भोपाल। राजधानी में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है, जिनके लिए आए दिन कई तरह की वर्कशॉप आयोजित किए जाते है. वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग हैं, उन्होंने कहा कि स्टेज एक्टर्स बहुत टैलेंटेड होते हैं, डायलॉग जल्दी याद कर लेते हैं.
बॉलीवुड में जाने से पहले एक्टिंग के लिए खुद को करें तैयार: रजा मुराद
भोपाल में ईटीवी भारत से बात करते हुए बॉलीवुड के एक्टर रजा मुराद ने स्टेज एक्टर्स को लाइफ में गोल बनाने कि सलाह दी. साथ ही उन्होंने कहा कि एक्टर्स को ये समझने की जरुरत है कि उन्हें स्टेज एक्टिंग करना है या फिल्म एक्टिंग.
बॉलीवुड के मशहुर कलाकार रजा मुराद
भोपाल। राजधानी में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है, जिनके लिए आए दिन कई तरह की वर्कशॉप आयोजित किए जाते है. वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग हैं, उन्होंने कहा कि स्टेज एक्टर्स बहुत टैलेंटेड होते हैं, डायलॉग जल्दी याद कर लेते हैं.
Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल में थियेटर कलाकारों का एक अच्छा खासा समूह है और यहां आए दिन कई तरह की वर्कशॉप उन कलाकारों के लिए आयोजित की जाती है।
इसी बारे में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है।
थिएटर कलाकार काफी टैलेंटेड होते हैं पर स्क्रीन के सामने अदाकारी करना थोड़ा अलग है इसलिए जरूरी है कि स्क्रीन के सामने भी नेचुरल एक्टिंग ही की जाए।
Body:वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद का कहना है कि सबसे पहले यह जरूरी है कि थियेटर कलाकार यह तय करें कि उन्हें बॉलीवुड में अदाकारी करनी है या स्टेज पर परफॉर्मेंस देना है,इसके लिए कलाकार को अपनी योग्यता की जांच करना चाहिए।
Conclusion:यदि आप में योग्यता है तो जरूर कोशिश करें पर यदि योग्यता नहीं है तो 5 से 7 साल बाद भी आप इस्टैबलिश्ड नहीं हो पाएंगे।
कोशिश करने के बाद भी अगर कुछ हासिल नहीं हों सकता है तो पीछे हट जाना ही सही है।
इसी बारे में वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार राजा मुराद ने थियेटर कलाकारों को सलाह देते हुए कहा कि बॉलीवुड एक्टिंग और थियेटर एक्टिंग दोनों ही अलग है, इनके मेथड भी अलग है।
थिएटर कलाकार काफी टैलेंटेड होते हैं पर स्क्रीन के सामने अदाकारी करना थोड़ा अलग है इसलिए जरूरी है कि स्क्रीन के सामने भी नेचुरल एक्टिंग ही की जाए।
Body:वरिष्ठ बॉलीवुड कलाकार रजा मुराद का कहना है कि सबसे पहले यह जरूरी है कि थियेटर कलाकार यह तय करें कि उन्हें बॉलीवुड में अदाकारी करनी है या स्टेज पर परफॉर्मेंस देना है,इसके लिए कलाकार को अपनी योग्यता की जांच करना चाहिए।
Conclusion:यदि आप में योग्यता है तो जरूर कोशिश करें पर यदि योग्यता नहीं है तो 5 से 7 साल बाद भी आप इस्टैबलिश्ड नहीं हो पाएंगे।
कोशिश करने के बाद भी अगर कुछ हासिल नहीं हों सकता है तो पीछे हट जाना ही सही है।