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एमपी को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की तैयारी, बंद फैक्ट्रियों की जगह खुलेंगे वेयरहाउस

मैग्नीफिसेंट एमपी में सरकार का बड़ा फोकस मध्यप्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने का है. इसी के चलते सरकार बंद पड़ी फैक्ट्रियों पर वेयर हाउस खोलने जा रही है.

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Published : Oct 13, 2019, 6:24 PM IST

एमपी को लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी

भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी को लेकर सरकार उद्योगपतियों को बड़ी राहत देने जा रही है. सरकार उद्योग नीति में बदलाव कर बंद पड़े प्रोजेक्ट, फैक्ट्री की जमीन पर संबंधित भूस्वामी को एक सामान्य शुल्क लेकर उसका वेयर हाउस के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी देगी, जिससे मध्यप्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा सके.

एमपी को लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी

देश के मध्य में होने की वजह से लॉजिस्टिक हब के रूप में मध्यप्रदेश सबसे मुफीद साबित हो रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के बड़े उद्योग घराने मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक हब में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहे हैं. उधर सरकार ने भी तय किया है कि विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के अलावा अन्य स्थानों पर उद्योग केंद्रों से ली गई जमीन पर बंद फैक्ट्रियों में लॉजिस्टिक हब खोले जा सकेंगे. वैसे देखा जाए तो जीएसटी लागू किये जाने के बाद सामान की ढुलाई पर होने वाले खर्चे को लेकर कंपनियां परेशान हैं. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक हब खोलना बड़ी कंपनियों को फायदे का सौदा दिखाई दे रहा है.

नीति में किया जा रहा है बदलाव
मध्यप्रदेश सरकार उद्योग नीति में बदलाव करने जा रही है. ये बदलाव कंपनियों के मर्जर और डी मर्जर को लेकर हो रहा है. मौजूदा नीति के अनुसार अगर किसी कंपनी को अन्य कंपनी अधिकृत करती है. तब नामांतरण शुल्क लगता था, जो कंपनियों को भारी पड़ता था, लेकिन अब ये प्रावधान किया जा रहा है कि मात्र ₹10 हजार के शुल्क पर मर्जर और डी मर्जर का काम किया जा सकेगा. इससे जो कंपनी है, संकट के चलते बंद होने की कगार पर आ जाती हैं, उन्हें अन्य बड़ी कंपनियां आसानी से टेकओवर कर सकेंगी.

ऐसी कंपनियों के बंद होने पर रोजगार के छूटने का संकट कम होगा. पीथमपुर में सेक्टर 5-6 के निर्माण के लिए करीब 8000 एकड़ जमीन की तैयारी की जा रही है. ये भूमि लैंड पूलिंग नीति के तहत ली जाएगी. जिसमें जमीन देने वालों को कुछ सीमा तक दूसरे निर्माण का अधिकार मिलेगा.

भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी को लेकर सरकार उद्योगपतियों को बड़ी राहत देने जा रही है. सरकार उद्योग नीति में बदलाव कर बंद पड़े प्रोजेक्ट, फैक्ट्री की जमीन पर संबंधित भूस्वामी को एक सामान्य शुल्क लेकर उसका वेयर हाउस के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी देगी, जिससे मध्यप्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा सके.

एमपी को लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी

देश के मध्य में होने की वजह से लॉजिस्टिक हब के रूप में मध्यप्रदेश सबसे मुफीद साबित हो रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के बड़े उद्योग घराने मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक हब में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहे हैं. उधर सरकार ने भी तय किया है कि विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के अलावा अन्य स्थानों पर उद्योग केंद्रों से ली गई जमीन पर बंद फैक्ट्रियों में लॉजिस्टिक हब खोले जा सकेंगे. वैसे देखा जाए तो जीएसटी लागू किये जाने के बाद सामान की ढुलाई पर होने वाले खर्चे को लेकर कंपनियां परेशान हैं. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक हब खोलना बड़ी कंपनियों को फायदे का सौदा दिखाई दे रहा है.

नीति में किया जा रहा है बदलाव
मध्यप्रदेश सरकार उद्योग नीति में बदलाव करने जा रही है. ये बदलाव कंपनियों के मर्जर और डी मर्जर को लेकर हो रहा है. मौजूदा नीति के अनुसार अगर किसी कंपनी को अन्य कंपनी अधिकृत करती है. तब नामांतरण शुल्क लगता था, जो कंपनियों को भारी पड़ता था, लेकिन अब ये प्रावधान किया जा रहा है कि मात्र ₹10 हजार के शुल्क पर मर्जर और डी मर्जर का काम किया जा सकेगा. इससे जो कंपनी है, संकट के चलते बंद होने की कगार पर आ जाती हैं, उन्हें अन्य बड़ी कंपनियां आसानी से टेकओवर कर सकेंगी.

ऐसी कंपनियों के बंद होने पर रोजगार के छूटने का संकट कम होगा. पीथमपुर में सेक्टर 5-6 के निर्माण के लिए करीब 8000 एकड़ जमीन की तैयारी की जा रही है. ये भूमि लैंड पूलिंग नीति के तहत ली जाएगी. जिसमें जमीन देने वालों को कुछ सीमा तक दूसरे निर्माण का अधिकार मिलेगा.

Intro:नोट- खबर के फुटेज रैप से भेज रहा हूँ....

भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी में सरकार का बड़ा फोकस मध्य प्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने का है। दरअसल देश के मध्य पर होने की वजह से लॉजिस्टिक हब के रूप में मध्य प्रदेश मुफीद साबित हो रहा है यही कारण है कि प्रदेश के बड़े उद्योग घराने मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक हब में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहे हैं उधर सरकार ने भी तय किया है कि विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के अलावा अन्य स्थानों पर उद्योग केंद्रों से ली गई जमीन पर बंद फैक्ट्रियों में लॉजिस्टिक हब खोले जा सकेंगे।


Body:वैसे देखा जाए तो जीएसटी आने के बाद सामान की ढुलाई पर होने वाले खर्चे को लेकर कंपनियां परेशान है। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश मैं लॉजिस्टिक हब खोलना बड़ी कंपनियों को फायदे का सौदा दिखाई दे रहा है यही वजह है कि देश के बड़े उद्योग घराने मध्यप्रदेश में निवेश करने की रुचि दिखा रहे है। मध्य प्रदेश सरकार भी इसके लिए जमीन तैयार करके दे रही है।

नीति में किया जा रहा है बदलाव

मध्य प्रदेश सरकार उद्योग नीति में बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव कंपनियों के मर्जर और डी मर्जर को लेकर हो रहा है मौजूदा नीति के अनुसार यदि किसी कंपनी को अन्य कंपनी अधिकृत करती है तब नामांतरण शुल्क लगता था जो कंपनियों को काफी भारी पड़ता था लेकिन अब यह प्रावधान किया जा रहा है कि मात्र ₹10 हज़ार के शुल्क पर मर्जर और डी मर्जर का काम किया जा सकेगा इससे जो कंपनी है संकट पर आने के चलते बंद होने की कगार पर आती है उन्हें अन्य बड़ी कंपनियां आसानी से टेकओवर कर सकेंगे। ऐसी कंपनियों के बंद होने पर रोजगार के छूटने का संकट कम होगा। पीथमपुर में सेक्टर 5, 6 की निर्माण के लिए करीब 8000 एकड़ जमीन की तैयारी की जा रही है यह भूमि लैंड पूलिंग नीति के तहत ली जाएगी जिसमें जमीन देने वालों को कुछ सिम दूसरे निर्माण का अधिकार मिलेगा।




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