भोपाल। एम्स की लापरवाही को लेकर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने चिंता जाहिर की है. परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा है. पत्र में भोपाल एम्स की लापरवाही के बारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि, भोपाल एम्स के लिए बहुत ही चिंता का विषय है कि, चार नर्सिंग स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम एम्स प्रशासन द्वारा नहीं किया गया, जो कि बहुत निंदनीय है.
रवि परमार ने पत्र में लिखा कि, कोरोना संक्रमण के बीच एम्स में लापरवाही बढ़ती जा रही है. एक 13 साल बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो उसका पहले तो मोबाइल नंबर नहीं लगा, रिकॉर्ड में दर्ज पता भी गलत निकला. वहीं 13 साल की बच्ची की उम्र सूची में 30 साल दर्ज कर दी. इसका खुलासा तब हुआ जब बच्ची को चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, एम्स प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर कितना लापरवाह है.
परमार का कहना है कि, भोपाल एम्स में जो स्टाफ कार्यरत हैं, उनकी सुरक्षा की बात करें, तो इसके लिए प्रशासन ने कुछ भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है. स्टाफ को सैनिटाइजर और हाथ धोने के लिए साबुन भी वार्डन से लड़ना पड़ता है. तब जाकर थोड़ा बहुत सामान दिया जाता है. कोरोना से संक्रमित मरीजों का सैंपल लेने के लिए स्वास्थय मंत्रालय के निर्देशानुसार ENT विभाग के JR और SR को निर्देशित किया गया है. इसके बावजूद अन्य विभागों के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को धमकाकर सैंपल लेने के लिए बाध्य किया गया कि, अगर नहीं लेंगे,तो कार्रवाई की जाएगी.