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Padma Award 2022: MP की 5 हस्तियों को पद्म श्री, 3 को कला, 1 को साहित्य और भोपाल के प्रसिद्ध डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत मिलेगा सम्मान

केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. इस बार एमपी की 5 हस्तियों को पद्म श्री के सम्मान से नवाजा जायेगा. इनमें तीन लोग कला क्षेत्र के एक साहित्य और भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत यह सम्मान देिया जाएगा. (Padma Shri to 5 celebrities of MP)

Padma Shri to 5 celebrities of MP
MP की 5 हस्तियों को पद्म श्री
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Published : Jan 25, 2022, 9:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की 5 हस्तियों को इस बार पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. केंद्र की मोदी सरकार ने 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर इसका ऐलान किया है. प्रदेश के 5 लोगों में से तीन कला, एक साहित्य और भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत यह सम्मान देिया जाएगा. एमपी में चिकित्सा जगत में पितामह के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. प्रदेश के अर्जुन सिंह धुर्वे (कला), अवध किशोर जाड़िया (साहित्य और शिक्षा) , रामसहाय पांडे (कला), दुर्गा बाई व्याम (कला) को भी पद्मश्री अवार्ड मिलेगा.

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डॉ.एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान
चिकित्सकीय जगत के भीष्म पितामह और चिकित्सकों के संरक्षक का जाने जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन रहे हैं. उन्होंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई भी गांधी मेडिकल कॉलेज से की थी, फिर कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख बने.वो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिजिशयन थे. भोपाल गैस त्रासदी के समय डॉ.एनपी मिश्रा ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए कम समय में ऐसी व्यवस्था जमाई कि 10 हजार 7 सौ पीड़ितों का हमीदिया में इलाज संभव हो सकता था. सन 1992 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने उन्हें प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान डॉ. बीसी राय अवार्ड से अलंकृत किया था. 1995 में एसोसिएशन आफ फिजीशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्टेड टीचर अवार्ड से सम्मानित किया था. सन 1992 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने उन्हें प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान डाॅ बीसी राय अवार्ड से अलंकृत किया था. डॉ. एनपी मिश्रा 1995 में एसोसिएशन आफ फिजीशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्टेड टीचर अवार्ड से सम्मानित हुए थे. बीते साल शिक्षक दिवस के दिन उनका निधन हो गया था.

लोककथा की चित्रकारी के लिए जानी जाती हैं दुर्गा बाई
दुर्गाबाई की चित्रकारी की विशेषता उनकी कथा कहने की क्षमता है. उनके चित्र अधिकांशत: गोंड प्रधान समुदाय के देवकुल से लिए गए हैं. दुर्गाबाई को लोककथाओं को चित्रित करने में भी आनंद आता है. इसके लिए वह अपनी दादी की आभारी हैं, जिन्होंने उन्‍हें अनेक कहानियां सुनाई थीं. दुर्गाबाई की कृति उनके जन्‍म स्‍थान बुरबासपुर, मध्‍यप्रदेश के मंडला जिले के गांव पर आधारित है. दुर्गाबाई जब महज छह साल की थीं तभी से उन्‍होंने अपनी माता के बगल में बैठकर डिगना की कला सीखी जो शादी-विवाहों और उत्‍सवों के मौकों पर घरों की दीवारों और फर्शों पर चित्रित किए जाने वाली परंपरागत चित्रकारी है. (Padma Award 2022) (Padma Shri to 5 celebrities of MP)

भोपाल। मध्य प्रदेश की 5 हस्तियों को इस बार पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. केंद्र की मोदी सरकार ने 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर इसका ऐलान किया है. प्रदेश के 5 लोगों में से तीन कला, एक साहित्य और भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत यह सम्मान देिया जाएगा. एमपी में चिकित्सा जगत में पितामह के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. प्रदेश के अर्जुन सिंह धुर्वे (कला), अवध किशोर जाड़िया (साहित्य और शिक्षा) , रामसहाय पांडे (कला), दुर्गा बाई व्याम (कला) को भी पद्मश्री अवार्ड मिलेगा.

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डॉ.एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान
चिकित्सकीय जगत के भीष्म पितामह और चिकित्सकों के संरक्षक का जाने जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन रहे हैं. उन्होंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई भी गांधी मेडिकल कॉलेज से की थी, फिर कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख बने.वो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिजिशयन थे. भोपाल गैस त्रासदी के समय डॉ.एनपी मिश्रा ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए कम समय में ऐसी व्यवस्था जमाई कि 10 हजार 7 सौ पीड़ितों का हमीदिया में इलाज संभव हो सकता था. सन 1992 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने उन्हें प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान डॉ. बीसी राय अवार्ड से अलंकृत किया था. 1995 में एसोसिएशन आफ फिजीशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्टेड टीचर अवार्ड से सम्मानित किया था. सन 1992 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिसिन ने उन्हें प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान डाॅ बीसी राय अवार्ड से अलंकृत किया था. डॉ. एनपी मिश्रा 1995 में एसोसिएशन आफ फिजीशियंस ऑफ इंडिया ने गिफ्टेड टीचर अवार्ड से सम्मानित हुए थे. बीते साल शिक्षक दिवस के दिन उनका निधन हो गया था.

लोककथा की चित्रकारी के लिए जानी जाती हैं दुर्गा बाई
दुर्गाबाई की चित्रकारी की विशेषता उनकी कथा कहने की क्षमता है. उनके चित्र अधिकांशत: गोंड प्रधान समुदाय के देवकुल से लिए गए हैं. दुर्गाबाई को लोककथाओं को चित्रित करने में भी आनंद आता है. इसके लिए वह अपनी दादी की आभारी हैं, जिन्होंने उन्‍हें अनेक कहानियां सुनाई थीं. दुर्गाबाई की कृति उनके जन्‍म स्‍थान बुरबासपुर, मध्‍यप्रदेश के मंडला जिले के गांव पर आधारित है. दुर्गाबाई जब महज छह साल की थीं तभी से उन्‍होंने अपनी माता के बगल में बैठकर डिगना की कला सीखी जो शादी-विवाहों और उत्‍सवों के मौकों पर घरों की दीवारों और फर्शों पर चित्रित किए जाने वाली परंपरागत चित्रकारी है. (Padma Award 2022) (Padma Shri to 5 celebrities of MP)

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