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विधायक विश्राम गृह के लिए पेड़ों की बलि पर गरमाई सियासत, स्पीकर ने कहा- छपास की बीमारी दूर करें शिवराज

विधायक विश्राम गृह बनाए जाने के लिए काटे गए पेड़ों पर सियासत शुरू हो गयी है, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष ने विरोध जताया है.

शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री
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Published : Oct 31, 2019, 2:36 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 3:14 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों के लिए नए विधायक विश्राम गृह बनाए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है. विश्राम गृह के लिए काटे गए पेड़ों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विरोध जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष पर टिप्पणी की थी. जिसका जवाब देते हुए स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि शिवराज सिंह छपास की बीमारी खत्म करें.

शिवराज के बयान पर स्पीकर का पलटवार

स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि शिवराज सिंह ने जो बयान दिया है, उसके बाद वे पूछना चाहते हैं कि क्या वे विधायक विरोधी हैं. विधानसभा एक संस्था है, जिसमें चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य हैं, जिन्हें विधायक कहा जाता है. खुद शिवराज सिंह 450 वर्ग फीट के बंगले में रह रहे हैं. शिवराज सिंह के जमाने में ही इस प्रस्ताव को इजाजत मिली थी. ग्रीन ट्रिब्यूनल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हो या फिर 33 लाख रुपए दिए गए हों, ये सब आप के जमाने में ही हुआ है.

उन्होंने कहा कि एनपी प्रजापति आपके कामों को ही आगे बढ़ा रहे हैं. लोकतंत्र की संस्थागत सदन विधानसभा के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी न करें. जिनको बात करनी है, वे सामने आएं. ये छपास की बीमारी को खत्म करें.

गौरतलब है कि अरेरा हिल्स पर प्रस्तावित नवीन विधायक विश्राम गृह को बनाए जाने के लिए पेड़ों के काटे जाने का शिवराज सिंह ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पेड़ों की बलि देकर विधायकों के आवास बनाने की जिद विधानसभा स्पीकर को छोड़ना चाहिए. इसका कोई औचित्य नहीं है, ये जन भावना के विपरीत है. शिवराज सिंह के इस बयान को लेकर स्पीकर एनपी प्रजापति खासे नाराज दिखे.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों के लिए नए विधायक विश्राम गृह बनाए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है. विश्राम गृह के लिए काटे गए पेड़ों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विरोध जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष पर टिप्पणी की थी. जिसका जवाब देते हुए स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि शिवराज सिंह छपास की बीमारी खत्म करें.

शिवराज के बयान पर स्पीकर का पलटवार

स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि शिवराज सिंह ने जो बयान दिया है, उसके बाद वे पूछना चाहते हैं कि क्या वे विधायक विरोधी हैं. विधानसभा एक संस्था है, जिसमें चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य हैं, जिन्हें विधायक कहा जाता है. खुद शिवराज सिंह 450 वर्ग फीट के बंगले में रह रहे हैं. शिवराज सिंह के जमाने में ही इस प्रस्ताव को इजाजत मिली थी. ग्रीन ट्रिब्यूनल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हो या फिर 33 लाख रुपए दिए गए हों, ये सब आप के जमाने में ही हुआ है.

उन्होंने कहा कि एनपी प्रजापति आपके कामों को ही आगे बढ़ा रहे हैं. लोकतंत्र की संस्थागत सदन विधानसभा के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी न करें. जिनको बात करनी है, वे सामने आएं. ये छपास की बीमारी को खत्म करें.

गौरतलब है कि अरेरा हिल्स पर प्रस्तावित नवीन विधायक विश्राम गृह को बनाए जाने के लिए पेड़ों के काटे जाने का शिवराज सिंह ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पेड़ों की बलि देकर विधायकों के आवास बनाने की जिद विधानसभा स्पीकर को छोड़ना चाहिए. इसका कोई औचित्य नहीं है, ये जन भावना के विपरीत है. शिवराज सिंह के इस बयान को लेकर स्पीकर एनपी प्रजापति खासे नाराज दिखे.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों को नवीन विधायक विश्रामगृह बनाए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। अरेरा हिल्स पर प्रस्तावित नवीन विधायक विश्रामगृह को बनाए जाने के लिए पेड़ों के काटे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विरोध जताते हुए कहा है कि पेड़ों की बलि देकर विधायकों के आवास बनाने की जिद विधानसभा स्पीकर को छोड़ना चाहिए। इसका कोई औचित्य नहीं है, यह जन भावना के विपरीत है। शिवराज सिंह के इस बयान को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति खासे नाराज हो गए हैं।उन्होंने शिवराज सिंह को विधायक विरोधी बताते हुए छपास की बीमारी खत्म करने की सलाह दी है और कहा है कि लोकतंत्र की संस्था सदन विधानसभा के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से बचें। उन्होंने मीडिया को भी इस मामले में जानकारी ना होने पर कुछ भी प्रसारित या प्रकाशित न करने की सलाह दी।


Body:दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों के लिए जो अभी पुराने विधायक विश्रामगृह हैं, उनमें जो विधायकों के आवास हैं, वह काफी छोटे हैं।शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए ही अरेरा हिल्स में विधायकों के लिए नवीन विधायक विश्रामगृह बनाने का प्रस्ताव आया था और प्रस्ताव से संबंधित ज्यादातर अनुमतिया और औपचारिकताएं भी पूरी हो गई थी। लेकिन सरकार बदले जाने के बाद अब यह नई सरकार के कार्यकाल में कामकाज हो रहा है। प्रस्तावित नवीन विधायक विश्रामगृह के लिए कुछ पेड़ों के काटे जाना भी प्रस्तावित है।जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एतराज जताया है और विधानसभा अध्यक्ष को जिद छोड़ने की सलाह दी है और कहा है कि यह जनता की भावना के विपरीत है,लोक लाज से ही लोकतंत्र चलता है।


Conclusion:पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इस बयान से भड़के विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा है कि आज जो शिवराज जी ने बयान दिया है। मैं पूछना चाहता हूं कि शिवराज जी आप क्या विधायक विरोधी हैं। विधानसभा एक संस्था है, जिसमें चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य हैं, जिन्हें विधायक कहा जाता है।आज वह 450 वर्ग फीट में रह रहे हैं. शिवराज जी आप ही के जमाने में ही इस प्रस्ताव की परमीशन मिली। चाहे ग्रीनट्रिब्यूनल हो, चाहे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हो, चाहे वृक्षों को फिर से पौधरोपण करने का मामला हो, चाहे 33 लाख रुपए दिए गए हो। यह सब आप के जमाने में हुआ है। अध्यक्ष एनपी प्रजापति आपके कामों को ही आगे बढ़ा रहा है। लेकिन मुझे आज दुख हुआ है कि आपने कहा है कि अध्यक्ष जी ने अड़े ना, नहीं ऐसा मत करिए। मेरा कहना है कि आप ऐसा करते हैं,तो विधायक विरोधी हैं।लोकतंत्र की संस्था सदन विधानसभा के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी ना करें। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी भी ना करें। जिनको बात करनी है वह यहां आए, वन टू वन बात करें। छपास की बीमारी खत्म करें।

वहीं उन्होंने समाचार पत्रों और मीडिया में छप रही खबरों को लेकर कहा कि आप पहले विषय को जान लें। मैं जो बोल रहा हूं कि सभी परमिशन हो चुकी हैं।अभी नहीं पूर्व की सरकार ने ही कर दी थी। शिवराज सिंह ने कर दी थी, आज वो इसका विरोध कर रहे हैं, यह गलत बात है। वहां पर पहले झुग्गी झोपड़ी थी,अब यह निर्माण होना है। व्यवसायी लोगों के झगड़े में पत्रकारिता ना पड़े, यह व्यवसायी लोगों के झगड़े का प्रतिफल है।
Last Updated : Oct 31, 2019, 3:14 PM IST
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