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संकट के दौर से गुजर रहे हैं मंदिरों के पुजारी, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने बढ़ाया मदद का हाथ

लॉकडाउन के दौरान जहां गरीब और असहाय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, तो वहीं मंदिरों के पुजारियों के सामने भी रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिनकी मदद के लिए ब्राह्मण समाज के लोगों ने हाथ आगे बढ़ाया है.

Priests are facing economic crisis
आर्थिक संकट से जूझ रहे पुजारी
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Published : May 7, 2020, 4:00 PM IST

भोपाल। लॉकडाउन को अब लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया है, जिसकी वजह से गरीब, मजदूर और किसान वर्ग के सामने जीवन- यापन का संकट खड़ा हो गया है. इसके अलावा ऐसा ही एक तबका पुजारी और पंडित वर्ग का है. कोरोना के चलते धार्मिक आयोजनों पर रोक लगी है. मंदिरों में ताले लग गए हैं. पुजारियों की मदद के लिए कोई योजना भी नहीं है. इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने पूरे प्रदेश में पुजारियों की मदद की मुहिम छेड़ी है.

कोरोना महामारी का संक्रमण न फैले, इसके लिए सरकार ने मंदिर और धार्मिक स्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है. इन परिस्थितियों में मंदिरों में पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान का काम करने वाले पुजारी आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं. पुजारियों का जीवन- यापन मंदिर में मिलने वाली दान दक्षिणा और धार्मिक अनुष्ठान की दान दक्षिणा से होता था, लेकिन अब वह संकट से जूझ रहे हैं. इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज प्रदेश भर में पंडित और पुजारियों की मदद के लिए आगे आया है. रोजमर्रा की चीजें उपलब्धता कराई जा रही हैं.

पुजारी गिरीश चंद्र मिश्रा बताते हैं कि, लॉकडाउन के कारण मंदिर बंद है. पुजारियों को जो पूजा-अर्चना से दान दक्षिणा मिलती थी, उसी से जीवनयापन होता था. शासन पुजारियों की मदद के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि, शासन पुजारियों की मदद करें. वहीं पुजारी हेमंत कुमार शुक्ला का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते बनी परेशानी को देखते हुए अन्न और सामग्री ब्राह्मण समाज द्वारा वितरित की जा रही है.

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा का कहना है कि, जिस दिन से लॉकडाउन हुआ है, उस दिन से हमारा संगठन अपनी क्षमता अनुसार गरीब, असहायों की मदद के लिए तत्पर है. पिछले 7- 8 दिन से पुजारियों के लिए अन्न, रोजमर्रा की वस्तुएं सहित धन उपलब्ध कराया जा रहा है.

भोपाल। लॉकडाउन को अब लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया है, जिसकी वजह से गरीब, मजदूर और किसान वर्ग के सामने जीवन- यापन का संकट खड़ा हो गया है. इसके अलावा ऐसा ही एक तबका पुजारी और पंडित वर्ग का है. कोरोना के चलते धार्मिक आयोजनों पर रोक लगी है. मंदिरों में ताले लग गए हैं. पुजारियों की मदद के लिए कोई योजना भी नहीं है. इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने पूरे प्रदेश में पुजारियों की मदद की मुहिम छेड़ी है.

कोरोना महामारी का संक्रमण न फैले, इसके लिए सरकार ने मंदिर और धार्मिक स्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है. इन परिस्थितियों में मंदिरों में पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान का काम करने वाले पुजारी आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं. पुजारियों का जीवन- यापन मंदिर में मिलने वाली दान दक्षिणा और धार्मिक अनुष्ठान की दान दक्षिणा से होता था, लेकिन अब वह संकट से जूझ रहे हैं. इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज प्रदेश भर में पंडित और पुजारियों की मदद के लिए आगे आया है. रोजमर्रा की चीजें उपलब्धता कराई जा रही हैं.

पुजारी गिरीश चंद्र मिश्रा बताते हैं कि, लॉकडाउन के कारण मंदिर बंद है. पुजारियों को जो पूजा-अर्चना से दान दक्षिणा मिलती थी, उसी से जीवनयापन होता था. शासन पुजारियों की मदद के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि, शासन पुजारियों की मदद करें. वहीं पुजारी हेमंत कुमार शुक्ला का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते बनी परेशानी को देखते हुए अन्न और सामग्री ब्राह्मण समाज द्वारा वितरित की जा रही है.

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा का कहना है कि, जिस दिन से लॉकडाउन हुआ है, उस दिन से हमारा संगठन अपनी क्षमता अनुसार गरीब, असहायों की मदद के लिए तत्पर है. पिछले 7- 8 दिन से पुजारियों के लिए अन्न, रोजमर्रा की वस्तुएं सहित धन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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