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पंचायत सचिवों को पिछले 5 महीने से नहीं मिला वेतन, संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी - Movement warning

पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिलने के बाद मध्यप्रदेश के पंचायत सचिवों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. मप्र पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पांच फरवरी को मंत्रालय के सामने उपवास का ऐलान किया है.

Dinesh Sharma
दिनेश शर्मा
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Published : Jan 29, 2020, 1:36 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 1:48 PM IST

भोपाल। पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों को पिछले पांच महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, इससे परेशान पंचायत सचिव आंदोलन की तैयारी में हैं. मप्र पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पांच फरवरी को मंत्रालय के सामने उपवास का एलान किया है. उनका कहना है कि पंचायत सचिवों की बैंकों के द्वारा फाइनेंस कराए गए वाहनों और मकान पर लोन की मासिक किश्तों की अदायगी नहीं होने पर कार्रवाई की जा रही है. बैंक अपने हाथ खींच रही है.

पंचायत सचिव संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी

दिनेश शर्मा ने कहा कि बच्चों की फीस और रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं. पंचायत सचिवों के साथ वचन पत्र की मांगों को लेकर कोताही बरती जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि सिर्फ हमारी खामोशी सरकार के सम्मान के लिए है, इसे पंचायत सचिव संगठन की कमजोरी न समझी जाए.

आंदोलन की चेतावनी

पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उन्हें वेतन के लिए आंदोलन करना पड़ेगा. वेतन भुगतान के लिए हर तीन महीने में पंचायत राज संचालनालय और मंत्रालय के सैकड़ों बार चक्कर काटने पड़ते हैं.

ग्लोबल अकाउंट से भुगतान की मांग

दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में ग्लोबल विकास अकाउंट से अध्यापकों, पटवारियों, प्रदेश के समस्त संवर्ग के कर्मचारियों को महीने की 1 तारीख को वेतन भुगतान करने का प्रावधान किया गया है, लेकिन ये सिर्फ अपनी रोटी सेंककर अपना वेतन पाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए है. पंचायत सचिव संगठन ने मांग की है कि ग्लोबल अकाउंट से नियमित भुगतान की व्यवस्था की जाए.

भोपाल। पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों को पिछले पांच महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, इससे परेशान पंचायत सचिव आंदोलन की तैयारी में हैं. मप्र पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पांच फरवरी को मंत्रालय के सामने उपवास का एलान किया है. उनका कहना है कि पंचायत सचिवों की बैंकों के द्वारा फाइनेंस कराए गए वाहनों और मकान पर लोन की मासिक किश्तों की अदायगी नहीं होने पर कार्रवाई की जा रही है. बैंक अपने हाथ खींच रही है.

पंचायत सचिव संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी

दिनेश शर्मा ने कहा कि बच्चों की फीस और रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं. पंचायत सचिवों के साथ वचन पत्र की मांगों को लेकर कोताही बरती जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि सिर्फ हमारी खामोशी सरकार के सम्मान के लिए है, इसे पंचायत सचिव संगठन की कमजोरी न समझी जाए.

आंदोलन की चेतावनी

पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उन्हें वेतन के लिए आंदोलन करना पड़ेगा. वेतन भुगतान के लिए हर तीन महीने में पंचायत राज संचालनालय और मंत्रालय के सैकड़ों बार चक्कर काटने पड़ते हैं.

ग्लोबल अकाउंट से भुगतान की मांग

दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में ग्लोबल विकास अकाउंट से अध्यापकों, पटवारियों, प्रदेश के समस्त संवर्ग के कर्मचारियों को महीने की 1 तारीख को वेतन भुगतान करने का प्रावधान किया गया है, लेकिन ये सिर्फ अपनी रोटी सेंककर अपना वेतन पाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए है. पंचायत सचिव संगठन ने मांग की है कि ग्लोबल अकाउंट से नियमित भुगतान की व्यवस्था की जाए.

Intro:भोपाल। पुरे प्रदेश में पंचायत सचिवों को ३माह से ५ माह का वेतन भुगतान नहीं हुआ हैं। ऐसी स्थिति में परेशान पंचायत सचिव आंदोलन आंदोलन का मन बना रहे हैं। मप्र पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने पांच फरवरी को मंत्रालय के सामने उपवास का एलान किया है।

Body:मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि पंचायत सचिवों की बैको के द्वारा फायनेंस कराए गए वाहनों और मकान पर के लोन की मासिक किश्तों की अदायगी नहीं होने पर बैंको द्वारा खींचने का अभियान शुरू हो गया हैैंं । बच्चो की फीस व रोजी रोटी के लाले हैं। न जाने क्यों प्रदेश के २३ हजार पंचायत सचिवो को सबने दाता समझ लिया हैैं। जो सिर्फ सबको देता ही देता हैं। उसे न तो भुख लगती हैं, न रोटी कपड़े की जरूरत, इसलिये प्रदेश के लगभग ७ लाख कर्मचारीयों को महीने की 1 तारीख को वेतन मिल जाता हैं। लेकिन पंचायत सचिवों को ३ से ५ माह तक यह पीड़ा भोगनी पड़ता है। पंचायत सचिवों के साथ वचन पत्र की मांगो को लेकर कोताही और अन्याय हो ही रहा हैैं। सिर्फ हमारी खामोशी सरकार के सम्मान के लिये हैं। इसे पंचायत सचिव संगठन की कमजोरी न समझी जाएं। ५ माह से प्रदेश की ७०-८० प्रतिशत जनपदों की ग्राम पंचायतो में सचिवों को वित्त विभाग के आवंटन के आभाव में वेतन नहीं मिलने से प्रदेश के हजारो पंचायत सचिव खुन के आंसु रो रहे हैं।

पंचायत सचिव संगठन की प्रदेशअध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर पुछा है कि क्या हमेंं अपने वेतन के लिये आपके सामने आंदोलन करना पड़ेगा, सरकार ? वेतन भुगतान के लिये हर तीन माह में पंचायत राज संचालनालय और मंत्रालय के सैंकड़ो बार चक्कर काटने पड़ते हैें। पुरे प्रदेश में ग्लोबल विकास अकाउंट से अध्यापकों, पटवारीयों, प्रदेश के समस्त संवर्ग के कर्मचारीयों को महीने की 1 तारीख को वेतन भुगतान करने का प्रावधान किया गया हैं। लेकिन ये सिर्फ अपनी रोटी सैंककर अपना वेतन पाने वाले अधिकारीयों और कर्मचारीयों के लिये हैं। पंचायती राज के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार कर ५२ हजार गांव में सजग प्रहरी के रूप में जनता के सच्चे सेवक पंचायत सचिवों के लिये नहीं हैं। यही दुर्भाग्य इस पंचायत विभाग का है।
                  Conclusion:पंचायत सचिव संगठन ने मांग की है कि पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव पर पंचायत सचिव संगठन को पुरा भरोसा हैं। वो अपनी कार्यकुशलता सेे दीर्घकाल से चली आ रही बड़ी विसंगति का हल कराकर ग्लोबल अकाउंट से नियमित भुगतान की व्यवस्था और ३१ जनवरी से पूर्व प्रदेश का ३ से ५ माह का वेतन भुगतान जारी करें, अन्यथा की स्थिति में ५ फरवरी से मैं स्वयं मंत्रालय के सामने अकेला सड़क पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा।

बाइट - दिनेश शर्मा - प्रदेश अध्यक्ष मप्र पंचायत सचिव संगठन।
                                                               
Last Updated : Jan 29, 2020, 1:48 PM IST
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