भोपाल। दुनिया के विभिन्न देशों में निवासरत भारतीयों को जोड़ने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. आगामी साल का प्रवासी भारतीय दिवस का कार्यक्रम मध्यप्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में होगा. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सहमति दे दी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक से पहले मंत्री साथियों को विभिन्न विषयों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस इंदौर में होगा. (Pravasi Bharatiya Divas in Indore)
पीएम मोदी से किया आग्रहः सीएम शिवराज ने कहा कि इस दिवस के कार्यक्रम में दुनिया भर से एनआरआई आते हैं. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इस बार प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश में किया जाए. इसके लिए उपयुक्त स्थान इंदौर है. यहां की एयर कनेक्टिविटी सबसे ज्यादा है. उसकी स्वीकृति भी मिली है. उन्होंने कहा कि चार से छह नवंबर तक होने वाली इन्वेस्टर समिट अब सात और आठ जनवरी को करेंगे. नौ और 10 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा. (cm shivraj singh chouhan)
क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवसः ज्ञात हो कि महात्मा गांधी की नौ जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे. भारतीयों को जोड़ने के मकसद से 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस का आयेाजन किया जा रहा है. बीते साल कोरोना के कारण यह आयोजन वर्चुअली हुआ था. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मध्यप्रदेश के आगामी कार्यक्रम मध्यप्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी का लोकार्पण (वर्चुअली), प्रवासी भारतीय सम्मेलन इंदौर में और इन्वेस्टर समिट के आयोजन में हिस्सा लेंगे. (Narendra Modi in Pravasi Bharatiya Divas)
अमरकंटक पर नहीं होगा कोई नया निर्माणः मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि इस समय कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. जैसे, एक फैसला हमको करना पड़ेगा कि अमरकंटक में किसी भी कीमत पर नया निर्माण नहीं होगा. सीमेंट-कंक्रीट के जंगल से नर्मदा समाप्त हो जाएगी. आप कल्पना कर सकते हैं. वहां एक सैटेलाइट सिटी बनाएंगे, जो मैकाल पर्वत के नीचे होगी. वहां होटल, रेस्टोरेंट बनेंगे. यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था करेंगे.
शिवराज ने बताया कि जनजातीय समाज को अधिकार देने का अभियान जारी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में उसी कड़ी में तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित किया गया है. हर गांव का एक पृथक आदेश बनाकर, इस वन ग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तित किया जाता है. लगभग 850 गांव है. मुख्यमंत्री शिवराज ने महाकाल मंदिर कॉरिडोर की चर्चा करते हुए कहा कि महाकाल कॉरिडोर का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है. मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उनके हाथों से ही लोकर्पित हो. इसके लिए उन्होंने स्वीकृति दे दी है.
--आईएएनएस