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मध्यप्रदेश में गुपकार पर शिव 'प्रहार' ! कांग्रेस का पलटवार, आप करें तो वाह...हम करें तो ना

एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और जम्मू कश्मीर में बने गुपकार गठबंधन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पर देश विरोधी ताकतों से हाथ मिलाने का आरोप लगाते हुए गुपकार गठबंधन में शामिल दलों को चीन और पाकिस्तान का गुप्तचर बता दिया. इधर एमपी कांग्रेस ने भी शिवराज पर पलटवार करने में देर नहीं की.

Gupkar Politics started in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में गुपकार पर सियासत
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Published : Nov 20, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 6:34 PM IST

भोपाल । जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी (PEOPLES Democratic Party) के गुपकार गठबंधन के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी गठबंधन पर अब मध्यप्रदेश में भी राजनीति शुरु हो गई है. एमपी में ये मुद्दा खुद प्रदेश के मुखिया ने उठाया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा. शिवराज ने राहुल और सोनिया गांधी से सवाल पूछते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में जो अलायंस बना है, उसे हम क्या कहें. शिवराज यहीं नहीं रुके और कहा कि इस डिक्लेरेशन को अमलीजामा पहनाने के लिए छह दलों ने हाथ मिलाया है. शिवराज ने कहा कि इस गठबंधन में सभी राष्ट्र विरोधी बयान देने वाले नेता हैं. इनमें फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, माकपा और कांग्रेस शामिल हैं. इसे ही भाजपा ने गुपकार गैंग नाम दिया है.

मध्यप्रदेश में गुपकार पर सियासत

गुपकार के बहाने दिग्विजय और राहुल पर निशाना

शिवराज ने कहा कि राहुल गांधी ने 370 को असंवैधानिक बताया था. नेहरू ने सत्ता हासिल करने के लिए विभाजन कराया था. कांग्रेस गुपकार संगठन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस का 370 को लेकर दृष्टिकोण क्या है ? दिग्विजय सिंह आतंकवादियों के साथ क्यों खड़े होते हैं ? इन मामलों पर कांग्रेस को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना चाहिए.

महबूबा और फारुक अब्दुल्ला पर बरसे शिवराज

शिवराज ने कहा कि आठ दल गुपकार गैंग के साथ हैं. यह ग्रुप एंटी नेशनल एलायंस है. फारूक अब्दुल्ला 11 अक्टूबर को एक टीवी समाचार चैनल से बात करते हुए यह कहते हैं कि हम चीन की मदद से धारा 370 की वापसी कर आएंगे. महबूबा पर भी शिवराज ने कहा कि 23 अक्टूबर को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो तिरंगा नहीं उठाएंगे, और ना ही किसी को कभी उठाने देंगे. जब तक कि कश्मीर का झंडा उन्हें वापस नहीं मिल जाता.

शिवराज के आरोपों पर कांग्रेस का जवाब

  • आज सारा देश यह जानना चाहता है कि धारा 370 की समाप्ति का विरोध करने वालों और आतंकवाद को बढ़ावा देकर जम्मू-कश्मीर की फिज़ा में ज़हर घोलने वालों के साथ हाथ में हाथ डालकर कांग्रेस पार्टी क्यों खड़ी है? pic.twitter.com/3xfmcRdsRQ

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवराज सिंह द्वारा खड़े किए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी पहले इस बात का जवाब दे, कि कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर किसने 3 साल तक सत्ता की मलाई खाई ? कौन आतंकियों को छोड़ने कंधार गया था ? लद्दाख की नेशनल काउंसिल गुपकार संगठन वाले लोगों के साथ सत्ता में कौन शामिल है ?

लद्दाख काउंसिल में कौन हुआ शामिल

शिवराज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने तिलमिलाई कांग्रेस ने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उनका गुपकार संगठन से क्या संबंध है ? अभी भी लद्दाख काउंसिल में उनके साथ सत्ता में शामिल हैं. भाजपा उनकी पार्टनर है, कल तक महबूबा मुफ्ती के साथ कश्मीर में सरकार के साथ पार्टनर थे. तीन साल तक सरकार में बैठकर सत्ता का सुख लूटा. कांग्रेस से किस बात का जवाब मांग रहे हैं. कांग्रेस तो गुपकार वाले लोगों की सरकार में शामिल नहीं है. आज भी लद्दाख काउंसिल का बीजेपी हिस्सा है. भाजपा के वहां पर इकलौते सांसद उनके सहयोगी हैं. भाजपा को सफाई देना चाहिए कि एक तरफ पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं. भ्रम फैला रहे हैं और दूसरी तरफ सत्ता की मलाई खा रहे हैं.

370 पर भी कांग्रेस ने शिवराज को घेरा

वहीं दूसरी तरफ 370 को लेकर शिवराज सिंह के खड़े किए गए सवाल पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के अंदर कम पढ़े लिखे लोग हैं जो इतिहास के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं. उन्हें पहले इतिहास का अध्ययन करना चाहिए. लालकृष्ण आडवाणी के इस संदर्भ में लिखे गए ब्लाग पढ़ना चाहिए. भाजपा के पुराने नेता जो दुनिया को छोड़ चुके हैं, उनके लिए पढ़ना चाहिए. उन्हें इसकी वास्तविकता पता चल जाएगी. लगातार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाता है.

क्यों चर्चाओं में गुपकार

गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है, जिसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का नाम दिया गया है. ये एक एक तरह का घोषणा पत्र है. इसी गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन कहा जाता है. आप को ये भी समझना चाहिए कि गुपकार गठबंधन का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की है. गुपकार गठबंधन में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अलावा जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियां शामिल हैं.

गुपकार ही नाम क्यों पड़ा
श्रीनगर में एक सड़क का नाम गुपकार रोड है. इसी गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का घर भी है. बड़ी बात ये है कि फारुक अब्दुल्ला के आवास पर ही राज्य से आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले कश्मीर के कुछ दलों की बैठक भी हुई थी.

अमित शाह के ट्वीट के बाद मुद्दा गर्माया

दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताया था और कहा था कि गुपकार गैंग में शामिल लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं. एक तरह से अमित शाह ने गुपकार गठबंधन अथवा गुपकार घोषणा पत्र को देशहित के खिलाफ बताया और कहा कि राष्ट्रहित के खिलाफ काम करने पर देश की जनता इसे डुबो देगी.

अब मध्यप्रदेश में भी सियासत

बहराल जम्मू-कश्मीर का गुपकार अब मध्यप्रदेश में भी मुद्दा बन गया है. शिवराज कहीं न कहीं कांग्रेस को आसानी से बैठना नहीं देना चाहते. एक तरफ उपचुनाव में हुई पीड़ा से कांग्रेस अभी उबरी नहीं. दूसरी तरफ शिवराज का मध्यप्रदेश में लव जिहाद कानून लाने का प्रस्ताव और अब ये गुपकार पर आरोप. कांग्रेस संकट में पड़ गई है कि शिवराज के आरोपों का जवाब शाम तक दें तो अगले दिन मामा एक और आरोप लेकर सामने आ जाते हैं.

भोपाल । जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी (PEOPLES Democratic Party) के गुपकार गठबंधन के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी गठबंधन पर अब मध्यप्रदेश में भी राजनीति शुरु हो गई है. एमपी में ये मुद्दा खुद प्रदेश के मुखिया ने उठाया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा. शिवराज ने राहुल और सोनिया गांधी से सवाल पूछते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में जो अलायंस बना है, उसे हम क्या कहें. शिवराज यहीं नहीं रुके और कहा कि इस डिक्लेरेशन को अमलीजामा पहनाने के लिए छह दलों ने हाथ मिलाया है. शिवराज ने कहा कि इस गठबंधन में सभी राष्ट्र विरोधी बयान देने वाले नेता हैं. इनमें फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, माकपा और कांग्रेस शामिल हैं. इसे ही भाजपा ने गुपकार गैंग नाम दिया है.

मध्यप्रदेश में गुपकार पर सियासत

गुपकार के बहाने दिग्विजय और राहुल पर निशाना

शिवराज ने कहा कि राहुल गांधी ने 370 को असंवैधानिक बताया था. नेहरू ने सत्ता हासिल करने के लिए विभाजन कराया था. कांग्रेस गुपकार संगठन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस का 370 को लेकर दृष्टिकोण क्या है ? दिग्विजय सिंह आतंकवादियों के साथ क्यों खड़े होते हैं ? इन मामलों पर कांग्रेस को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना चाहिए.

महबूबा और फारुक अब्दुल्ला पर बरसे शिवराज

शिवराज ने कहा कि आठ दल गुपकार गैंग के साथ हैं. यह ग्रुप एंटी नेशनल एलायंस है. फारूक अब्दुल्ला 11 अक्टूबर को एक टीवी समाचार चैनल से बात करते हुए यह कहते हैं कि हम चीन की मदद से धारा 370 की वापसी कर आएंगे. महबूबा पर भी शिवराज ने कहा कि 23 अक्टूबर को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो तिरंगा नहीं उठाएंगे, और ना ही किसी को कभी उठाने देंगे. जब तक कि कश्मीर का झंडा उन्हें वापस नहीं मिल जाता.

शिवराज के आरोपों पर कांग्रेस का जवाब

  • आज सारा देश यह जानना चाहता है कि धारा 370 की समाप्ति का विरोध करने वालों और आतंकवाद को बढ़ावा देकर जम्मू-कश्मीर की फिज़ा में ज़हर घोलने वालों के साथ हाथ में हाथ डालकर कांग्रेस पार्टी क्यों खड़ी है? pic.twitter.com/3xfmcRdsRQ

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवराज सिंह द्वारा खड़े किए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी पहले इस बात का जवाब दे, कि कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर किसने 3 साल तक सत्ता की मलाई खाई ? कौन आतंकियों को छोड़ने कंधार गया था ? लद्दाख की नेशनल काउंसिल गुपकार संगठन वाले लोगों के साथ सत्ता में कौन शामिल है ?

लद्दाख काउंसिल में कौन हुआ शामिल

शिवराज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने तिलमिलाई कांग्रेस ने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उनका गुपकार संगठन से क्या संबंध है ? अभी भी लद्दाख काउंसिल में उनके साथ सत्ता में शामिल हैं. भाजपा उनकी पार्टनर है, कल तक महबूबा मुफ्ती के साथ कश्मीर में सरकार के साथ पार्टनर थे. तीन साल तक सरकार में बैठकर सत्ता का सुख लूटा. कांग्रेस से किस बात का जवाब मांग रहे हैं. कांग्रेस तो गुपकार वाले लोगों की सरकार में शामिल नहीं है. आज भी लद्दाख काउंसिल का बीजेपी हिस्सा है. भाजपा के वहां पर इकलौते सांसद उनके सहयोगी हैं. भाजपा को सफाई देना चाहिए कि एक तरफ पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं. भ्रम फैला रहे हैं और दूसरी तरफ सत्ता की मलाई खा रहे हैं.

370 पर भी कांग्रेस ने शिवराज को घेरा

वहीं दूसरी तरफ 370 को लेकर शिवराज सिंह के खड़े किए गए सवाल पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के अंदर कम पढ़े लिखे लोग हैं जो इतिहास के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं. उन्हें पहले इतिहास का अध्ययन करना चाहिए. लालकृष्ण आडवाणी के इस संदर्भ में लिखे गए ब्लाग पढ़ना चाहिए. भाजपा के पुराने नेता जो दुनिया को छोड़ चुके हैं, उनके लिए पढ़ना चाहिए. उन्हें इसकी वास्तविकता पता चल जाएगी. लगातार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाता है.

क्यों चर्चाओं में गुपकार

गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है, जिसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का नाम दिया गया है. ये एक एक तरह का घोषणा पत्र है. इसी गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन कहा जाता है. आप को ये भी समझना चाहिए कि गुपकार गठबंधन का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की है. गुपकार गठबंधन में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अलावा जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियां शामिल हैं.

गुपकार ही नाम क्यों पड़ा
श्रीनगर में एक सड़क का नाम गुपकार रोड है. इसी गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का घर भी है. बड़ी बात ये है कि फारुक अब्दुल्ला के आवास पर ही राज्य से आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले कश्मीर के कुछ दलों की बैठक भी हुई थी.

अमित शाह के ट्वीट के बाद मुद्दा गर्माया

दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताया था और कहा था कि गुपकार गैंग में शामिल लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं. एक तरह से अमित शाह ने गुपकार गठबंधन अथवा गुपकार घोषणा पत्र को देशहित के खिलाफ बताया और कहा कि राष्ट्रहित के खिलाफ काम करने पर देश की जनता इसे डुबो देगी.

अब मध्यप्रदेश में भी सियासत

बहराल जम्मू-कश्मीर का गुपकार अब मध्यप्रदेश में भी मुद्दा बन गया है. शिवराज कहीं न कहीं कांग्रेस को आसानी से बैठना नहीं देना चाहते. एक तरफ उपचुनाव में हुई पीड़ा से कांग्रेस अभी उबरी नहीं. दूसरी तरफ शिवराज का मध्यप्रदेश में लव जिहाद कानून लाने का प्रस्ताव और अब ये गुपकार पर आरोप. कांग्रेस संकट में पड़ गई है कि शिवराज के आरोपों का जवाब शाम तक दें तो अगले दिन मामा एक और आरोप लेकर सामने आ जाते हैं.

Last Updated : Nov 20, 2020, 6:34 PM IST
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