भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया है. आयोग ने प्रदेश की दो घटनाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है. एक मामला राजधानी भोपाल से जुड़ा है तो दूसरा सिंगरौली से.
कलियासोत डैम के कैचमेंट में फेंके जा रहे मृत जानवर: भोपाल के कलियासोत डैम में करीब 45 मगरमच्छों और घड़ियालों का बसेरा है. इनका जीवन खतरे में है क्योंकि मछली और अन्य जलीय जीवों से पेट भरने वाले यह मगरमच्छ और घड़ियाल बीते दो महीनों से मरे हुए कुत्ते और सुअर खा रहे हैं. इन मृत जानवरों की वजह से डैम का पानी भी संक्रमित हो रहा है. पर्यावरण को नुकसान के साथ ही इंसानों के जीवन को भी खतरा बढ़ रहा है. नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि जानवरों के शव कलियासोत डैम में फैंके जाने की कोई शिकायत नहीं मिली है. फिर भी यदि ऐसा हो रहा है तो जांच कराकर दोषियों पर एक्शन लिया जाएगा. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रतिवेदन मांगा है.
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खाट पर शव रखकर 15 किलोमीटर चले परिजन: सिंगरौली जिले में एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजन द्वारा शव को खाट पर रखकर 15 किलोमीटर पैदल चलने का मामला सामने आया है. दरअसल, जिले के सरई थाना क्षेत्र के बांध पहाड़ गांव में एक महिला की मौत हो गई थी. वह अपने मामा के यहां बतौर मेहमान आई थी. परिजन ने शव को उसके पैतृक गांव ले जाने एंबुलेंस के लिए फोन लगाया. काफी देर तक एंबुलेंस नहीं मिली तो परिजन शव को खाट पर रखकर 15 किलोमीटर दूर उसके गांव के लिए निकल पड़े. आधे से ज्यादा रास्ता तय करने के बाद घोघरा गांव के सरपंच ने अपने वाहन से उन लोगों को मंजिल पर पहुंचाया. इस घटना का संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर सिंगरौली से प्रकरण की जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा है.