भोपाल। झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के बाद एक बार फिर पीसीसी चीफ की कवायद तेज हो गई है. झाबुआ सीट पर बीजेपी के भानु भूरिया को मात देने वाले कांतिलाल भूरिया का नाम पीसीसी चीफ की रेस तेजी से शामिल हुआ है. उनके नाम की पैरवी कमलनाथ के दो मंत्री मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पीसी शर्मा भी कर चुके हैं.
मंगलवार को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सज्ज्न सिंह वर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सज्जन सिंह वर्मा वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने सोच समझकर ही कहा होगा. इससे पहले सज्जन सिंह वर्मा ने कांतिलाल भूरिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कांतिलाल भूरिया को बेहतर और काबिल विकल्प बताया था.
बीजेपी ने कसा तंज
अब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का एलान नहीं होने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा कि कांगेस गुटों और गिरोह में बंटी हुई पार्टी है. यहां हर नेता या मंत्री का बयान कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना होता है, जब तक सीएम कमलनाथ नहीं चाहेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा.
ऐसा हुआ तो कट सकता है सिंधिया का पत्ता
कांग्रेस अगर आदिवासी कार्ड खेलती है तो पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पत्ता पीसीसी चीफ के पद से कट सकता है. हालांकि बीते कई दिनों से सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं. दिल्ली तक उनके नाराज होने और दूसरे विकल्प पर विचार करने तक की खबरें सामने आई थीं, लेकिन सिंधिया ने खुद इस बारे में कोई बयान नहीं दिया.
हालांकि सिंधिया खेमे के मंत्री लगातार इस बात को उठाते आए हैं कि उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जाना चाहिए. हालांकि सीएम कमलनाथ फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं और कभी भी एमपी कांग्रेस को नया अधअयक्ष मिल सकता है.