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भोपाल के प्रवीण देशमुख ने दिल्ली में दूसरी बार दर्ज की जीत, अन्ना आंदोलन से निकली थी सियासी राह - अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की सरकार में बैतूल के प्रवीण देशमुख को मंत्री बनाया जा सकता है, उनका परिवार अब भोपाल में रहता है, प्रवीण देशमुख दूसरी बार जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से भारी बहुमत के साथ चुनाव जीते हैं.

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भोपाल के प्रवीण देशमुख ने दिल्ली में दूसरी बार दर्ज की जीत
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Published : Feb 12, 2020, 7:59 AM IST

भोपाल। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद एक बार फिर से ये सुनिश्चित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. दिल्ली के लिए ये तीसरा मौका है, जब आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई है. पर अरविंद केजरीवाल की सरकार में मध्यप्रदेश का भी योगदान है. भोपाल के रहने वाले प्रवीण देशमुख आम आदमी पार्टी से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने जंगपुरा से दूसरी बार भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है.

भोपाल के प्रवीण देशमुख ने दिल्ली में दूसरी बार दर्ज की जीत

प्रवीण ने 17 हजार मतों से जीत हासिल की है. मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी ने अपनी राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए यहां पर भी कार्यकारिणी गठित की थी, लेकिन वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया था. यहां तक कि अब तक आम आदमी पार्टी की प्रदेश में नई कार्यकारिणी का गठन भी नहीं हो सका है. स्थिति ये है कि आम आदमी पार्टी का कार्यालय भी पूरी तरह से बंद हो चुका है. थोड़े बहुत कार्यकर्ता अभी भी पार्टी को एक बार फिर से प्रदेश में खड़ा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

प्रवीण देशमुख भोपाल के बोगदा पुल के पास रहते हैं. यहां उनका पूरा परिवार है, लेकिन प्रवीण राजनीतिक कामों की वजह से अब दिल्ली में ही अपना निवास स्थान बना चुके हैं. प्रवीण देशमुख के पिता बोगदा पुल के पास ही एक छोटी सी पंचर की दुकान चलाते हैं. ताज्जुब की बात ये है कि बेटे के विधायक बनने के बाद भी उनकी दुकान में कोई परिवर्तन नहीं आया है. वह आज भी सुबह 10:00 बजे अपनी दुकान खोलते हैं और शाम को 6:00 बजे अपनी दुकान बंद कर घर लौट आते हैं. उनकी दिनचर्या आज भी एक आम आदमी की तरह ही है. सबसे बड़ी बात ये है कि ज्यादातर लोगों को ये मालूम भी नहीं है कि प्रवीण देशमुख का बेटा दिल्ली में विधायक है.

आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने में जरूर कामयाब हुई है, लेकिन अन्य राज्यों में अब तक अपनी उपस्थिति भी ठीक ढंग से दर्ज नहीं करवा पाई है. हालांकि, मध्यप्रदेश में पार्टी को काफी मजबूत संगठन मिला था. इसके बावजूद भी पार्टी यहां पर कुछ खास नहीं कर पाई. यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में बिखराव दिखाई देने लगा था. पार्टी के ज्यादातर शीर्ष नेतृत्व पार्टी छोड़कर जा रहे थे. यही वजह रही कि पार्टी ने प्रदेश की कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया था. माना जा रहा है कि दिल्ली में एक बार फिर सरकार बनाने के बाद प्रदेश में नए सिरे से संगठन को खड़ा करने की कवायद आम आदमी पार्टी करेगी.

दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रवीण देशमुख के पिता वैसे बैतूल के रहने वाले हैं, लेकिन कई वर्षों पहले ही वे भोपाल में आकर बस गए थे. उसके बाद से प्रवीण की शिक्षा भोपाल में ही हुई है. प्रवीण ने भोपाल में रहकर ही अपनी पूरी पढ़ाई लिखाई की है. इस दौरान उन्होंने भोपाल से ही बीएससी और एमबीए उत्तीर्ण किया है. इसके बाद ही वे नौकरी के सिलसिले में दिल्ली गए थे, लेकिन वह फिर वहीं के होकर रह गए और नौकरी के दौरान ही वे अन्ना आंदोलन से जुड़ गए थे.

इसी दौरान उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई और वे आम आदमी पार्टी से जुड़ गए. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें अरविंद केजरीवाल ने जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया और उन्होंने अरविंद के भरोसे पर खरा उतरते हुए जीत हासिल की. यही वजह रही कि जंगपुरा विधानसभा से एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने प्रवीण देशमुख को ही टिकट दिया और उन्होंने इस बार भी भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है.

माना जा रहा है कि दिल्ली में बनने जा रही नई सरकार में प्रवीण देशमुख को मंत्री पद मिल सकता है. प्रवीण देशमुख के दोबारा विधायक बनने पर पूरा परिवार दिल्ली पहुंच चुका है और इस खुशी को एक साथ सेलिब्रेट कर रहा है. बताया जा रहा है कि प्रवीण देशमुख के पिता जल्द भोपाल लौटेंगे, उसके बाद अपने परिवारजनों के साथ भी इस खुशी को साझा करेंगे.

भोपाल। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद एक बार फिर से ये सुनिश्चित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. दिल्ली के लिए ये तीसरा मौका है, जब आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई है. पर अरविंद केजरीवाल की सरकार में मध्यप्रदेश का भी योगदान है. भोपाल के रहने वाले प्रवीण देशमुख आम आदमी पार्टी से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने जंगपुरा से दूसरी बार भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है.

भोपाल के प्रवीण देशमुख ने दिल्ली में दूसरी बार दर्ज की जीत

प्रवीण ने 17 हजार मतों से जीत हासिल की है. मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी ने अपनी राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए यहां पर भी कार्यकारिणी गठित की थी, लेकिन वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया था. यहां तक कि अब तक आम आदमी पार्टी की प्रदेश में नई कार्यकारिणी का गठन भी नहीं हो सका है. स्थिति ये है कि आम आदमी पार्टी का कार्यालय भी पूरी तरह से बंद हो चुका है. थोड़े बहुत कार्यकर्ता अभी भी पार्टी को एक बार फिर से प्रदेश में खड़ा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

प्रवीण देशमुख भोपाल के बोगदा पुल के पास रहते हैं. यहां उनका पूरा परिवार है, लेकिन प्रवीण राजनीतिक कामों की वजह से अब दिल्ली में ही अपना निवास स्थान बना चुके हैं. प्रवीण देशमुख के पिता बोगदा पुल के पास ही एक छोटी सी पंचर की दुकान चलाते हैं. ताज्जुब की बात ये है कि बेटे के विधायक बनने के बाद भी उनकी दुकान में कोई परिवर्तन नहीं आया है. वह आज भी सुबह 10:00 बजे अपनी दुकान खोलते हैं और शाम को 6:00 बजे अपनी दुकान बंद कर घर लौट आते हैं. उनकी दिनचर्या आज भी एक आम आदमी की तरह ही है. सबसे बड़ी बात ये है कि ज्यादातर लोगों को ये मालूम भी नहीं है कि प्रवीण देशमुख का बेटा दिल्ली में विधायक है.

आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने में जरूर कामयाब हुई है, लेकिन अन्य राज्यों में अब तक अपनी उपस्थिति भी ठीक ढंग से दर्ज नहीं करवा पाई है. हालांकि, मध्यप्रदेश में पार्टी को काफी मजबूत संगठन मिला था. इसके बावजूद भी पार्टी यहां पर कुछ खास नहीं कर पाई. यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में बिखराव दिखाई देने लगा था. पार्टी के ज्यादातर शीर्ष नेतृत्व पार्टी छोड़कर जा रहे थे. यही वजह रही कि पार्टी ने प्रदेश की कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया था. माना जा रहा है कि दिल्ली में एक बार फिर सरकार बनाने के बाद प्रदेश में नए सिरे से संगठन को खड़ा करने की कवायद आम आदमी पार्टी करेगी.

दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रवीण देशमुख के पिता वैसे बैतूल के रहने वाले हैं, लेकिन कई वर्षों पहले ही वे भोपाल में आकर बस गए थे. उसके बाद से प्रवीण की शिक्षा भोपाल में ही हुई है. प्रवीण ने भोपाल में रहकर ही अपनी पूरी पढ़ाई लिखाई की है. इस दौरान उन्होंने भोपाल से ही बीएससी और एमबीए उत्तीर्ण किया है. इसके बाद ही वे नौकरी के सिलसिले में दिल्ली गए थे, लेकिन वह फिर वहीं के होकर रह गए और नौकरी के दौरान ही वे अन्ना आंदोलन से जुड़ गए थे.

इसी दौरान उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई और वे आम आदमी पार्टी से जुड़ गए. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें अरविंद केजरीवाल ने जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया और उन्होंने अरविंद के भरोसे पर खरा उतरते हुए जीत हासिल की. यही वजह रही कि जंगपुरा विधानसभा से एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने प्रवीण देशमुख को ही टिकट दिया और उन्होंने इस बार भी भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है.

माना जा रहा है कि दिल्ली में बनने जा रही नई सरकार में प्रवीण देशमुख को मंत्री पद मिल सकता है. प्रवीण देशमुख के दोबारा विधायक बनने पर पूरा परिवार दिल्ली पहुंच चुका है और इस खुशी को एक साथ सेलिब्रेट कर रहा है. बताया जा रहा है कि प्रवीण देशमुख के पिता जल्द भोपाल लौटेंगे, उसके बाद अपने परिवारजनों के साथ भी इस खुशी को साझा करेंगे.

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