भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चल रहे दिग्गजों के घमासान में अब एक नया फार्मूला तेजी से सियासी गलियारों में फैल रहा है. चर्चा है कि पुरूषों को खारिज करते हुए AICC किसी महिला के हाथों में मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान दे सकती है. इस नए सियासी समीकरण के साथ ही उन महिला नेताओं के नाम भी सुर्खियां बटोर रहे हैं जो इस पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं. प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर शोभा ओझा और मीनाक्षी नटराजन में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. शोभा ओझा जहां सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ उनके कामकाज से प्रभावित हैं. तो राहुल की टीम की अहम सदस्य मीनाक्षी नटराजन के लिए MP कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अंतिम फैसला मुख्यमंत्री कमलनाथ और सोनिया गांधी की सहमति से होना है, तब तक इस तरह के दावे अटकलें ही माने जा सकते हैं.
कमलनाथ के लिए बन सकता है परेशानी का सबब
MP कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तरह-तरह के समीकरण सामने आ रहे हैं. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण एक ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है जो सत्ता और संगठन में समन्वय बनाकर चल सके. ऐसी स्थिति में उन दिग्गज दावेदारों का दावा कमजोर पड़ रहा है. जो कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.
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दोनों महिला दावेदारों की चर्चा जोरों पर
इस नए समीकरण के साथ MP कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए महिला दावेदारों के नामों की चर्चा भी जोर पकड़ चुकी है. दावेदारों में MP कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन का नाम तेजी से उभरा है. दोनों महिला नेता जहां AICC में मजबूत पकड़ रखती हैं, वहीं मध्यप्रदेश की राजनीति में भी उनका अच्छा-खासा दखल है.
तेजतर्रार और मेहनती नेता के रूप में है छवि
पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन की बात करें तो मीनाक्षी नटराजन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की टीम की सदस्य मानी जाती हैं. तेजतर्रार और मेहनती नेता के रूप में उनकी छवि है. वहीं MP कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के भी साथ वह काम कर चुकी है. इसके अलावा वह NSUI की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
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मुख्यमंत्री हैं काम से प्रवाभित
अगर बात की जाए शोभा ओझा की तो उनका पलड़ा भी मीनाक्षी नटराजन के मुकाबले कमजोर नजर नहीं आ रहा है. शोभा ओझा जहां कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की नजदीकी हैं. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनके कामकाज से प्रभावित हैं. कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही उन्हें मीडिया की कमान सौंपी थी. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने कामकाज से मुख्यमंत्री को काफी प्रभावित भी किया है. वह महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
सोनिया गांधी लेंगी आखिरी निर्णय : शोभा ओझा
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर महिलाओं की दावेदारी को लेकर शोभा ओझा कहती हैं कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी इस संबंध में आखिरी निर्णय लेंगी. वो जिसको चाहे बना सकती हैं. जिस पर उन्हें विश्वास होगा कि वह संगठन को मजबूती देगा. चाहे वह महिला हो, पुरुष हो, सामान्य हो, दलित हो किसी को भी बना सकती हैं. मैं समझती हूं कि प्राथमिकता यह रहनी चाहिए,जो संगठन को मजबूती दे सके.
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कांग्रेस सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शोभा ओझा मीनाक्षी नटराजन के मुकाबले में बेहतर साबित होंगी. चर्चा यह भी है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फार्मूला तय किया गया था कि संगठन में उन्हीं लोगों को तवज्जो मिलेगी जो कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और शोभा ओझा ने कोई चुनाव भी नहीं लड़ रही हैं.