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एमपी कांग्रेस को जल्द मिल सकता है नया अध्यक्ष, कमलनाथ के दो मंत्रियों ने इस दिग्गज को बताया बेहतर

झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले कांतिलाल भूरिया का नाम पीसीसी चीफ के लिए तेजी से सामने आया है. उनके नाम का समर्थन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बाद पीसी शर्मा ने भी किया है.

कांतिला भूरिया को मिला मंत्री पीसी शर्मा का समर्थन
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Published : Oct 29, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 4:46 PM IST

भोपाल। झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के बाद एक बार फिर पीसीसी चीफ की कवायद तेज हो गई है. झाबुआ सीट पर बीजेपी के भानु भूरिया को मात देने वाले कांतिलाल भूरिया का नाम पीसीसी चीफ की रेस तेजी से शामिल हुआ है. उनके नाम की पैरवी कमलनाथ के दो मंत्री मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पीसी शर्मा भी कर चुके हैं.

कांतिला भूरिया को मिला मंत्री पीसी शर्मा का समर्थन

मंगलवार को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सज्ज्न सिंह वर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सज्जन सिंह वर्मा वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने सोच समझकर ही कहा होगा. इससे पहले सज्जन सिंह वर्मा ने कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कांतिलाल भूरिया को बेहतर और काबिल विकल्प बताया था.


बीजेपी ने कसा तंज
अब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का एलान नहीं होने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा कि कांगेस गुटों और गिरोह में बंटी हुई पार्टी है. यहां हर नेता या मंत्री का बयान कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना होता है, जब तक सीएम कमलनाथ नहीं चाहेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा.


ऐसा हुआ तो कट सकता है सिंधिया का पत्ता
कांग्रेस अगर आदिवासी कार्ड खेलती है तो पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पत्ता पीसीसी चीफ के पद से कट सकता है. हालांकि बीते कई दिनों से सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं. दिल्ली तक उनके नाराज होने और दूसरे विकल्प पर विचार करने तक की खबरें सामने आई थीं, लेकिन सिंधिया ने खुद इस बारे में कोई बयान नहीं दिया.
हालांकि सिंधिया खेमे के मंत्री लगातार इस बात को उठाते आए हैं कि उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जाना चाहिए. हालांकि सीएम कमलनाथ फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं और कभी भी एमपी कांग्रेस को नया अधअयक्ष मिल सकता है.

भोपाल। झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के बाद एक बार फिर पीसीसी चीफ की कवायद तेज हो गई है. झाबुआ सीट पर बीजेपी के भानु भूरिया को मात देने वाले कांतिलाल भूरिया का नाम पीसीसी चीफ की रेस तेजी से शामिल हुआ है. उनके नाम की पैरवी कमलनाथ के दो मंत्री मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पीसी शर्मा भी कर चुके हैं.

कांतिला भूरिया को मिला मंत्री पीसी शर्मा का समर्थन

मंगलवार को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सज्ज्न सिंह वर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सज्जन सिंह वर्मा वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने सोच समझकर ही कहा होगा. इससे पहले सज्जन सिंह वर्मा ने कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कांतिलाल भूरिया को बेहतर और काबिल विकल्प बताया था.


बीजेपी ने कसा तंज
अब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का एलान नहीं होने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा कि कांगेस गुटों और गिरोह में बंटी हुई पार्टी है. यहां हर नेता या मंत्री का बयान कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना होता है, जब तक सीएम कमलनाथ नहीं चाहेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा.


ऐसा हुआ तो कट सकता है सिंधिया का पत्ता
कांग्रेस अगर आदिवासी कार्ड खेलती है तो पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पत्ता पीसीसी चीफ के पद से कट सकता है. हालांकि बीते कई दिनों से सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं. दिल्ली तक उनके नाराज होने और दूसरे विकल्प पर विचार करने तक की खबरें सामने आई थीं, लेकिन सिंधिया ने खुद इस बारे में कोई बयान नहीं दिया.
हालांकि सिंधिया खेमे के मंत्री लगातार इस बात को उठाते आए हैं कि उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जाना चाहिए. हालांकि सीएम कमलनाथ फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं और कभी भी एमपी कांग्रेस को नया अधअयक्ष मिल सकता है.

Intro:मुख्यमंत्री कमलनाथ के दिल्ली दौरे के बीच पीसीसी चीफ की कवायद एक बार फिर तेज़ हो गई है....सीएम कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे....तो इधर कांतिलाल भूरिया के झाबुआ उप चुनाव जीतने के बाद उनका नाम मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उछाल कर सियासत गरमा दी है...इससे पहले उन्होंने बाला बच्चन का नाम भी पीसीसी चीफ के लिए आगे बढ़ाया था...वहीं इस पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है की मंत्री सज्जन सिंह वर्मा वरिष्ठ है उन्होंने सोच समझकर ही कहा होगा। कांतिलाल भूरिया हमारे वरिष्ठ नेता है उनका मार्गदर्शन हमें मिलता रहेगा।

बाईट : पीसी शर्मा, जनसंपर्क मंत्री

Body:वहीं प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांगेस गुटों और गिरोह में बटी हुई पार्टी है यहां हर नेता या मंत्री का बयान कही पर निगाहें कही पर निशाना होता है। कोई कहता है बाला बच्चन, कोई कहता ज्योतिरादित्य सिंधिया को बना दो, तो कोई कहता है दिग्विजयसिंह को ही अध्यक्ष बनाया दो। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने मन मैं विचार कर लिया है कि "मेरा टेसू यही अड़ा खाने जो मांगे दही बड़ा"। विश्वास सारंग ने कहा कोई परिवर्तन नहीं होगा जब तक कमलनाथ नहीं चाहेंगे।

बाईट : विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री (mojo se भेजी है बाइट)


Conclusion:पार्टी द्वारा अगर आदिवासी कार्ड खेला जाता है तो फिर सिंधिया का पत्ता पीसीसी चीफ के पद से कट सकता है। हालांकि, बीते कई दिनों से सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। दिल्ली तक उनके नाराज़ होने और दूसरे विकल्प पर विचार करने तक की खबरें सामने आई थी। लेकिन सिंधिया ने खुद इस बारे में कोई बयान नहीं दिया। हालांकि, सिंधिया खेमे के मंत्री लगातार इस बात को उठाते आए हैं कि उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जाना चाहिए।
Last Updated : Oct 29, 2019, 4:46 PM IST
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