भोपाल। मध्य प्रदेश में 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. और इनमें 1800 डॉक्टर काम कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ेगी तो सरकार को डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए. बावजूद इसके चिकित्सा शिक्षा विभाग का एक आदेश मेडिकल टीचर्स के लिए सिरदर्द बन गया है. मेडिकल एजुकेशन के संचालक डॉ. जितेन शुक्ला ने आदेश दिया है कि कॉलेज के एक टीचर को 1 दिन में 100 स्टूडेंट्स की कॉपियां चेक करना होंगी. यह आदेश इसलिए दिया गया है, जिससे कि एमबीबीएस का रिजल्ट जल्द आ सके. लेकिन इस आदेश के बाद से मेडिकल टीचर्स इसके खिलाफ लामबंद हो गए हैं.
क्लास लेने के बाद इतनी कॉपियां कैसे चेक होंगी : मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव राकेश मालवीय के अनुसार डॉक्टर सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाने का काम करता है. उसके बाद इन्हीं 8 घंटों में 100 कॉपियां जांचने का काम असंभव सा है. क्योंकि एक कॉपी को जांचने में कम से कम 20 मिनट लगते हैं. अगर उसे गंभीरता से नहीं जाचा गया और हवा-हवाई में कॉपियां चेक की गईं तो रिजल्ट पर भी फर्क पड़ेगा.
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टीचर्स की भर्ती क्यों नहीं हो रही : मालवीय के अनुसार सरकार मेडिकल कॉलेजों में सीटें तो बढ़ाई जा रही हैं, लेकिन डॉक्टरों की भर्ती और टीचर्स की भर्ती नहीं हो रही है. जिससे पुराने टीचर्स पर ही काम के साथ-साथ कॉपी चेक करने का भी लोड आता है. मालवीय के अनुसार यह आदेश सरासर गलत है. इसको लेकर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. इस पूरे मामले में फिलहाल स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इस आदेश के बाद से मेडिकल टीचर्स में खासा आक्रोश है. (Order to check 100 copies a day) (Medical Teachers Association oppose)