भोपाल। मध्यप्रदेश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भाजपा पर निशाना साधा. एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी नीतीश गौड़ ने प्रदेश की बेरोजगारी रेटिंग के बढ़ने का आरोप लगाया. शिवराज सरकार जब सत्ता में आई थी ईएमआई के अनुसार तक प्रदेश की बेरोजगारी दर 7 थी, दो 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान 40% घटकर ये 4.6 रह गई जो अब शिवराज सिंह की सरकार के समय बढ़कर फिर 6.2 हो गया है.
नौकरी का विज्ञापन कर सरकार नहीं कर जॉइनिंग
नीतीश गौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने छात्रों और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से युवा स्वाभिमान योजना की शुरुआत की थी, प्रदेश सरकार ने बीते 3 सालों में कई नौकरियों के विज्ञापन निकाले, लेकिन आज तक उसके लिए जॉइनिंग नहीं दी है. गौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि एमपीपीएससी की परीक्षा अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक साल पीछे चल रही है. साथ ही 2 साल पहले कराई गई परीक्षा के छात्र भी जॉइनिंग नहीं दी जा सकी हैं.
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नौकरी दो या डिग्री वापस लो कैंपेन शुरू
एनएसयूआई ने राष्ट्रीय स्तर पर 'नौकरी दो या डिग्री वापस लो' नामक एक राष्ट्रवादी कार्यक्रम छात्रों के लिए शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सरकार से पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलवाना है और अगर सरकार इसमे आनाकानी करती है तो हम उन छात्रों की डिग्री वापस करवाने का कार्य एनएसयूआई करेंगी, क्योंकि अब रोजगार ही नहीं तो किस बात की डिग्री. 2018 चुनाव से पहले ठीक पहले सरकार ने कनिष्ठ संविदा विक्रेता 3629 पदों पर भर्ती निकाली थी जिनपर अभी तक नियुक्ति नहीं मिल सकी है. वहीं संविदा शिक्षक के वर्ग 1 और वर्ग 3 के उम्मीदवारों को जॉइनिंग नहीं मिली है.