भोपाल। प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2022) के ऐलान के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है. विरोध की वजह पंचायत चुनाव 2014 के आरक्षण के आधार से कराए जाना है. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि वह इसको लेकर कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएगी, लेकिन चुनाव प्रक्रिया के विरोध में कोई कोर्ट जाएगा, तो कांग्रेस उसकी मदद करेगी.
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा (Congress leader and Rajya Sabha Member Vivek Tankha) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने भी इसको लेकर विरोध जताया है. कमलनाथ ने कहा है कि पता नहीं क्यों साल 2014 के आरक्षण के आधार पर चुनाव कराए जा रहे हैं.
एक चुनाव में दो फार्मूले अपनाना गलत- कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य के प्रभारी जेपी धनोपिया (JP Dhanopia in Charge of Congress's Election Commission Work) ने आरोप लगाया है कि पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने बीजेपी सरकार के दवाब में चुनावों का ऐलान किया है. जिसमें कई त्रुटियां हैं. मतदाता सूची तैयार नहीं की गई हैं.
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परिसीमन के मामले में उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किए हैं. अध्यक्ष का आरक्षण होना है. पंच-सरपंच का आरक्षण 2014 का लागू कर रहे हैं. मतलब एक चुनाव में दो फार्मूले अपनाना गलत हैं. चुनाव 2022 में होंगे और 1 जनवरी 2022 को जो मतदाता 18 साल के होंगे. उनको मतदान से वंचित किया जाना सरासर गलत है.
इस सबसे साफ है कि पंचायत चुनाव का कार्यक्रम गलत है, जो बीजेपी के दवाब में किया गया है. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि वह इसको लेकर कोर्ट नहीं जाएंगी, लेकिन जो इससे दुखी होकर कोर्ट जा रहे हैं, कांग्रेस उसकी मदद करेगी.
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पता नही क्यों वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर वर्ष 2021-22 में चुनाव करवाये जा रहे है ?
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रोटेशन पद्धति से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नही किया जा रहा है ?
लोकतांत्रिक अधिकारो का दमन क्यों किया जा रहा है ?
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रोटेशन पद्धति से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नही किया जा रहा है ?
लोकतांत्रिक अधिकारो का दमन क्यों किया जा रहा है ?
कमलनाथ पहले ही जता चुके विरोध
पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी विरोध जता चुके हैं. कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि 'पता नहीं क्यों साल 2014 के आरक्षण के आधार पर साल 2021-22 में चुनाव कराए जा रहे हैं. रोटेशन पद्धति से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है. लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन क्यों किया जा रहा है.'
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