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का 'शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह', सरकार के सामने रखीं अपनी मांगें - शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह

शासन के रवैये और अभिभावकों की मनमानी से परेशान होकर निजी स्कूलों के संचालकों एवं शिक्षकों ने हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर मौन प्रदर्शन किया. महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर राजधानी के महात्मा गांधी चौराहे पर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया. पढ़िए पूरी खबर..

school organizations protest silent demonstration
अनएडेड प्राइवेट स्कूलों का शिक्षा- शिक्षक बचाओ सत्याग्रह
author img

By

Published : Oct 2, 2020, 5:15 PM IST

भोपाल। प्रदेश भर के सभी निजी विद्यालय के शिक्षक गैर शैक्षणिक स्टाफ और प्रबंधकों ने आज महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह और मूक विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने अपने हाथों में पोस्टर और तख्तियों के साथ अपनी बातें रखीं. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 7 महीने से स्कूल बंद हैं. ऐसे में स्कूलों में फीस वसूली को लेकर लगातार प्रोटेस्ट किए जा रहे हैं. जिसके चलते अब निजी स्कूलों के संचालक भी आक्रोश में आ गए है. निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि स्कूल छात्रों की फीस से चलता है. ऐसे में अभिभावकों को यह जवाब देना मुश्किल है कि स्कूल नहीं तो फीस कैसी.

भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का 'शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह'

निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च महीने से स्कूल बंद है. ऐसे में शुरुआती तीन महीने तक स्कूल संचालकों ने अभिभावकों को राहत देते हुए किस्तों में फीस मांगी, जो अभिभावक फीस नहीं दे सकते उनको भी मौका दिया कि वह बाद में फीस दें, लेकिन अब अभिभावक इस जिद पर हैं कि जब स्कूल बंद हैं तो फीस किस बात की. ऐसे में अभिभावकों को समझाना मुश्किल है कि स्कूल अभिभावकों की दी हुई फीस से ही चलते हैं.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूल स्टाफ की पेमेंट करना, टीचर्स को पेमेंट देना, स्कूल का मेंटेनेंस करना यह सभी चीजें छात्रों की फीस से ही होती हैं. इस कोरोना संक्रमण के बीच निजी स्कूल के संचालक आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं. ऐसे में छात्रों के अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूलों को ट्यूशन फीस दी जाए.

ऐसोसिएशन की यह मांग है कि सरकार शिक्षक एवं विद्यालय सुरक्षा अधिनियम बनाए और उसे लागू करे, जिससे विद्यालय परिसर में जबरन धरना प्रदर्शन करने वाले एवं विद्यालय स्टाफ से बदसलूकी करने वालों पर एफआईआर हो सके. साथ ही जो लोग तरह-तरह के संगठन बनाकर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ भड़काने जैसे पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, उन सभी लोगों पर कार्रवाई की जाए, जिससे प्राइवेट स्कूलों की छवि खराब ना हो.

भोपाल। प्रदेश भर के सभी निजी विद्यालय के शिक्षक गैर शैक्षणिक स्टाफ और प्रबंधकों ने आज महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह और मूक विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने अपने हाथों में पोस्टर और तख्तियों के साथ अपनी बातें रखीं. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 7 महीने से स्कूल बंद हैं. ऐसे में स्कूलों में फीस वसूली को लेकर लगातार प्रोटेस्ट किए जा रहे हैं. जिसके चलते अब निजी स्कूलों के संचालक भी आक्रोश में आ गए है. निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि स्कूल छात्रों की फीस से चलता है. ऐसे में अभिभावकों को यह जवाब देना मुश्किल है कि स्कूल नहीं तो फीस कैसी.

भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का 'शिक्षा शिक्षक बचाओ सत्याग्रह'

निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च महीने से स्कूल बंद है. ऐसे में शुरुआती तीन महीने तक स्कूल संचालकों ने अभिभावकों को राहत देते हुए किस्तों में फीस मांगी, जो अभिभावक फीस नहीं दे सकते उनको भी मौका दिया कि वह बाद में फीस दें, लेकिन अब अभिभावक इस जिद पर हैं कि जब स्कूल बंद हैं तो फीस किस बात की. ऐसे में अभिभावकों को समझाना मुश्किल है कि स्कूल अभिभावकों की दी हुई फीस से ही चलते हैं.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूल स्टाफ की पेमेंट करना, टीचर्स को पेमेंट देना, स्कूल का मेंटेनेंस करना यह सभी चीजें छात्रों की फीस से ही होती हैं. इस कोरोना संक्रमण के बीच निजी स्कूल के संचालक आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं. ऐसे में छात्रों के अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूलों को ट्यूशन फीस दी जाए.

ऐसोसिएशन की यह मांग है कि सरकार शिक्षक एवं विद्यालय सुरक्षा अधिनियम बनाए और उसे लागू करे, जिससे विद्यालय परिसर में जबरन धरना प्रदर्शन करने वाले एवं विद्यालय स्टाफ से बदसलूकी करने वालों पर एफआईआर हो सके. साथ ही जो लोग तरह-तरह के संगठन बनाकर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ भड़काने जैसे पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, उन सभी लोगों पर कार्रवाई की जाए, जिससे प्राइवेट स्कूलों की छवि खराब ना हो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.