भोपाल| मध्यप्रदेश शासन का संस्कृति विभाग प्रत्येक रविवार को जनजातीय संग्रहालय में पारम्परिक संगीत की श्रृंखला को आयोजित करता है. वहीं इस रविवार को आयोजित पारम्परिक संगीत की श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में शिव गुप्ता और साथी, खरगोन ने निमाड़ी के लोक गायन की प्रस्तुति दी.
निमाड़ी लोक गायन में मां नर्मदा की स्तुति 'कलिमल हरणी, मंगल करणी, सिंगाजी के पद 'तुम कब आओगे मारी हालई', गणगौर पर्व गीत 'गणागौर चैत में आई गई रे', और 'मके क्यों मारी रे वालमा', हरी-हरी लाकड़ी से क्यों मारी रे, 'कहां दे दी रे दादा पहाड़ी में, घूगरो कावुली आई हो ननदवाई, 'विधना ने मिलाओ नाता, तुम्हारो मारो जोड़ो साथ ही निमाड़ी लोकगीत और राम भजन 'हम बूढी हुई गई रे बाट देखत-देखत, देर क्यों लगाई दी राम आउत- आउत आदि निमाड़ी परम्परा में गए जाने वाले गीतों का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल में प्रसारण हुआ.