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कमलनाथ के निवास पर हनुमान चालीसा के पाठ पर राजनीति, कांग्रेस ने खुद को बताया धर्मनिरपेक्ष पार्टी

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आगामी 4 अगस्त को अपने निवास पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन कर रहे हैं. इस आयोजन में वह स्वयं शामिल होंगे और उन्होंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से अपील की है कि वह कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने घरों पर या फिर अपने नजदीकी मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करें.

Kamal Nath
कमलनाथ
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Published : Aug 1, 2020, 7:40 PM IST

भोपाल। 5 अगस्त को होने जा रहे राम मंदिर शिलान्यास के ठीक 1 दिन पहले कमलनाथ अपने निवास पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन कर रहे हैं. इस आयोजन को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि हम धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और हम सच्चे अर्थों में धर्म प्रेमी हैं. हम धर्म का उपयोग राजनीति के लिए नहीं करते हैं और हमें बीजेपी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

कमलनाथ के निवास पर हनुमान चालीसा का पाठ

एमपी कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर 4 अगस्त को हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया है. जिसमें कमलनाथ भी शामिल होंगे. प्रदेश की खुशहाली, प्रदेश की शांति, स्वास्थ्य और कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए यह पाठ का आयोजन किया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपील की है कि प्रदेश के सभी कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने अपने घरों में और मंदिरों में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पाठ करें. ताकि प्रदेश खुशहाल रहे, प्रदेश में शांति हो, प्रदेश स्वस्थ हो और कोरोना से मुक्ति मिले. ऐसी कई कामनाओं के साथ ही आयोजन किया जा रहा है.

नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है. बीजेपी तरह-तरह के आरोप लगा रही है, इसे राम मंदिर से जोड़कर देख रही है और तरह-तरह के बयान दे रही है. कांग्रेस कोई धार्मिक आयोजन कर रही है, तो बीजेपी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. आज बीजेपी जिस राम मंदिर की बात कर रही है, तो इतिहास उठाकर देख लें.

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के समय राम मंदिर का ताला खुला था और उन्हीं के समय पर शिलान्यास हुआ था. आप पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय नरसिम्हा राव का इतिहास उठाकर देख लें, नहीं तो आडवाणी जी की किताब पढ़ लें, जिसके अंदर सारी सच्चाई लिखी है, तो कांग्रेस के योगदान को मानें. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने भी राम मंदिर की लड़ाई लड़ी, उनको आपने निमंत्रण तक नहीं भेजा. आपने पूरा कार्यक्रम राजनीतिक कर दिया है, इसे बीजेपी का कार्यक्रम बना दिया है. जबकि यह धार्मिक कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा है.

भोपाल। 5 अगस्त को होने जा रहे राम मंदिर शिलान्यास के ठीक 1 दिन पहले कमलनाथ अपने निवास पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन कर रहे हैं. इस आयोजन को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि हम धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और हम सच्चे अर्थों में धर्म प्रेमी हैं. हम धर्म का उपयोग राजनीति के लिए नहीं करते हैं और हमें बीजेपी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

कमलनाथ के निवास पर हनुमान चालीसा का पाठ

एमपी कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर 4 अगस्त को हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया है. जिसमें कमलनाथ भी शामिल होंगे. प्रदेश की खुशहाली, प्रदेश की शांति, स्वास्थ्य और कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए यह पाठ का आयोजन किया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपील की है कि प्रदेश के सभी कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने अपने घरों में और मंदिरों में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पाठ करें. ताकि प्रदेश खुशहाल रहे, प्रदेश में शांति हो, प्रदेश स्वस्थ हो और कोरोना से मुक्ति मिले. ऐसी कई कामनाओं के साथ ही आयोजन किया जा रहा है.

नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है. बीजेपी तरह-तरह के आरोप लगा रही है, इसे राम मंदिर से जोड़कर देख रही है और तरह-तरह के बयान दे रही है. कांग्रेस कोई धार्मिक आयोजन कर रही है, तो बीजेपी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. आज बीजेपी जिस राम मंदिर की बात कर रही है, तो इतिहास उठाकर देख लें.

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के समय राम मंदिर का ताला खुला था और उन्हीं के समय पर शिलान्यास हुआ था. आप पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय नरसिम्हा राव का इतिहास उठाकर देख लें, नहीं तो आडवाणी जी की किताब पढ़ लें, जिसके अंदर सारी सच्चाई लिखी है, तो कांग्रेस के योगदान को मानें. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने भी राम मंदिर की लड़ाई लड़ी, उनको आपने निमंत्रण तक नहीं भेजा. आपने पूरा कार्यक्रम राजनीतिक कर दिया है, इसे बीजेपी का कार्यक्रम बना दिया है. जबकि यह धार्मिक कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा है.

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