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हनी ट्रैप केस: ब्यूटी गैंग की हसीनाओं को अधिकारी देते थे लाखों के ठेके

हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में एक नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने आरोपी महिलाओं को लाखों के टेंडर दिए हैं और उनकी पूरी मदद भी की है.

हनी ट्रैप केस
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Published : Oct 7, 2019, 7:08 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 7:37 PM IST

भोपाल। प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस ब्यूटी गैंग के सदस्यों की पहुंच बहुत ऊपर तक थी और इसी के दम पर ये हसीनाएं बड़े- बड़े ठेके भी हासिल किया करती थीं. अधिकारी भी दबाव में आकर इन महिलाओं को लाखों के टेंडर देते थे और पूरी मदद करते थे. बताया जा रहा है कि मामले की सरगना के पति के एनजीओ को विंध्य के जिले में शौचालय निर्माण का लाखों का काम दिया गया था.

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इसके लिए उस जिले के तत्कालीन कलेक्टर पर भोपाल से भी दबाव बनाया गया था और आरोपी महिला के पति को ग्रामीण इलाके में शौचालय निर्माण का लाखों का टेंडर दिया गया था. बताया जा रहा है कि आरोपी महिला के पति ने शौचालय निर्माण काम पूरा नहीं किया था और एनजीओ को पंचायत विभाग से भुगतान भी कर दिया गया. हालांकि काम पूरा नहीं होने पर एनजीओ को राशि भी लौटाने पड़ी थी.

हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में ब्यूटी गैंग से मिले दस्तावेजों की छानबीन लगातार जारी है. इस तरह के कई और भी बड़े- बड़े टेंडर अधिकारियों ने ब्यूटी गैंग की सदस्यों को दिलवाए थे. फिलहाल एसआईटी पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि जांच के बाद कई रसूखदार और ब्यूरोक्रेट्स के नामों का भी खुलासा हो सकता है.

भोपाल। प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस ब्यूटी गैंग के सदस्यों की पहुंच बहुत ऊपर तक थी और इसी के दम पर ये हसीनाएं बड़े- बड़े ठेके भी हासिल किया करती थीं. अधिकारी भी दबाव में आकर इन महिलाओं को लाखों के टेंडर देते थे और पूरी मदद करते थे. बताया जा रहा है कि मामले की सरगना के पति के एनजीओ को विंध्य के जिले में शौचालय निर्माण का लाखों का काम दिया गया था.

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इसके लिए उस जिले के तत्कालीन कलेक्टर पर भोपाल से भी दबाव बनाया गया था और आरोपी महिला के पति को ग्रामीण इलाके में शौचालय निर्माण का लाखों का टेंडर दिया गया था. बताया जा रहा है कि आरोपी महिला के पति ने शौचालय निर्माण काम पूरा नहीं किया था और एनजीओ को पंचायत विभाग से भुगतान भी कर दिया गया. हालांकि काम पूरा नहीं होने पर एनजीओ को राशि भी लौटाने पड़ी थी.

हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में ब्यूटी गैंग से मिले दस्तावेजों की छानबीन लगातार जारी है. इस तरह के कई और भी बड़े- बड़े टेंडर अधिकारियों ने ब्यूटी गैंग की सदस्यों को दिलवाए थे. फिलहाल एसआईटी पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि जांच के बाद कई रसूखदार और ब्यूरोक्रेट्स के नामों का भी खुलासा हो सकता है.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस ब्यूटी गैंग के सदस्यों की पैठ बहुत ऊपर तक थी। और इसी के दम पर यह हसीनाएं बड़े-बड़े ठेके भी हासिल किया करती थी। अधिकारी भी दबाव में आकर इन महिलाओं को लाखों के टेंडर देते थे। और पूरी मदद करते थे। बताया जा रहा है कि श्वेता जैन के पति स्वप्निल जैन के एनजीओ को विंध्य के जिले में शौचालय निर्माण का लाखों का काम दिया गया था।


Body:विंध्य के एक जिले में आरोपी महिला के पति स्वप्निल जैन के एनजीओ को लाखों का टेंडर दिलवाया गया था। बताया जा रहा है कि इसके लिए उस जिले के तत्कालीन कलेक्टर पर भोपाल से भी दबाव बनाया गया था। और स्वप्निल जैन को ग्रामीण इलाके में शौचालय निर्माण का लाखों का टेंडर दिया गया था। बताया यह भी जा रहा है कि स्वप्निल जैन ने शौचालय निर्माण का काम भी पूरा नहीं किया था। और एनजीओ को पंचायत विभाग से भुगतान भी कर दिया गया था। हालांकि काम पूरा नहीं होने पर स्वप्निल जैन को राशि भी लौटाने पड़ी थी। सूत्रों के मुताबिक मामला कई साल पुराना बताया जा रहा है।


Conclusion:हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में ब्यूटी गैंग से मिले दस्तावेजों की छानबीन लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह के कई और भी बड़े-बड़े टेंडर अधिकारियों ने ब्यूटी गैंग की सदस्यों को दिलवाए थे। फिलहाल एसआईटी पूरे मामले की बारीकी से पड़ताल कर रही है। माना जा रहा है कि पड़ताल के बाद कई रसूखदार और ब्यूरोक्रेट्स के नामों का भी खुलासा हो सकता है।
Last Updated : Oct 7, 2019, 7:37 PM IST
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