भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक बार फिर मध्यप्रदेश के दौरे पर आने वालीं हैं. राजधानी भोपाल में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष और लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष-उन्मेष' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी भोपाल आ रहीं हैं. यह आयोजन 3 से 6 अगस्त तक तीन दिवसीय होगा. बता दें कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाएगा.
13 देशों के लेखक होंगे शामिल: आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम को साहित्य अकादमी नई दिल्ली, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और संस्कृति विभाग मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है. इसमें साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा उन्मेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में कविता कहानी के पाठ, भारतीय काव्यशास्त्र, भारतीय भक्ति साहित्य, सागर साहित्य, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीय नाटकों में अलगाव का सिद्धांत, विविधता में एकता, भारत की सौम्य शक्ति जैसी गतिविधिया शामिल रहेगी. अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष जो कि अभिव्यक्ति का उत्सव है. इसमें 75 से अधिक कार्यक्रमों में लगभग 100 भाषाओं के 575 से अधिक लेखक भाग लेंगे. इसके अलावा 13 अन्य देशों के लेखक भी उत्सव में शामिल होंगे. वहीं, संगीत नाटक अकादमी द्वारा उत्कर्ष शीर्षक से लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव आयोजित किया जाएगा.
कई कलाओं की होगी प्रस्तुतियां: यह आयोजन 3 से 6 अगस्त तक चलेगा. उत्सव के 3 दिन शाम 5 बजे से रविंद्र भवन में देश के लोक नृत्य और जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी. जबकि इससे पहले 2 अगस्त की शाम को कला यात्रा निकाली जाएगी. उत्सव के पहले दिन कई राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी.
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इसके पहले मार्च में आ चुकी हैं राष्ट्रपति भोपाल: इसके पहले 13 जुलाई को राष्ट्रपति एमपी के ग्वालियर दौरे पर आईं थी. राष्ट्रपति का राज्यपाल, सीएम, गृह मंत्री और सिंधिया से लेकर तमाम नेताओं ने स्वागत किया था. वहीं ग्वालियर में राष्ट्रपति ने जयविलास पैलेस म्यूजियम का अवलोकन किया था. वहीं सिंधिया के शाही महल में राष्ट्रपति के लिए शाही डिनर का आयोजन किया गया था. जहां उन्हें बिना प्याज, लहसुन का भोजन परोसा गया. जिसमें उड़ीसा, नेपाल, गुजरात और ग्वालियर चंबल अंचल की खास डिश शामिल थीं. वहीं इससे पहले मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी इंटरनेशनल धर्म सम्मेलन में शामिल हुईं थी. इस तीन दिवसीय आयोजन में 16 देशों के डेलिगेट्स और छह देशों के संस्कृति मंत्री शामिल हुए थे.