भोपाल। सोशल मीडिया पर पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाएं सुनकर कुबरेश्वर धाम पहुंची बीकानेर की सुमन को रुद्राक्ष वितरण बंद हो जाने के बावजूद यहां आई हैं. सिर्फ इसलिए कि पंडित प्रदीप मिश्रा के दर्शन हो जाएं. कई बरसों से सोशल मीडिया के जरिए उनकी कथा सुनती रहीं सुमन दावा करती हैं कि, उनकी बीमारी का ईलाज पंडित जी के बताए नुस्खे से हुआ है. वो केवल यहां दर्शन के लिए आई हैं. इसी तरह से दिल्ली के एक फौजी अपनी पत्नी के आग्रह पर यहां आए हैं. पत्नि की जिद थी कि, उन्हें पंडित प्रदीप मिश्रा के दर्शन करने हैं.
कैंसर को हराकर पहुंची कुबेरेश्वर धाम: जयपुर की कैंसर की मरीज की कहानी तो कंपा देने वाली है. कीमियोथैरेपी और रेडिएशन से कई बार गुजरी ये महिला अगर कैंसर के ईलाज में हर दर्द को झेलती रही तो उनके मुताबिक हिम्मत देने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा थे. कहती हैं पहली बार जब कैंसर डिटेक्ट हुआ तो उन्हें सुना था. इतनी हिम्मत मिली. और आज जब बिल्कुल ठीक हूं जब मेरे सिर पर बाल भी आ गए हैं तो ये शिव का पंडित जी का चमतकार है. मैं उन्हें आभार जताने ही यहां आई हूं. उनके चमत्कार से मुझे ये दूसरा जीवन मिला है.
कहीं मन्नत का नारियल, कहीं रुद्राक्ष की दौड़: रुद्राक्ष वितरण बंद हो चुका है फिर भी जिसे रुद्राक्ष किसी तरह से हासिल हो जाता है वो खुद को धन्य मान लेता है. कुबेरेश्वर धाम में कई हिस्सों में लोगों ने मन्नत के नारियल भी बांध दिए हैं. रुद्राक्ष की डिमांड बढ़ते देखने के साथ यहां लगे स्थाई बाजार में भी रुद्राक्ष बेचे जा रहे हैं. चमत्कारी दावे के साथ ये रुद्राक्ष बेचे जा रहे हैं.
सोशल मीडिया ने बनाया रुद्राक्ष वाले बाबा: पंडित प्रदीप मिश्रा के धाम में पहुंची भीड़ की एक बड़ी वजह सोशल मीडिया है. यू ट्यूब चैनल पर कथा सुनकर ही खास तौर पर महिलाएं बड़ी तादात में यहां पहुंची है. पुरुषों के मुकाबले इनका विश्वास भी ज्यादा है और तादात भी ज्यादा. छोटी मोटी बीमारियों से लेकर जीवन की अलग अलग परेशानियों तक भरोसा ये है कि यहां आने के साथ संकट कट जाते हैं.