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भोपाल: जनता कर्फ्यू को मिला लोगों का सपोर्ट, लॉक डाउन में पुलिस को करनी पड़ रही है मशक्कत

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Published : Mar 23, 2020, 7:34 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 8:17 PM IST

भले ही जनता कर्फ्यू के दिन शहर की सड़कें पूरी तरह से खाली थीं, शहर की जनता ने इस कर्फ्यू को पूरा सपोर्ट किया, लेकिन लॉक डाउन में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.

people of bhopal not taking lockdown seriously
भोपाल में लॉकडाउन

भोपाल। रविवार को प्रधानमंत्री की अपील पर देश भर में किए गए जनता कर्फ्यू में तो लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया, लेकिन राजधानी भोपाल में आज से लागू किए गए लॉकडाउन में लोग सहयोग करते नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि लॉकडाउन का असर देखने मिल रहा है और आवश्यक सेवाओं के अलावा दूसरी सेवाएं चालू नहीं हैं, लेकिन किसी ना किसी काम के बहाने लोग अपने निजी वाहनों से सड़कों पर नजर आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस को लोगों से रोककर पूछताछ करनी पड़ रही है.

पुलिस बरत रही सख्ती

लोगों का कहना है कि, 'लगातार आप लोगों के रोजमर्रा के कामों को नहीं रोक सकते हैं. लोगों के रोजगार से जुड़े और जीवनयापन के काम के लिए उन्हें निकलना पड़ रहा है. वहीं पुलिस ने भी सख्ती बरतना चालू कर दिया है और जिला मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है, हालांकि कोरोना वायरस को लेकर लोग सतर्कता तो बरत रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

भोपाल में लॉकडाउन

राजधानी भोपाल में रविवार रात से ही 31 मार्च तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया. इस एलान के तहत आवश्यक सेवाएं तो जारी रखी गई, लेकिन अन्य सेवाओं पर रोक लगा दी गई. सब्जी, दूध, किराना, मेडिकल, पेट्रोल पंप, बैंक जैसी सेवाएं लॉकडाउन की स्थिति में चालू हैं.

लॉकडाउन को लेकर वीरेंद्र कुमार सोनी कहते हैं कि, 'जनता को परेशानी इसलिए हो रही है कि, निरंतरता में हर एक चीज नहीं चल पाती है, पूरा कारोबार ठप हो गया है, ऐसी स्थिति में आदमी पेट भरने तो जाएगा, मजदूर कहां जाएगा, जरूरतमंद कहां जाएंगे। मरीज कहां जाएंगे.'

वहीं टीआई बहादुर सिंह का कहना है कि, लॉकडाउन को लेकर सख्ती अपनाई जा रही है लेकिन सिर्फ ऐसे वाहनों को परमिट किया जा रहा है. जो जिला मजिस्ट्रेट के आदेश या तो आकस्मिक सेवा में हैं या स्वास्थ्य संबंधित परेशानी में है. ऐसे में पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही उन्हें जाने दिया जा रहा है.

भोपाल। रविवार को प्रधानमंत्री की अपील पर देश भर में किए गए जनता कर्फ्यू में तो लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया, लेकिन राजधानी भोपाल में आज से लागू किए गए लॉकडाउन में लोग सहयोग करते नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि लॉकडाउन का असर देखने मिल रहा है और आवश्यक सेवाओं के अलावा दूसरी सेवाएं चालू नहीं हैं, लेकिन किसी ना किसी काम के बहाने लोग अपने निजी वाहनों से सड़कों पर नजर आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस को लोगों से रोककर पूछताछ करनी पड़ रही है.

पुलिस बरत रही सख्ती

लोगों का कहना है कि, 'लगातार आप लोगों के रोजमर्रा के कामों को नहीं रोक सकते हैं. लोगों के रोजगार से जुड़े और जीवनयापन के काम के लिए उन्हें निकलना पड़ रहा है. वहीं पुलिस ने भी सख्ती बरतना चालू कर दिया है और जिला मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है, हालांकि कोरोना वायरस को लेकर लोग सतर्कता तो बरत रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

भोपाल में लॉकडाउन

राजधानी भोपाल में रविवार रात से ही 31 मार्च तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया. इस एलान के तहत आवश्यक सेवाएं तो जारी रखी गई, लेकिन अन्य सेवाओं पर रोक लगा दी गई. सब्जी, दूध, किराना, मेडिकल, पेट्रोल पंप, बैंक जैसी सेवाएं लॉकडाउन की स्थिति में चालू हैं.

लॉकडाउन को लेकर वीरेंद्र कुमार सोनी कहते हैं कि, 'जनता को परेशानी इसलिए हो रही है कि, निरंतरता में हर एक चीज नहीं चल पाती है, पूरा कारोबार ठप हो गया है, ऐसी स्थिति में आदमी पेट भरने तो जाएगा, मजदूर कहां जाएगा, जरूरतमंद कहां जाएंगे। मरीज कहां जाएंगे.'

वहीं टीआई बहादुर सिंह का कहना है कि, लॉकडाउन को लेकर सख्ती अपनाई जा रही है लेकिन सिर्फ ऐसे वाहनों को परमिट किया जा रहा है. जो जिला मजिस्ट्रेट के आदेश या तो आकस्मिक सेवा में हैं या स्वास्थ्य संबंधित परेशानी में है. ऐसे में पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही उन्हें जाने दिया जा रहा है.

Last Updated : Mar 23, 2020, 8:17 PM IST
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