भोपाल। बच्चों का मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है. इसके अलावा बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत लगने की वजह से उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई-लिखाई दोनों पर ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऑनलाइन गेमिंग को जून 2018 में ही एक मानसिक स्वास्थ्य विकार घोषित किया था. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, गेमिंग डिसऑर्डर की वजह से न सिर्फ बच्चों पर बल्कि बड़े लोगों पर भी बुरा असर पड़ रहा है
बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से बचाएं
राज्य साइबर सेल ने प्रदेश में ऑनलाइन गेम खेलने की लत से युवा और बच्चों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. जारी एडवाइजरी में अभिभावकों से कहा गया है कि बच्चों को ऑनलाइन गेम नहीं खेलने के लिये जागरूक करें. उनसे ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव के संबंध में प्यार से बाते करें. ऑनलाइन क्लॉसेस के लिए बिना सिम कार्ड का मोबाइल दें. बच्चों को वाईफाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें.
साइबर ठगों के निशाने पर सरकारी योजनाएंः हितग्राहियों को मुनाफे का लालच देकर ठगे लाखों
ऑनलाइन एक्टिविटी पर हो नजर
बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें. परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर पर पैरेंटल कंट्रोल ऑन करें. फोन के पासवर्ड बच्चों को नहीं बताएं. साथ ही बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन की छूट नहीं दें. खाते से पैसे कटने का मैसेज आते ही बच्चों से पैसे कटने का कारण अवश्य पूछें. आजकर साइबर ठगी के बच्चे शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण यह एडवाइजरी जारी की गई है.
(MP Cyber Cell)