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निजी स्कूल फीस के लिए बना रहे दबाव, नाराज अभिभावकों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन - ऑनलाइन पढ़ाई

आगर मालवा जिले में निजी स्कूल संचालकों से परेशान अभिभावकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. अभिभावक का कहना है कि कोरोना काल में सभी लोग आर्थिक रूप से परेशान हुआ है. इस स्थिति में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस के लिए इस प्रकार का दबाव बनाना अनुचित है.

Guardians submitted memorandum
अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Oct 31, 2020, 3:39 PM IST

आगर मालवा। निजी स्कूलों का संचालन नहीं होने के बावजूद फीस के लिए अभिभावकों पर बनाए जा रहे दबाव से अभिभावक नाराज हो गए हैं, और अब कोई कार्रवाई की मांग के साथ शहर के दर्जनों अभिभावकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. अभिभावक इससे पहले गांधी उपवन में एकत्रित हुए और यहां मीटिंग करने के बाद ज्ञापन देने पहुंचे.

अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन

अभिभावकों ने ज्ञापन में बताया कि निजी स्कूलों का संचालन पूरी तरह से बंद है. ऐसे में बड़ी कक्षा के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दी जाने वाली आईडी के लिए फीस भरने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं कक्षा नर्सरी से पांचवीं तक के बच्चों की भी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए फीस मांगी जा रही है, जबकि इन छोटी क्लास के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बिल्कुल भी परिपक्व नहीं हैं.

अभिभावकों ने रखी ये मांग

ज्ञापन के जरिये अभिभावकों ने मांग की है कि बच्चों को शिक्षा से कोई भी वंचित नहीं कर सकता. इसके लिए निजी स्कूल संचालक 6वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के बच्चों से निर्धारित फीस की 25 फीसदी राशि लेकर उन्हें आईडी दे. वहीं कक्षा नर्सरी से 5वीं तक बच्चों को केवल एक एप्लीकेशन पर किताबों का फोटो खींचकर होमवर्क दिया जा रहा है. ऐसे में इन कक्षाओं की फीस पूरी तरह माफ की जाए. इसी के साथ अन्य कई बातों का उल्लेख ज्ञापन में किया गया.

अभिभावक विनीत मालवीय ने बताया कि कोरोना काल में सभी लोग आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं. इस स्थिति में निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बना रहे हैं जो कि सही नहीं है.

आगर मालवा। निजी स्कूलों का संचालन नहीं होने के बावजूद फीस के लिए अभिभावकों पर बनाए जा रहे दबाव से अभिभावक नाराज हो गए हैं, और अब कोई कार्रवाई की मांग के साथ शहर के दर्जनों अभिभावकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. अभिभावक इससे पहले गांधी उपवन में एकत्रित हुए और यहां मीटिंग करने के बाद ज्ञापन देने पहुंचे.

अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन

अभिभावकों ने ज्ञापन में बताया कि निजी स्कूलों का संचालन पूरी तरह से बंद है. ऐसे में बड़ी कक्षा के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दी जाने वाली आईडी के लिए फीस भरने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं कक्षा नर्सरी से पांचवीं तक के बच्चों की भी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए फीस मांगी जा रही है, जबकि इन छोटी क्लास के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बिल्कुल भी परिपक्व नहीं हैं.

अभिभावकों ने रखी ये मांग

ज्ञापन के जरिये अभिभावकों ने मांग की है कि बच्चों को शिक्षा से कोई भी वंचित नहीं कर सकता. इसके लिए निजी स्कूल संचालक 6वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के बच्चों से निर्धारित फीस की 25 फीसदी राशि लेकर उन्हें आईडी दे. वहीं कक्षा नर्सरी से 5वीं तक बच्चों को केवल एक एप्लीकेशन पर किताबों का फोटो खींचकर होमवर्क दिया जा रहा है. ऐसे में इन कक्षाओं की फीस पूरी तरह माफ की जाए. इसी के साथ अन्य कई बातों का उल्लेख ज्ञापन में किया गया.

अभिभावक विनीत मालवीय ने बताया कि कोरोना काल में सभी लोग आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं. इस स्थिति में निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बना रहे हैं जो कि सही नहीं है.

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