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नए साल में कांग्रेस में बदलाव की बयार, आठ साल बाद NSUI को मिलेगा नया प्रदेशाध्यक्ष

एआईसीसी से लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जा रहे हैं.नएसयूआई में पिछले 8 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विधायक बन गए हैं और वह खुद संगठन में बदलाव की सिफारिश कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ महिला कांग्रेस में तो पिछले 10 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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Published : Jan 1, 2021, 9:04 PM IST

MP CONGRESS
एमपी कांग्रेस

भोपाल। देश के सबसे पुराने राजनीतिक संगठन में इन दिनों बदलाव की बयार चल रही है. एआईसीसी से लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जा रहे हैं. कुछ फेरबदल हो चुके हैं और कुछ का इंतजार है. 7 साल बाद हुए युवा कांग्रेस के चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. नए प्रदेश अध्यक्ष ने कामकाज भी संभाल लिया है. अब एनएसयूआई में बदलाव की चर्चा जोर पकड़ रही है.

दरअसल एनएसयूआई में पिछले 8 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विधायक बन गए हैं और वह खुद संगठन में बदलाव की सिफारिश कर रहे हैं. हालांकि एनएसयूआई में चुनाव प्रक्रिया के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष का चयन होता है, इसलिए राष्ट्रीय संगठन ही अंतिम फैसला लेगा. वहीं दूसरी तरफ महिला कांग्रेस में तो पिछले 10 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. महिला कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन होता है. कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो जल्द ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के इन दो मुख्य संगठन में बदलाव देखने मिलेगा.

कमलनाथ ने दिए संगठन में फेरबदल के निर्देश

कमलनाथ जब मई 2018 में मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो उन्होंने संगठन में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया था. पीसीसी स्तर पर उन्होंने कामकाज में मदद के लिए अपनी टीम जरूर बनाई थी. कांग्रेस संगठन के दूसरे मोर्चा प्रकोष्ठ में कोई बदलाव नहीं किया था और पुरानी टीम ही काम कर रही थी. अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्य संगठन और ऐसे दूसरे संगठन जहां लंबे समय से एक ही व्यक्ति पद पर बैठे हुए हैं, उनमें बदलाव के निर्देश दिए हैं. हालांकि कमलनाथ ने यह भी कहा है कि जिनका कामकाज बढ़िया हो,उनकी जिम्मेदारी में किसी तरह का फेरबदल ना किया जाए.

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के 7 साल बाद हुए चुनाव

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस को 7 साल बाद नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है. कांग्रेस में युवा कांग्रेस इकाई में चुनाव द्वारा अध्यक्ष का चयन किया जाता है, तो बाकी कार्यकारिणी भी चुनाव के द्वारा ही तैयार होती है. हालांकि 2017 में युवा कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण प्रक्रिया टाल दी गई थी. मार्च 2020 में फिर प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन कमलनाथ सरकार गिरने के कारण यह प्रक्रिया टाल दी गई. हाल ही में दिसंबर माह में युवा कांग्रेस के चुनाव संपन्न हुए और डॉ विक्रांत भूरिया युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं.

8 साल से एनएसयूआई में चुनाव का इंतजार

मप्र एनएसयूआई में पिछले 8 साल से अध्यक्ष पद पर एक ही व्यक्ति काबिज हैं. विपिन वानखेड़े 8 साल पहले एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. विपिन वानखेड़े हाल ही में उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं. एनएसयूआई में लागू आयु सीमा के अनुसार भी वह 33 साल की उम्र पार कर चुके हैं. आयु सीमा बंधन के हिसाब से अब वह एनएसयूआई के सदस्य नहीं रह सकते हैं. हालांकि विपिन वानखेड़े ने अपने राष्ट्रीय संगठन को बता दिया है कि वह विधायक पद की जिम्मेदारी के कारण संगठन को ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं, इसलिए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं.

महिला कांग्रेस में भी 10 साल से बदलाव का इंतजार

मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के तौर पर 10 साल पहले मांडवी चौहान को मनोनीत किया गया था. तब से मांडवी चौहान ही महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनी हुई हैं. कई बार महिला कांग्रेस में भी फेरबदल की मांग उठी है. अभी तक महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर किसी नई महिला का चयन नहीं किया गया है.

विवेक त्रिपाठी

जल्द होगा एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव

एनएसयूआई से प्रदेश युवा कांग्रेस में पहुंचे विवेक त्रिपाठी बताते हैं कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक परिवार में बहुत सारे परिवर्तन शुरू हो गए हैं. पहली शुरुआत युवा कांग्रेस के माध्यम से हुई है. मैं समझता हूं कि निश्चित ही दूसरे मोर्चा संगठन में भी बदलाव होगा. एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. यहां पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया द्वारा पदाधिकारियों का चयन किया जाता है. मध्यप्रदेश के छात्र बहुत जल्दी एनएसयूआई की कार्यकारिणी का चयन करेंगे.निश्चित ही शीर्ष नेतृत्व जल्द निर्णय लेगा.

प्रकाश जैन

महिला कांग्रेस में मनोनयन की व्यवस्था

मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रकाश जैन बताते हैं कि जहां तक एनएसयूआई का सवाल है. एनएसयूआई के हमारे अध्यक्ष विधायक बन गए हैं. उन्होंने स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी मंशा बता दी है. अब फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है. जहां तक महिला कांग्रेस अध्यक्ष का सवाल है, तो महिला कांग्रेस में हमेशा मनोनयन की व्यवस्था रही है. जब महिला कांग्रेस अच्छा काम कर रही है,तो फिलहाल बदलाव की जरूरत नहीं है. सेवादल में भी बदलाव हो चुका है.

भोपाल। देश के सबसे पुराने राजनीतिक संगठन में इन दिनों बदलाव की बयार चल रही है. एआईसीसी से लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जा रहे हैं. कुछ फेरबदल हो चुके हैं और कुछ का इंतजार है. 7 साल बाद हुए युवा कांग्रेस के चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. नए प्रदेश अध्यक्ष ने कामकाज भी संभाल लिया है. अब एनएसयूआई में बदलाव की चर्चा जोर पकड़ रही है.

दरअसल एनएसयूआई में पिछले 8 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विधायक बन गए हैं और वह खुद संगठन में बदलाव की सिफारिश कर रहे हैं. हालांकि एनएसयूआई में चुनाव प्रक्रिया के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष का चयन होता है, इसलिए राष्ट्रीय संगठन ही अंतिम फैसला लेगा. वहीं दूसरी तरफ महिला कांग्रेस में तो पिछले 10 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है. महिला कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन होता है. कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो जल्द ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के इन दो मुख्य संगठन में बदलाव देखने मिलेगा.

कमलनाथ ने दिए संगठन में फेरबदल के निर्देश

कमलनाथ जब मई 2018 में मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो उन्होंने संगठन में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया था. पीसीसी स्तर पर उन्होंने कामकाज में मदद के लिए अपनी टीम जरूर बनाई थी. कांग्रेस संगठन के दूसरे मोर्चा प्रकोष्ठ में कोई बदलाव नहीं किया था और पुरानी टीम ही काम कर रही थी. अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्य संगठन और ऐसे दूसरे संगठन जहां लंबे समय से एक ही व्यक्ति पद पर बैठे हुए हैं, उनमें बदलाव के निर्देश दिए हैं. हालांकि कमलनाथ ने यह भी कहा है कि जिनका कामकाज बढ़िया हो,उनकी जिम्मेदारी में किसी तरह का फेरबदल ना किया जाए.

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के 7 साल बाद हुए चुनाव

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस को 7 साल बाद नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है. कांग्रेस में युवा कांग्रेस इकाई में चुनाव द्वारा अध्यक्ष का चयन किया जाता है, तो बाकी कार्यकारिणी भी चुनाव के द्वारा ही तैयार होती है. हालांकि 2017 में युवा कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण प्रक्रिया टाल दी गई थी. मार्च 2020 में फिर प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन कमलनाथ सरकार गिरने के कारण यह प्रक्रिया टाल दी गई. हाल ही में दिसंबर माह में युवा कांग्रेस के चुनाव संपन्न हुए और डॉ विक्रांत भूरिया युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं.

8 साल से एनएसयूआई में चुनाव का इंतजार

मप्र एनएसयूआई में पिछले 8 साल से अध्यक्ष पद पर एक ही व्यक्ति काबिज हैं. विपिन वानखेड़े 8 साल पहले एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. विपिन वानखेड़े हाल ही में उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं. एनएसयूआई में लागू आयु सीमा के अनुसार भी वह 33 साल की उम्र पार कर चुके हैं. आयु सीमा बंधन के हिसाब से अब वह एनएसयूआई के सदस्य नहीं रह सकते हैं. हालांकि विपिन वानखेड़े ने अपने राष्ट्रीय संगठन को बता दिया है कि वह विधायक पद की जिम्मेदारी के कारण संगठन को ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं, इसलिए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं.

महिला कांग्रेस में भी 10 साल से बदलाव का इंतजार

मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के तौर पर 10 साल पहले मांडवी चौहान को मनोनीत किया गया था. तब से मांडवी चौहान ही महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनी हुई हैं. कई बार महिला कांग्रेस में भी फेरबदल की मांग उठी है. अभी तक महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर किसी नई महिला का चयन नहीं किया गया है.

विवेक त्रिपाठी

जल्द होगा एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव

एनएसयूआई से प्रदेश युवा कांग्रेस में पहुंचे विवेक त्रिपाठी बताते हैं कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक परिवार में बहुत सारे परिवर्तन शुरू हो गए हैं. पहली शुरुआत युवा कांग्रेस के माध्यम से हुई है. मैं समझता हूं कि निश्चित ही दूसरे मोर्चा संगठन में भी बदलाव होगा. एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. यहां पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया द्वारा पदाधिकारियों का चयन किया जाता है. मध्यप्रदेश के छात्र बहुत जल्दी एनएसयूआई की कार्यकारिणी का चयन करेंगे.निश्चित ही शीर्ष नेतृत्व जल्द निर्णय लेगा.

प्रकाश जैन

महिला कांग्रेस में मनोनयन की व्यवस्था

मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रकाश जैन बताते हैं कि जहां तक एनएसयूआई का सवाल है. एनएसयूआई के हमारे अध्यक्ष विधायक बन गए हैं. उन्होंने स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी मंशा बता दी है. अब फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है. जहां तक महिला कांग्रेस अध्यक्ष का सवाल है, तो महिला कांग्रेस में हमेशा मनोनयन की व्यवस्था रही है. जब महिला कांग्रेस अच्छा काम कर रही है,तो फिलहाल बदलाव की जरूरत नहीं है. सेवादल में भी बदलाव हो चुका है.

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