भोपाल। कोरोना महामारी से देशभर में पिछले 7 महीने से स्वास्थ्य कर्मियों का सबसे अहम योगदान रहा है. इस दौरान कई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ चुके हैं. यहां तक कि देशभर के कई डॉक्टर और अन्य स्टाफ संक्रमण के चलते अपनी जान भी गंवा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने और उन्हें स्वस्थ करने के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम लगातार काम में जुटी हुई है.
भारत शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार कोविड वैक्सीनेशन संबंधी प्रारंभिक तैयारियां सभी राज्यों द्वारा पूर्ण की जा रही हैं. इसके अंतर्गत प्रदेश में पहले फेस में चिन्हित स्वास्थ्य कर्मियों (कोरोना योद्धा) और हाई रिस्क ग्रुप हितग्राहियों का डाटाबेस तैयार किया जाना है. जिसके लिए राष्ट्र एवं राज्य-स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित कर समस्त अधिकारियों एवं स्टॉफ का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है.
जल्द ही सभी शासकीय अस्पतालों (स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, पुलिस, गैस राहत, नगर निगम) एवं क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत सभी क्लीनिक, अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत चिकित्सक एवं स्टाफ की फोटो, पहचान-पत्र एवं मोबाइल नम्बर प्रारूप में दर्ज किया जाएगा, ताकि टीकाकरण दिवस पर एसएमएस के माध्यम से टीकाकरण स्थान एवं समय की जानकारी प्रेषित की जा सके. कोविड-19 वैक्सीन के प्रत्येक हितग्राही को एक माह के अंतराल से दो बार टीके दिए जाने की योजना है, जो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये हितकारी होगा.
राज्य-स्तर पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा वैक्सीन के रख-रखाव, परिवहन, माइक्रो प्लान, शीत श्रंखला, उपकरण, मेन पावर, सुपरविजन, मॉनीटरिंग आदि अनेक सूक्ष्म बिन्दुओं पर गहन समीक्षा की जा चुकी है. आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा राज्य नोडल अधिकारी टीकाकरण/आईडीएसपी एवं जिला-स्तरीय अधिकारियों को चेक लिस्ट के अनुसार तैयारियों की जानकारी शीघ्र-अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं. भारत शासन द्वारा मिशन संचालक एनएचएम को राज्य-स्तरीय कोविड टीकाकरण के लिए राज्य नोडल अधिकारी के रूप में चिन्हित किया गया है. जिला स्तर पर कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.