भोपाल। सीएम हाउस का घेराव करने की जिद पर अड़े ओबीसी महासंघ ने भोपाल में जमकर प्रदर्शन किया. ओबीसी महासंघ के पदाधिकारियों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस की तरफ कूच किया. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई. पुलिस की बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश कर रहे ओबीसी महासंघ के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
ओबीसी महासंघ ने की सीएम हाउस के घेराव की कोशिश
ओबीसी महासंघ के प्रदर्शन को भीम आर्मी और कांग्रेस का भी समर्थन था. कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ओबीसी महासभा के प्रदर्शन में शामिल हुए. ओबीसी महासंघ ने आरक्षण पर स्टैंडिंग कमेटी बनाने की मांग की है. सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे महासंघ के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पंचशील नगर में रोक लिया. यहां पुलिस और ओबीसी महासंघ के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई.
पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प
प्रदर्शन में शामिल ओबीसी महासंघ और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की पुलिस से जमकर झड़प हुई. प्रदर्शनकर्ता बार-बार पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर सीएम हाउस जाने की कोशिश करते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें लगातार खदेड़ती रही. भोपाल डीआईजी इरशाद वली भी इस दौरान मौके पर मौजूद रहे. इरशाद वली ने बताया कि डेलीगेशन को संबंधित मंत्री से मुलाकात करवाने ले जाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन तभी प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उपद्रव शुरू कर दिया. जिसे पुलिस ने बलपूर्वक कंट्रोल कर लिया.
क्यों हो रहा है प्रदर्शन ?
जबलपुर हाईकोर्ट ने 13 जुलाई को सुनवाई करते हुए ओबीसी वर्ग के लिए बढ़ाए गए 27 आरक्षण पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने सरकार को पुराने नियमों के अनुसार 14 फीसदी आरक्षण के हिसाब से सरकारी नौकरियों में भर्ती का आदेश दिए थे. इसके बाद अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने समर्थन पत्र जारी किया था. जिसमें नीट में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने, एनएचआरएमए ओबीसी आरक्षण में अनियमितताओं और अन्य विभागों की प्रवेश एवं भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया में क्रीमी लेयर की बाध्यता का विरोध किया था. इस के चलते मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर सरकार को चेतावनी देने की कोशिश की गई.
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आज इस माँग को लेकर ओबीसी वर्ग के आंदोलन में शामिल लोगों पर किये गये बल प्रयोग , दमन व गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा करता हूँ।
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सरकार यदि इस वर्ग के साथ न्याय नही कर सकती है तो कम से कम दमन नही करे।
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सरकार यदि इस वर्ग के साथ न्याय नही कर सकती है तो कम से कम दमन नही करे।आज इस माँग को लेकर ओबीसी वर्ग के आंदोलन में शामिल लोगों पर किये गये बल प्रयोग , दमन व गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा करता हूँ।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 28, 2021
सरकार यदि इस वर्ग के साथ न्याय नही कर सकती है तो कम से कम दमन नही करे।
कमलनाथ ने भी इस मामले में ट्वीट कर सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा कि "हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का निर्णय लिया था. शिवराज सरकार में इच्छाशक्ति के अभाव, कमजोर पैरवी व ठीक ढंग से पक्ष नही रखने के कारण यह आज तक लागू नही हो पाया है ? कांग्रेस ओबीसी महासभा के आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है.
आरक्षण के लिए आरपार! ओबीसी महासंघ ने किया सीएम हाउस का घेराव, पुलिस के साथ हुई झड़प
कमलनाथ ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि "आज इस मांग को लेकर ओबीसी वर्ग के आंदोलन में शामिल लोगों पर किये गये बल प्रयोग, दमन व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं. सरकार यदि इस वर्ग के साथ न्याय नही कर सकती है तो कम से कम दमन नही करे."