भोपाल। सोमवार दोपहर से पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा उपवास पर बैठे हुए थे. उन्होंने मंगलवार को महिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष कंसाना और एक बालिका के हाथ से जूस पीकर अपना उपवास समाप्त कर दिया. पीसी शर्मा पिछले 21 घंटों से अस्पतालों में कोरोना मरीजों के साथ हो रही अव्यवस्था, रेमदेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के इंतजाम को लेकर धरने पर बैठे हुए थे. उपवास समाप्त करने पर उन्होंने कहा कि यह विनम्र आग्रह उपवास था, जिससे सरकार को यह बताना था की लोगों को कोरोना संक्रमण के चलते कैसी कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार remdesivir injection, oxygen के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हुई है.
रेमदेसीविर इंजेक्शन की चोरी करने वालों पर हो कार्रवाई- पीसी शर्मा
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हमीदिया से 850 remdesivir injection चोरी हो गए. शासन द्वारा अधीक्षक आईडी चौरसिया को हटाया है. यह कार्रवाई चौरसिया पर नहीं आरोपियों पर होनी चाहिए थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, बेड खाली नहीं है. लोग इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं. मैंने पहले भी यह बात कही थी कि मिलिट्री को जिम्मेदारी दे देनी चाहिए, सरकार अब इन हालातों को काबू करने में विफल हो चुकी है.
कोर्ट ने दिए आठ बिंदुओं पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश
पीसी शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने मेरी याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को आठ बिंदुओं पर कोरोना संक्रमण से संबंधित निर्देश दिए. जिसमें पहला बिंदु कोरोना मरीजों को एक घंटे के अंदर रेमदेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध कराना है. मरीज को 36 घंटे के अंदर आरटी पीसीआर की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोरोना की जांच बढ़ाई जाएं. निजी अस्पतालों में remdesivir injection, और oxygen की व्यवस्था कलेक्टर और सीएमएचओ करवाएं.
नौटंकी छोड़े कांग्रेस नेता, महामारी से निपटने के लिए प्रयास करें- कैलाश विजयवर्गीय
निजी अस्पतालों की मनमानी पर कब लगेगी रोक
कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेशों में कोरोना संक्रमण के क्या हालात हैं. यह केंद्र सरकार भी देखें और व्यवस्थाओं में सुधार करवाएं. निजी अस्पतालों की मनमानी और उनके द्वारा मरीजों के इलाज में की जा रही लापरवाही पर भी सख्ती की जाए. मेरी अस्पतालों के इलाज के खर्चे की लिस्ट निश्चित की जाए, जिससे कि मरीजों को महंगे इलाज से राहत मिल सके. केंद्र सरकार को आदेश दिए गए हैं कि उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाए. बीपीएल श्रेणी में आने वाले मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
नि:शुल्क हो कोरोना का इलाज
इस दौरान पीसी शर्मा ने कहा कि हमने सरकार के सामने तीन मांगे पहले से ही रखी है, जिनमें ऑक्सीजन रेमदेसीविर इंजेक्शन वैक्सीन की व्यवस्था सभी वर्गों के लोगों के लिए नि:शुल्क होनी चाहिए. दूसरी लॉकडाउन में परेशान गरीब परिवारों के लिए 10 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाए. कोर्ट के आदेश को मध्य प्रदेश सरकार नहीं मानती है तो हम 6 मई के बाद दोबारा इस मामले को कोर्ट में लेकर जाएंगे.