भोपाल। शासन और प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ और पारदर्शिता को लेकर लंबे संघर्ष के बाद 2005 में यूपीए सरकार के समय पर आरटीआई एक्ट लागू हुआ था. लेकिन लोगों की जागरुकता के कमी के कारण 14 साल में सिर्फ 3 करोड़ लोगों ने ही आरटीआई एक्ट का उपयोग किया.
आरटीआई सूचना के मामले में देश में मध्यप्रदेश का स्थान 15वें नम्बर पर रहा. जहां इन 14 वर्ष में लगभग 1 लाख से आवेदन पहुंचे है. देश के बहुत सारे राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आरटीआई के संचालन होता है. लेकिन प्रदेश में यह व्यवस्था अभी लागू नहीं हुई है.