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गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टर ने दी ये सलाह

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Published : Jun 1, 2020, 5:57 PM IST

अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां जच्चा-बच्चा दोनों कोरोना संक्रमित मिले हैं, ऐसे में गर्भवती महिलाओं के अंदर एक डर सा बैठ गया है, जिस पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल ने महिलाओं को बताया है कि गर्भावस्था में उन्हें क्या और कैसे करना चाहिए.

The doctor gave this advice
डॉक्टर ने दी ये सलाह

भोपाल। कोरोना वायरस का खतरा ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या फिर जिन्हें पहले से किसी न किसी बीमारी की शिकायत है. इसके साथ ही बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना वायरस जल्दी प्रभावित करता है, अगर मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो कोरोना वायरस संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में किस व्यक्ति को ये संक्रमण है, इस बारे में तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है, जब तक उसकी जांच न कराई जाए. इसलिए ऐसे व्यक्तियों को ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है.

डॉक्टर ने दी ये सलाह

घर से न निकलें गर्भवती महिलाएं
अब तक कोरोना संक्रमण के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां जच्चा और बच्चा दोनों संक्रमित मिले हैं, इसके चलते उनकी हालत भी गंभीर हो जाती है. विशेषज्ञों का इस मामले में कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस दौरान किसी भी तरह का संक्रमण होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. इसलिए प्रशासन भी लगातार गर्भवती महिलाओं को घर से नहीं निकलने के लिए कह रहा है.

पहले तीन महीने में कराएं सभी जांच

गर्भवती महिलाओं को इस संक्रमण से बचने के लिए किस तरह सावधानी रखनी चाहिए, इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल का कहना है कि गर्भवती महिला पहले तीन महीने में एक बार अपनी पूरी जांच करा लें, उसके बाद भी कम से कम घर से बाहर निकलें, यदि बहुत ज्यादा जरूरी हो तभी अस्पताल जाएं. साथ ही 7 महीने पूरे होने पर डॉक्टर की सलाह से एक बार फिर अपने सभी टेस्ट जरूर करा लें.

खान-पान में रखें विशेष सावधानी
साथ ही खान-पान का खास तौर पर ध्यान रखें, पूरा पोषण आहार लें, ताजे फल सब्जी का सेवन करें, बाहर का खाना खाने से बचें क्योंकि इससे संक्रमण होने का खतरा रहता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि गर्भवती महिला खुद को बीमार समझने लगती है. इसलिए महिला खुद को बीमार न समझें, छोटी-मोटी परेशानियों का निराकरण परिवार की बुजुर्ग महिलाओं की राय लेकर किया जा सकता है.
अस्पताल के सभी वार्डों को किया जाता है सैनिटाइज

डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल के मुताबिक इस समय अस्पताल में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है. यदि ऐसी गर्भवती महिला जिनके घर में कोई कोविड-19 से संक्रमित हुआ है तो उनकी जांच कराई जा रही है. साथ ही ऐसी महिलाएं जो कंटेन्मेंट क्षेत्र में हैं, उनकी भी कोविड-19 की जांच की जा रही है. अस्पताल के सभी वार्ड को सैनिटाइज किया जा रहा है. ताकि किसी भी तरह से जच्चा-बच्चा में कोरोना का संक्रमण न फैले.
अब तक राजधानी में दो गर्भवती महिलाएं कोरोना पॉजिटिव
राजधानी भोपाल में भी दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है. इनमें से एक महिला की हालत खराब होने पर उसकी और उसके बच्चे की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के अंदर एक डर भी बैठ गया है. डॉक्टर का मानना है कि महिलाओं को अपने आसपास सकारात्मकता को बनाए रखना है और खुद को बीमार नहीं समझना है.

भोपाल। कोरोना वायरस का खतरा ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या फिर जिन्हें पहले से किसी न किसी बीमारी की शिकायत है. इसके साथ ही बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना वायरस जल्दी प्रभावित करता है, अगर मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो कोरोना वायरस संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में किस व्यक्ति को ये संक्रमण है, इस बारे में तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है, जब तक उसकी जांच न कराई जाए. इसलिए ऐसे व्यक्तियों को ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है.

डॉक्टर ने दी ये सलाह

घर से न निकलें गर्भवती महिलाएं
अब तक कोरोना संक्रमण के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां जच्चा और बच्चा दोनों संक्रमित मिले हैं, इसके चलते उनकी हालत भी गंभीर हो जाती है. विशेषज्ञों का इस मामले में कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस दौरान किसी भी तरह का संक्रमण होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. इसलिए प्रशासन भी लगातार गर्भवती महिलाओं को घर से नहीं निकलने के लिए कह रहा है.

पहले तीन महीने में कराएं सभी जांच

गर्भवती महिलाओं को इस संक्रमण से बचने के लिए किस तरह सावधानी रखनी चाहिए, इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल का कहना है कि गर्भवती महिला पहले तीन महीने में एक बार अपनी पूरी जांच करा लें, उसके बाद भी कम से कम घर से बाहर निकलें, यदि बहुत ज्यादा जरूरी हो तभी अस्पताल जाएं. साथ ही 7 महीने पूरे होने पर डॉक्टर की सलाह से एक बार फिर अपने सभी टेस्ट जरूर करा लें.

खान-पान में रखें विशेष सावधानी
साथ ही खान-पान का खास तौर पर ध्यान रखें, पूरा पोषण आहार लें, ताजे फल सब्जी का सेवन करें, बाहर का खाना खाने से बचें क्योंकि इससे संक्रमण होने का खतरा रहता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि गर्भवती महिला खुद को बीमार समझने लगती है. इसलिए महिला खुद को बीमार न समझें, छोटी-मोटी परेशानियों का निराकरण परिवार की बुजुर्ग महिलाओं की राय लेकर किया जा सकता है.
अस्पताल के सभी वार्डों को किया जाता है सैनिटाइज

डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल के मुताबिक इस समय अस्पताल में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है. यदि ऐसी गर्भवती महिला जिनके घर में कोई कोविड-19 से संक्रमित हुआ है तो उनकी जांच कराई जा रही है. साथ ही ऐसी महिलाएं जो कंटेन्मेंट क्षेत्र में हैं, उनकी भी कोविड-19 की जांच की जा रही है. अस्पताल के सभी वार्ड को सैनिटाइज किया जा रहा है. ताकि किसी भी तरह से जच्चा-बच्चा में कोरोना का संक्रमण न फैले.
अब तक राजधानी में दो गर्भवती महिलाएं कोरोना पॉजिटिव
राजधानी भोपाल में भी दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है. इनमें से एक महिला की हालत खराब होने पर उसकी और उसके बच्चे की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के अंदर एक डर भी बैठ गया है. डॉक्टर का मानना है कि महिलाओं को अपने आसपास सकारात्मकता को बनाए रखना है और खुद को बीमार नहीं समझना है.

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