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एमपी में क्वॉरेंटाइन हो सकेंगे भारत वापस आए नागरिक, सरकार ने जारी की एसओपी - quarantine in MP

वन्दे भारत मिशन के तहत भारत आए लोगों में से एमपी में जो भी नागरिक क्वॉरेंटाइन होने चाहे उसके लिए प्रदेश के जिलों में क्वॉरेंटाइन सुविधा केंद्र बनाए गए हैं, जहां इन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. उसके लिए स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर जारी किया गया है.

Vande Bharat' mission
वन्दे भारत मिशन
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Published : May 22, 2020, 11:51 PM IST

भोपाल। भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये 'वन्दे भारत' मिशन के अंतर्गत विभिन्न देशों से नागरिक भारत आए हैं. वहीं मध्यप्रदेश में क्वॉरेंटाइन की इच्छा रखने वाले नागरिकों को जिला मुख्यालयों पर शासन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन सुविधा केन्द्रों पर भुगतान के साथ रहने की अनुमति दी जायेगी. गृह विभाग द्वारा इस संबंध में स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर (SOP) जारी किया गया है.

प्रमुख गृह सचिव एसएन मिश्रा ने जारी जानकारी में बताया है कि स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर के अंतर्गत ऐसा व्यक्ति, जो मध्यप्रदेश में आना चाहता हो, उसे अपनी सभी जानकारियां रेसिडेंस कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करनी होंगी.

ऐसे यात्रियों को रेसिडेंस कमिश्नर कार्यालय नई दिल्ली द्वारा आवश्यक ऑथोराइजेशन जारी किया जाएगा. ऐसे यात्री मध्यप्रदेश आने के सभी प्रबंध खुद करेंगे, हालांकि उन्हें अपनी प्रस्थान की तिथि, वाहन क्रमांक, मोबाइल नम्बर और गंतव्य जिले की जानकारी रेजीडेंट कमिश्नर कार्यालय, नई दिल्ली को देनी होगी .

उक्त सूचनाओं के प्राप्त होने पर ही आवश्यक ऑथराइजेशन जारी किया जायेगा. इस ऑथराइजेशन में क्वारेंटाइन सेंटर के नाम का उल्लेख करना होगा, जहां संबंधित व्यक्ति को अपनी क्वारेंटाइन अवधि बितानी है.

एडिशनल रेजीडेंट कमिश्नर संबंधित कलेक्टर्स को इस बारे में सूचना देगा. संबंधित व्यक्ति को रेजीडेंट कमिश्नर के समक्ष इस आशय की अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह क्वारेंटाइन सहित समस्त प्रकार के भुगतान करेगा.

मध्यप्रदेश में ट्रांजिट के दौरान संबंधित व्यक्ति को कोविड-19 फैलने से बचाव के लिये सभी जरूरी कदम उठाने होंगे. आवेदक को सोशल डिस्टेंसिंग एण्ड वॉशिंग, श्वसन संबंधी हाईजीन के प्रति सचेत रहना होगा.

अपने गंतव्य जिले में पहुंचने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल जिला कलेक्टर को रिपोर्ट देनी होगी. जिला कलेक्टर उन्हें संस्थागत क्वारेंटाइन में भेजेगा, जिसका व्यय संबंधित व्यक्ति को वहन करना होगा.

क्वारेंटाइन की 14 दिन की अवधि पूर्ण होने पर व्यक्ति का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जायेगा. यदि टेस्ट में संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाती है तो उसे घर जाने की अनुमति दी जायेगी. इसके बाद उसे 14 दिन की होम क्वॉरेंटाइन अवधि भी बितानी होगी.

जिला कलेक्टर के निर्देश पर सभी आवश्यक जानकारियां एकत्र की जाएगी. क्वॉरेंटाइन अवधि बीतने के बाद वापस आने वालों को अपरिहार्य रूप से आरोग्य सेतु अपने साथ रखना होगा.

भोपाल। भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये 'वन्दे भारत' मिशन के अंतर्गत विभिन्न देशों से नागरिक भारत आए हैं. वहीं मध्यप्रदेश में क्वॉरेंटाइन की इच्छा रखने वाले नागरिकों को जिला मुख्यालयों पर शासन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन सुविधा केन्द्रों पर भुगतान के साथ रहने की अनुमति दी जायेगी. गृह विभाग द्वारा इस संबंध में स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर (SOP) जारी किया गया है.

प्रमुख गृह सचिव एसएन मिश्रा ने जारी जानकारी में बताया है कि स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर के अंतर्गत ऐसा व्यक्ति, जो मध्यप्रदेश में आना चाहता हो, उसे अपनी सभी जानकारियां रेसिडेंस कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करनी होंगी.

ऐसे यात्रियों को रेसिडेंस कमिश्नर कार्यालय नई दिल्ली द्वारा आवश्यक ऑथोराइजेशन जारी किया जाएगा. ऐसे यात्री मध्यप्रदेश आने के सभी प्रबंध खुद करेंगे, हालांकि उन्हें अपनी प्रस्थान की तिथि, वाहन क्रमांक, मोबाइल नम्बर और गंतव्य जिले की जानकारी रेजीडेंट कमिश्नर कार्यालय, नई दिल्ली को देनी होगी .

उक्त सूचनाओं के प्राप्त होने पर ही आवश्यक ऑथराइजेशन जारी किया जायेगा. इस ऑथराइजेशन में क्वारेंटाइन सेंटर के नाम का उल्लेख करना होगा, जहां संबंधित व्यक्ति को अपनी क्वारेंटाइन अवधि बितानी है.

एडिशनल रेजीडेंट कमिश्नर संबंधित कलेक्टर्स को इस बारे में सूचना देगा. संबंधित व्यक्ति को रेजीडेंट कमिश्नर के समक्ष इस आशय की अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह क्वारेंटाइन सहित समस्त प्रकार के भुगतान करेगा.

मध्यप्रदेश में ट्रांजिट के दौरान संबंधित व्यक्ति को कोविड-19 फैलने से बचाव के लिये सभी जरूरी कदम उठाने होंगे. आवेदक को सोशल डिस्टेंसिंग एण्ड वॉशिंग, श्वसन संबंधी हाईजीन के प्रति सचेत रहना होगा.

अपने गंतव्य जिले में पहुंचने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल जिला कलेक्टर को रिपोर्ट देनी होगी. जिला कलेक्टर उन्हें संस्थागत क्वारेंटाइन में भेजेगा, जिसका व्यय संबंधित व्यक्ति को वहन करना होगा.

क्वारेंटाइन की 14 दिन की अवधि पूर्ण होने पर व्यक्ति का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जायेगा. यदि टेस्ट में संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाती है तो उसे घर जाने की अनुमति दी जायेगी. इसके बाद उसे 14 दिन की होम क्वॉरेंटाइन अवधि भी बितानी होगी.

जिला कलेक्टर के निर्देश पर सभी आवश्यक जानकारियां एकत्र की जाएगी. क्वॉरेंटाइन अवधि बीतने के बाद वापस आने वालों को अपरिहार्य रूप से आरोग्य सेतु अपने साथ रखना होगा.

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