भोपाल: राजधानी में बढ़ते संक्रमण ने प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं. पिछले 10 दिनों में तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसे देखते हुए प्रशासन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर कोरोना को रोकने की कवायद पर फोकस कर रहा है. कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई की अध्यक्षता में कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े, डीआईजी शहर इरशाद वली, समस्त अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी सहित संबंधित अधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित थे.
समीक्षा बैठक में निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव एस अहमद किदवई ने निर्देश दिए कि राजधानी के सभी कंटेनमेंट और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर कटेंनमेंट नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए. कंटेनमेंट जोन से किसी व्यक्ति को अन्य स्थान पर न जाने दें. इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग हेल्थ सर्वे, टेस्टिंग और सैंपलिंग की गतिविधियां व्यापक स्तर पर संचालित करे. आशा कार्यकर्ताओं से घर-घर हेल्थ सर्वे कर जांच का दायरा बढ़ाया जाए. आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयों एवं काढा का वितरण सुनिश्चित किया जाए. प्रमुख सचिव फ़ैज अहमद किदवई ने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग मेडिकल कैंप लगाए. संक्रमण रोकने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा है कि शहर में संक्रमण को रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए जाना जरूरी हैं, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
कोरोना को रोकने के लिए विशेष इंतजाम
शहर में स्लम एरिया और बस्तियों में कोरोना को रोकने का विशेष ध्यान दिया जाए. कम्युनिटी स्प्रेड को फैलने से रोका जाए. ऐसे शासकीय सेवकों की सूची तैयार की जाए जो कहीं न कहीं इन स्लम एरिया और बस्तियों में रहते हैं. स्लम एरिया में पुलिस अपनी गश्त बढ़ाएं. कटेनमेंट क्षेत्र मे बैरिकेडिंग कर आवाजाही को पूर्णतः प्रतिबंध किया जाए. प्रशासन प्रवेश और निर्गम द्वार पर मेडिकल टीमें तैनात करें, जिससे आवागमन को प्रतिबंधित किया जा सके. साथ ही व्यक्तियो को जोन से बाहर जाने से रोका जाए.
कोविड सेंटर में आवश्यक विस्तार
कोविड केयर सेंटरों पर आवश्यक सेवाओं का विस्तार किया जाए. भर्ती मरीजों की देख-रेख और उपचार निरंतर क्रियाशील रहे. किदवई ने बताया कि शहर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर आयुष परिसर, खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल, शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल और श्रमोदय हॉस्टल में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाए.
कंटेनमेंट क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर, होम्योपैथिक-आयुर्वेदिक और हकीम के पास अपने इलाज के लिए पहुंच रहे लोगों की हिस्ट्री प्रतिदिन इन कंटेंटमेंट क्षेत्रों से अपडेट की जाए. एनजीओ और वॉलिंटियर्स के माध्यम से कंटेनमेंट क्षेत्रों में अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएं. कंटेनमेंट क्षेत्रों में जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम संयुक्त कार्रवाई करें. इन क्षेत्रों में आमजनों को कोरोना संक्रमण से जागरूकता के लिए वहां की महिलाएं आगे लाएं. महिलाएं भी परिवार और आस-पड़ोस के लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके सिखाएं.
कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि शहर को संक्रमण से मुक्त करने के लिए कई एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं. जिला, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर कंटेनमेंट क्षेत्रों और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सैंपलिंग के कार्य को बढ़ाया गया है.
अब तक 66 हजार से अधिक लोगों की सैम्पलिंग
अब तक 66 हजार से अधिक लोगों की सैम्पलिंग की गई है. अकेले जहांगीराबाद क्षेत्र में 8,311 लोगों की सैम्पलिंग की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि गैस राहत के माध्यम से 19 और जिले मे 59 फीवर क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें गैस पीड़ित व्यक्तियों के साथ सभी का इलाज और स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य उपचार कर लाभ दिया जा रहा है. खुशीलाल आयुर्वेदिक महाविद्यालय में 300 और श्रमोदय हॉस्टल में 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है, जिसमें वर्तमान में 172 लोगों को रखा गया है.