भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में ऊर्जा विभाग की बजट अनुदान की चर्चा के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष के पास उर्जा के मामले में कोई दृष्टि नहीं है. विपक्ष का कहना है कि सत्ता पक्ष ने अपने जवाब में कहीं भी यह नहीं बताया कि विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए और आम उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए सरकार क्या काम करेगी. ऊर्जा मंत्री अपने जवाब में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम करते रहे. अगर उर्जा मंत्री कोई सार्थक जवाब देते तो हम चर्चा में जरूर हिस्सा लेते.
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा में ऊर्जा विभाग की मांगों की चर्चा के उपरांत जो मंत्री का उत्तर था, मुझे उम्मीद थी कि एक नई दृष्टि मध्य प्रदेश में विद्युत उत्पादन को बढ़ाने और गरीब किसान उपभोक्ताओं को सुविधा बढ़ाने के लिए मिलेगी. लेकिन उल्टा संबल योजना और बिजली के बिल को आधा करने की योजन को ही खत्म कर गरीबों के ऊपर और ज्यादा बिजली के बिल थोप दिए. उनका कहना है कि आज गरीबों को 20 से 25 हजार के बिजली के बिल थमाए जा रहे हैं. गोपाल भार्गव का कहना है कि पूर्व ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल और पारस जैन ने तथ्यात्मक तरीके से बात रखी. लेकिन सत्ता पक्ष आधारहीन बातें कर के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है.
ऊर्जा मंत्री के जवाब के समय वॉकआउट करने के सवाल पर गोपाल भार्गव कहना है कि हम इसलिए चर्चा के दौरान शांत रहे कि ऊर्जा मंत्री के जवाब में कोई सकारात्मक चीज हमें मिलेगी. लेकिन ऊर्जा मंत्री अपने जवाब में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम करते रहे थे.