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विधायकों की विकास निधि बढ़ाने की तैयारी, दूसरे राज्यों से मांगाई गई जानकारी

प्रदेश में विधायकों के विकास निधि और स्वेच्छानुदान को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. जिसके लिए विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने पड़ोसी राज्यों से विधायक निधि की जानकारी मंगाई है.

Preparation of legislators to increase development fund
विधायकों की विकास निधि बढ़ाने की तैयारी
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Published : Jan 27, 2020, 2:32 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 2:41 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के बाद अब विधायकों के विकास निधि और स्वेच्छानुदान को दोगुना करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने पड़ोसी राज्यों में दी जाने वाली विधायक निधि की जानकारी मंगाई है. जल्द ही इस मामले में वित्त मंत्री तरुण भनोत, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और दूसरे विधायकों से चर्चा करेंगे.

विधायकों की विकास निधि बढ़ाने की तैयारी

पक्ष और विपक्ष के विधायक लगातार विकास निधि और स्वेच्छा निधि बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं. मौजूदा समय में विधायकों को 1.85 करोड़ रुपए विकास निधि और 15 लाख रुपए स्वेच्छानुदान मिलता है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और सत्ता पक्ष के कई विधायकों के विकास निधि बढ़ाए जाने की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त मंत्री तरुण भनोत को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए है. वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने दूसरे राज्यों में विधायकों को मिलने वाली विकास निधि और स्वेच्छा अनुदान का ब्यौरा मांगया है.

इस मामले में विधायकों से चर्चा और दूसरे राज्यों में स्वेच्छानुदान का ब्यौरा मिलने के आधार पर मध्यप्रदेश में विधायकों की विकास निधि और स्वेच्छानुदान पर विचार किया जाएगा. हालांकि प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार इस पर निर्णय लेगी. कांग्रेस प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह के मुताबिक क्षेत्र में विधायकों के पास कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब उन्हें तत्काल क्षेत्र में काम कराने पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में विकास निधि से ही उन्हें राशि खर्च करनी पड़ती है. लिहाजा विकास निधि की राशि ज्यादा होने से विधायकों को काम कराने में मदद मिलती है.

भोपाल। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के बाद अब विधायकों के विकास निधि और स्वेच्छानुदान को दोगुना करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने पड़ोसी राज्यों में दी जाने वाली विधायक निधि की जानकारी मंगाई है. जल्द ही इस मामले में वित्त मंत्री तरुण भनोत, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और दूसरे विधायकों से चर्चा करेंगे.

विधायकों की विकास निधि बढ़ाने की तैयारी

पक्ष और विपक्ष के विधायक लगातार विकास निधि और स्वेच्छा निधि बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं. मौजूदा समय में विधायकों को 1.85 करोड़ रुपए विकास निधि और 15 लाख रुपए स्वेच्छानुदान मिलता है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और सत्ता पक्ष के कई विधायकों के विकास निधि बढ़ाए जाने की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त मंत्री तरुण भनोत को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए है. वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने दूसरे राज्यों में विधायकों को मिलने वाली विकास निधि और स्वेच्छा अनुदान का ब्यौरा मांगया है.

इस मामले में विधायकों से चर्चा और दूसरे राज्यों में स्वेच्छानुदान का ब्यौरा मिलने के आधार पर मध्यप्रदेश में विधायकों की विकास निधि और स्वेच्छानुदान पर विचार किया जाएगा. हालांकि प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार इस पर निर्णय लेगी. कांग्रेस प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह के मुताबिक क्षेत्र में विधायकों के पास कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब उन्हें तत्काल क्षेत्र में काम कराने पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में विकास निधि से ही उन्हें राशि खर्च करनी पड़ती है. लिहाजा विकास निधि की राशि ज्यादा होने से विधायकों को काम कराने में मदद मिलती है.

Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के बाद अब विधायकों के विकास निधि और स्वेच्छानुदान को दोगुना करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विधान सभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने पड़ोसी राज्यों में दी जाने वाली विधायक निधि की जानकारी मंगाई है। जल्द ही इस मामले में वित्त मंत्री तरुण भनोट नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और दूसरे विधायकों से चर्चा करेंगे।



Body:पक्ष और विपक्ष के विधायक लगातार विकास निधि और स्वेच्छा निधि बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं। मौजूदा समय में विधायकों को 1.85 करोड़ों रुपए विकास निधि और 15 लाख रुपए स्वेच्छानुदान मिलता है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और सत्ता पक्ष के कई विधायकों द्वारा विकास निधि बढ़ाए जाने की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त मंत्री तरुण भनोट को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए है। उधर विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने दूसरे राज्यों में विधायकों को मिलने वाली विकास निधि और स्वेच्छा अनुदान का ब्यौरा मांगा है। विधायकों से चर्चा और दूसरे राज्यों में स्वेच्छानुदान के ब्यौरे के आधार पर मध्यप्रदेश में विधायकों की विकास निधि और स्वेच्छानुदान पर विचार किया जाएगा। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार इस पर निर्णय लेगी। कॉन्ग्रेस प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह के मुताबिक क्षेत्र में विधायकों के पास कई बार ऐसे मौके आते हैं जब उन्हें तत्काल क्षेत्र में काम कराने पड़ते हैं ऐसी स्थिति में विकास निधि से ही उन्हें राशि खर्च करनी पड़ती है लिहाजा विकास निधि की राशि ज्यादा होने से विधायकों को काम कराने में मदद मिलती है निश्चित तौर पर यदि विधायक निधि बढ़ाई जाती है तो यह स्वागत योग्य होगा और सरकार इस पर विचार करेगी।


Conclusion:विधायकों के विकास निधि और स्वेच्छानुदान बढ़ाने के मामले में सरकार की वित्तीय मौजूदा स्थिति आड़े आ सकती है हालांकि माना जा रहा है कि इसमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
Last Updated : Jan 27, 2020, 2:41 PM IST
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