भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर सुनवाई करते हुए तीनों कृषि कानून पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. साथ ही कमेटी भी गठित की है, इसे केंद्र सरकार के लिए झटका माना जा रहा है. कृषि कानूनों पर रोक लगाने पर मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान सामने आया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून को लेकर क्या कुछ कहा है, किन शब्दों का प्रयोग किया है, इसका अध्ययन करेंगे उसके बाद ही कुछ बोल पाएंगे.
अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाएंगे
मुरैना में जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत पर वीडी शर्मा का कहना है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. वो मृतक परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. सरकार अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाएगी कोई भी हो किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.
कांग्रेस का राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करना अच्छी बात
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा किया है इस पर वीडी शर्मा का कहना है कि ये अच्छी बात है. भूला भटका अगर घर आ जाता है, तो ये अच्छी बात है. राम मंदिर के निर्माण में संपूर्ण देश का योगदान होगा भारत का कोई घर नहीं बचना चाहिए.
स्वामी विवेकानंद के जीवन काल की प्रदर्शनी का उद्घाटन
युवा दिवस के मौके पर स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने एक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस एग्जीबिशन में स्वामी विवेकानंद के जीवन काल के बारे में बताया गया है कि किस तरह उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करते हुए मुकाम हासिल किया.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?
उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है. साथ ही किसानों के साथ बातचीत करने के लिए चार सदस्यीय एक समिति गठित की है. इस समिति में अर्थशास्त्री के अलावा किसान यूनियन नेता और इंटरनेशनल पॉलिसी हेड भी शामिल हैं. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती तथा उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है.
कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन पर कहा, हम जनता के जीवन और सम्पत्ति की रक्षा को लेकर चिंतित हैं.
न्यायालय ने साथ ही किसान संगठनों से सहयोग मांगते हुए कहा कि कृषि कानूनों पर 'जो लोग सही में समाधान चाहते हैं, वे समिति के पास जाएंगे'. उसने किसान संगठनों से कहा, 'यह राजनीति नहीं है. राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क है और आपको सहयोग करना ही होगा.'
एपी सिंह का बयान
सुप्रीम कोर्ट में किसान यूनियनों में से एक की ओर से पेश हुए वकील एपी सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल इस बात पर सहमत हैं कि कोई भी बुजुर्ग, महिला या बच्चे विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे. किसानों के दिल्ली मार्च से पहले 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा भड़कने की आशंका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के लिए भोजन उगाने वाले और अलग-अलग कारणों से आत्महत्या करने वाले लोग कभी भी हिंसा का हिस्सा नहीं हो सकते.
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये यहां तक संकेत दिया था कि अगर सरकार इन कानूनों का अमल स्थगित नहीं करती है तो वह उन पर रोक लगा सकती है.
न्यायालय ने कहा कि कोई ताकत हमें नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती तथा हमें समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है.